Home गुजरात विशेष Textile के क्षेत्र में भारत को