हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ लेकिन 500 से अधिक रियासतें, अखण्ड भारत के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा थी। गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने इस समस्या का समाधान बड़ी सूझबूझ और तत्परता के साथ किया। सरदार के इस अदम्य साहस और अचूक रणनीति का परिणाम है कि आज हम भारत को वर्तमान स्वरूप में देख रहे हैं।
स्वतंत्रता के बाद 1 जुलाई 2017 को भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सूझबूझ और साहस का एक और परिणाम देखा, जब देश आर्थिक रुप से अखण्ड बना। इससे पहले देश में कारोबार करने पर 17 तरह के टैक्स लगते थे, हर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार अलग-अलग टैक्स लेती थी। लगभग एक साल बाद, यह जानने की जरूरत है कि जीएसटी ने देश को क्या दिया-
-
- एक राष्ट्र, एक बाजार, एक टैक्स का विजन साकार हुआ।
- 17 तरह के टैक्स (सेल टैक्स, एक्साइज टैक्स, वैट,आक्टराय, प्रवेश शुल्क इत्यादि) समाप्त हो गये।
- एक ही दर से सेवाओं और उत्पादों पर टैक्स लगाना संभव हुआ।
- टैक्स पर टैक्स लगने वाली दमघोंटू व्यवस्था का दम तोड़ दिया।
- देश में एक बाजार बना, जिसमें देशी कंपनियों को सामान और सेवाओं की मांग पूरा करने का बड़ा अवसर मिला।
- कंपनियों पर टैक्स का बोझ कम हुआ, जिससे फायदा नागरिकों को सस्ते सामान और सेवाएं मिलना संभव हुआ।
अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पर जीएसटी का प्रभाव
- पूरे देश में एक समान कर वाली अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था खड़ी हुई।
- स्थानीय उत्पादों और सेवाओं पर टैक्स में कमी आयी।
- उत्पादों और सेवाओं को निर्यात करना आसान हुआ।
- टैक्स के लेनदेन में पूरे देश में एक ही प्रक्रिया लागू हो गई।
- सामानों की आवाजाही की निगरानी करने वाले चेक पोस्टों को समाप्त कर दिया।
- सामानों की आवाजाही के लिए पूरे देश में एक ई-वे बिल व्यवस्था लागू हुई।
- सामानों की देश के कोने से दूसरे कोने तक ले जाने में समय और पैसे की बचत होने लगी।
- जीएसटी और ई-वे बिल पर चेकपोस्टों पर लगने वाली लंबी लाइनें खत्म हो गई।
- कंपनी कंपनी जाकर जांच करने वाले इंसपेक्टर राज का अंत हो गया। भ्रष्टाचार का स्रोत बंद हुआ।
- टैक्स देने वालों को सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाना बंद हो गया।
- जुड़े किसी भी काम को चौबीस घंटे में किसी समय में किया जा सकता है, सारे काम ऑनलाइन होते हैं।
जीएसटी से देश के 25 करोड़ परिवारों को हुआ फायदा
- टैक्स कम होने से हर परिवार में लगभग 4% प्रति माह की बचत होने लगी।
- परिवारों में प्रयोग होने वाले 99 प्रतिशत सामानों पर टैक्स पहले से आधा हो गया।
- परिवारों में प्रयोग होने वाले आवश्यक सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगता, जबकि पहले इन सामानों पर टैक्स देना पड़ता था।
- अमीरों द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं और शराब, सिगरेट आदि पर सबसे अधिक टैक्स लगता है।
- परिवारों में उपयोग की जाने वाले 83 सामानों पर पहले से टैक्स बहुत ही कम हो गया है।
जीएसटी से परिवारों में उपयोग होने वाले सामानों पर टैक्स कम हुआ
क्रम सं. | जीएसटी में कम टैक्स वाले सामान | जीएसटी से पहले टैक्स | जीएसटी के बाद टैक्स |
1. | टूथ पाउडर | 17% | 12% |
2. | टूथ पेस्ट, केश तेल, साबून | 27% | 18% |
3. | कास्मेटिक और परफ्यूम | 28% | 18% |
4. | डिटर्जेंट और वाशिंग पाउडर | 28% | 18% |
5. | पालिश, क्रीम, जूते, फर्नीचर | 28% | 18% |
6. | बाथरुम और टायलेट के सामान | 28% | 18% |
7. | 1000 रुपये तक के जूते-चप्पल | 10% | 5% |
8. | 1000 रुपये से ऊपर के जूते-चप्पल | 21% | 5% |
9. | रसोई और घर के सामान | 28% 18% | 12% |
10. | गैस का चूल्हा | 21% | 18% |
11. | दरवाजे, खिड़कियां, चौखट | 28% | 18% |
12. | एलईडी | 15% | 12% |
13. | कैरोसिन तेल का स्टोव | 8% | 5% |
14. | वैक्यूम फ्लासक और वेसल | 28% | 18% |
15. | सिलाई मशीन | 16% | 12% |
16. | यूपीएस | 28% | 18% |
17. | हाथ घड़ी और अन्य घड़ियां | 28% | 18% |
18. | बांस और केन के फर्नीचर | 23% | 12% |
19 | लकड़ी के अन्य फर्नीचर | 28% | 18% |
20. | दरियां | 28% | 18% |
21. | 27 इंच तक का टीवी | 31.3% | 18% |
22. | रेफ्रिजरेटर | 31.3% | 18% |
23. | वाशिंग मशीन | 31.3% | 18% |
24. | इलेक्ट्रिक के सामान, मिक्सर, जूसर, वैक्यूम क्लिनर | 31.3% | 18% |
25. | गीजर, पंखा, कूलर | 31.3% | 18% |
26. | मोबाइल फोन | 31.3% | 18% |
27. | 100 रुपये से ऊपर के फिल्म के टिकट | 35% | 18% |
28. | 100 रुपये तक के फिल्म के टिकट | 35% | 12% |
जीएसटी से किसानों को मिला फायदा
- फर्टिलाइजर पर टैक्स मात्र 5% प्रतिशत रह गया।
- सब्जियों, फल, फूल, दालों और अनाजों पर टैक्स खत्म हो गया।
- ब्रांड वाले और पैक्ड फूड पर टैक्स 5% रह गया।
- दूध, दही, लस्सी और छाझ पर टैक्स खत्म हो गया।
- जानवरों के चारे, मछलियों और मुर्गियों के चारे पर टैक्स खत्म हुआ।
- सभी प्रकार के बीजों पर टैक्स खत्म हो गया।
- खेती में उपयोग होने वाले हाथों के औजार पर टैक्स खत्म हो गया।
- गेंहू पीसने की मशीन,चावल की मशीनों आदि पर टैक्स 5% प्रतिशत रह गया।
- खेती में काम आने वाली सभी मशीन और उपकरणों पर 12 % ही टैक्स रह गया।
- खेती में उपयोग होने वाली सेवाओं पर भी टैक्स खत्म हो गया।
- रेल, रोड के माध्यम से कृषि उत्पाद, दूध,जैविक खाद की ढुलाई पर टैक्स खत्म हो गया।
इस तरह से देश में जीएसटी ने अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में क्रांतिकारी परिर्वतन किया है। इस एक कदम ने देश को मजबूत आर्थिक नींव दी है। अगर इसे आज से करीब 2 दशक पहले किया जाता तो भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका होता।