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यूपीए शासनकाल में फ्रॉड करने वाले अब आ रहे हैं शिकंजे में

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यूपीए शासनकाल में करोड़ों रुपये का फ्रॉड करने वालों पर अब शिकंजा कसता जा रहा है। इसी कड़ी में सीबीआई ने खनन कंपनी अभिजीत समूह के प्रमोटर मनोज जायसवाल और अभिषेक जायसवाल के साथ केनरा बैंक के पूर्व डीजीएम को बैंक को कथित तौर पर 290 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में गिरफ्तार किया है। जांचकर्ताओं ने पाया कि यह घोटाला काफी बड़े पैमाने पर किया गया। इसमें अभिजीत समूह की 13 कंपनियों ने करीब 20 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कर्ज लिया जो वर्ष 2014 से फंसा हुआ कर्ज बन गया जिससे उनका बकाया कर्ज 11,000 करोड़ रुपये हो गया। यह कर्ज यूपीए शासन के दौरान वर्ष 2011 से 2013 के बीच में लिया गया था।

केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद एजेंसी ने कथित आपराधिक साजिश तथा जालसाजी के मामले में आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2015 में मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने बताया कि कथित तौर पर केनरा बैंक को लगभग 218.85 करोड़ रुपये और विजया बैंक को 71.92 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

कुल लोन का 56.4 फीसदी बैड लोन
बैड लोन की बात करें तो दिसंबर 2016 तक सरकारी बैंकों का NPA 6,14,872 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह रकम सरकारी बैंकों द्वारा दिए गये लोन का 56.4 फीसदी है। ये बैड लोन पूर्ववर्ती सरकारों की देन हैं। मोदी सरकार ने इतना जरूर किया है कि बैड लोन लेने वालों के खिलाफ 1724 प्राथमिकियां दर्ज करायी हैं, उन पर लोन लौटाने का दबाव बनाया है। इतना ही नहीं 5 मई 2017 को एक अध्यादेश के जरिए सरकार ने RBI को सशक्त बनाया है कि वह NPA संकट से निकलने के लिए सख्त कार्रवाई करे। मोदी सरकार का ध्यान उन 50 कंपनियों पर भी है जिन पर 80-85 फीसदी रकम है। सरकार उन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।

कंपनियों पर है हजारों करोड़ का बकाया

कंपनियां                             बकाया (करोड़ में)
भूषण स्टील                              90 हजार करोड़
वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज                   58 हजार करोड़
जयपी ग्रुप                               55 हजार करोड़
एस्सार ग्रुप                               50 हजार करोड़
जिन्दल ग्रुप                               38 हजार करोड़
आलोक इंडस्ट्रीज                        25 हजार करोड़
लांको                                     19 हजार करोड़
एबीजी शिपयार्ड                         15 हजार करोड़
पुंज लॉयड                               14 हजार करोड़
इलेक्ट्रो स्टील स्टील्स                     14 हजार करोड़
अबन होल्डिंग्स                          13 हजार करोड़
मोनेट इस्पात                            12 हजार करोड़
प्रयागराज पावर                          12 हजार करोड़
एरा ग्रुप                                    7 हजार करोड़

बैड लोन में फंसे हैं बैंक
31 मार्च 2015 तक            बैड लोन लेने वाले                   रकम
एसबीआई समूह                 1628                    16,834 करोड़
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया           722                  4428.62 करोड़
पीएनबी                            410                  7282.25 करोड़
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स      382                  3877.44 करोड़ 
यूको बैंक                          594                  3677.08 करोड़

यूपीए सरकार ने किए थे 1.14 लाख करोड़ के डूबे कर्जे माफ
यूपीए सरकार के रहते 2013-14 में 29 राष्ट्रीय बैंकों ने 1 लाख 14 हजार करोड के डूबे कर्जों को माफ कर दिया था। ये रकम उनके पिछले 9 सालों में डूबे हुए कर्ज के रिकॉर्ड से कहीं ज्यादा है।

 

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