Home पोल खोल ‘बिहार के सबसे बड़े जमींदार परिवार’ पर कानून का कसता शिकंजा

‘बिहार के सबसे बड़े जमींदार परिवार’ पर कानून का कसता शिकंजा

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गरीबों की राजनीति के नाम पर खुदगर्ज, मौकापरस्त नेता की तरह लालू प्रसाद सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार का हित ही सोचते रहे और बिहार को गर्त में डुबो दिया। दरअसल लालू प्रसाद एंड फैमिली ने सत्ता का दुरुपयोग करके भ्रष्ट तरीकों से हजारों करोड़ रुपये की संपत्त‌ि अर्जित की है। आलम यह है कि आज प्रदेश के आम लोग लालू एंड फैमिली को ‘बिहार का सबसे बड़ा जमींदार परिवार’ कहने लगे हैं। तीन केंद्रीय एजेंसियां- सीबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय लालू परिवार के खिलाफ जांच कर रही हैं। बीते कई वर्षों से चारा घोटाला मामले में सुनवाई और सजा का सामना कर रहे लालू के सामने अब नई चुनौतियां हैं। घोटाले और फर्जीवाड़े की बुनियाद पर खड़े सजायाफ्ता लालू प्रसाद पर एक बार फिर कानून की तलवार लटक रही है। एक हजार करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव से आयकर विभाग की पूछताछ के बाद अब बारी लालू प्रसाद की भी आने वाली है। आयकर विभाग की टीम लालू प्रसाद से पूछताछ की तैयारी में है।

लालू की रैली के लिए चित्र परिणाम

लालू से होगी पूछताछ
मंगलवार (29 अगस्त) को आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा बेनामी संपत्ति के मामले को लेकर लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव से घंटो तक पूछताछ की गई। लेकिन पूछताछ के दौरान राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के द्वारा दिए गए जवाब से अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए। इस कारण अगली बार लालू प्रसाद या अन्य को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया जा सकता है।

तेजस्वी की ‘नाबालिग’ दलील
मंगलवार को आयकर अधिकारियों द्वारा छापेमारी में मिले कागजात को दिखा कर तेजस्वी यादव से सवाल किए गए। इनमें से कुछ कागजात राजद सांसद प्रेम चंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता के आवास से मिले थे। भले ही वह खुद के नाबालिग होने की कितनी भी दुहाई दें। बकौल तेजस्वी यादव, जो आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं, उसकी डील उनकी 13-14 साल की उम्र में हुई। तेजस्वी की माने तो ये डील उनके पिता ने की या कराई।

तेजस्वी के लिए चित्र परिणाम

भ्रष्टाचार के महानायक हैं लालू 
लालू प्रसाद का भ्रष्टाचार दरअसल अमरबेल की तरह है, जिसने पूरे परिवार को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। दरअसल अमरबेल वह लता होती है जिस पेड़ पर होती है उसे पूरा ढक लेती है। लालू प्रसाद द्वारा बिहार के गरीब-गुरबे जनता के साथ किए गए धोखे और ‘पापों’ की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि उसमें पूरा परिवार उलझा हुआ है।

चारा घोटाला
1990 से 97 के दौरान लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे, इसी दौरान बिहार में चारा घोटाला हुआ। माना जाता है कि इस घोटाले में बिहार सरकार के राजस्व में 1000 करोड़ की गड़बड़ी की गई। 30 सितंबर 2013 को 44 अन्य के साथ सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को इस मामले में दोषी ठहराया गया। 2014 में झारखंड हाईकोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाले मामले में पेंडिंग चार मामलों को खत्म कर दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई 2017 को चारा घोटाला केस को दोबारा खोल दिया। शीर्ष कोर्ट ने आदेश दिया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज चार अन्य मामलों में भी अलग से ट्रायल चलाया जाए।

रेलवे होटल घोटाला
सीबीआई ने जुलाई महीने के शुरुआत में वर्ष 2006 के एक मामले में कथित अनियमितता के आरोप में लालू यादव के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके साथ ही सीबीआई ने लालू और उनके परिवार से जुड़े 12 ठिकानों पर छापा भी मारा गया। ये सभी ठिकाने दिल्ली, पटना, रांची और गुरुग्राम में हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि रांची और पुरी के दो होटलों की देखभाल और मरम्मत के लिए निकाले गए टेंडर में गड़बड़ियां पाई गई हैं। इन दोनों होटलों को टेंडर के जरिए सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था।

बेनामी संपत्तियां
20 जून को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों की जब्त की गई संपत्ति की एक सूची जारी की। आईटी डिपार्टमेंट ने लालू के रिश्तेदारों की 12 संपत्तियां जब्त की हैं। इनमें कुछ लालू की बेटी मीसा भारती की और उनके पति शैलेश कुमार की हैं। साथ ही बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, रागिनी और चंदना यादव की हैं। जब्त की गई संपत्तियों में दिल्ली का एक फॉर्म हाउस और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक बंगला भी है। इन संपत्तियों का मार्केट वैल्यू 175 करोड़ से ज्यादा का है, जबकि इनको 9.32 करोड़ में खरीदा गया था।

मनी लॉड्रिंग केस
मई महीने में ईडी ने लालू यादव की बेटी मीसा भारती की कंपनी से जुड़े एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को गिरफ्तार किया। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इन पर 8 हजार करोड़ रुपये की मनी लॉड्रिंग का आरोप है।

तेजस्वी के खिलाफ केस
लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ बिहार के सबसे बड़े मॉल का प्रमोशन कर रही कंपनी में भारी शेयर रखने का आरोप है।

तेज प्रताप के खिलाफ केस
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ कथित तौर पर जमीन कब्जाने और पेट्रोल पंप रखने का आरोप है।

मीसा, रागिनी और हेमा के खिलाफ केस
लालू की तीन बेटियों के खिलाफ भी शेल (मुखौटा) कंपनियों में डायरेक्टर होने का आरोप है।

मंत्री पद देकर जमीन कब्जाने का आरोप
लालू प्रसाद पर राजद नेताओं को मंत्री पद देकर उनकी जमीन कब्जाने का भी आरोप है। इसके अलावा रेलमंत्री रहने के दौरान आम लोगों को नौकरी देकर उनकी जमीन हथियाने का आरोप है। इन मामलों में जमीनें लालू के बेटों को दान की गई हैं।

धर्मनिरपेक्षता की आड़ ले रहे लालू
28 जुलाई को जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे तो उन्होंने कहा, “बिहार में महागठबंधन को जनादेश एक परिवार की सेवा के लिए नहीं मिला था। धर्मनिरपेक्षता की आड़ में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं कर सकते।‘’ दरअसल लालू प्रसाद की राजनीति को देखें तो महज धर्मनिरपेक्षता के नाम पर तमाम भ्रष्टाचारियों के साथ इकट्ठे हैं।

लालू की रैली के लिए चित्र परिणाम

विपक्षी एकता की खोखली दलील
बीते 27 अगस्त को जब पटना में राजद की रैली हुई तो भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे कई नेताओं का एक मंच पर जमावड़ा लगा। मंच पर विराजमान नेताओं में ज्यादातर कहीं न कहीं भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। ममता बनर्जी शारदा-नारदा घोटाले में घिरी हुईं हैं। अखिलेश यादव पर यमुना एक्सप्रेस-वे जैसे घोटालों के दाग हैं। सोनिया गांधी का संदेश रैली में सुनाया गया था। लेकिन वे और उनके पुत्र राहुल गांधी भी नेशनल हेरल्ड और राजीव गांधी ट्र्स्ट के घोटालों के कारण सवालों में हैं।

लालू की रैली के लिए चित्र परिणाम

अगले एक्शन की तैयारी में CBI
रेलवे के होटल टेंडर घोटाला में करीब दो महीने पहले ही छापेमारी के बाद अब सीबीआई अगले एक्शन की तैयारी में लगी है। जांच टीम ने रेल मंत्रालय से कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की है। इसके अलावा अन्य स्तरों पर भी पड़ताल की जा रही है। एक्सपर्ट अफसरों की टीम द्वारा हालात, तथ्य, उपलब्ध सबूत, छापेमारी में मिले द्तावेज-सामान व अन्य परिस्थितियों के आधार पर सवालों की लिस्ट तैयार की जा रही है।

बहरहाल चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद भले ही राजनीतिक रूप से मजबूत दिखाने की कोशिश करते हों, लेकिन भीतर बड़ी बेचैनी है। दरअसल अपनी हर संतान का भविष्य सुरक्षित करने के लिए लालू ने अपने लोभ और लालच पर कोई लगाम नहीं लगाई। अब लालू एंड फैमिली को इसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी।

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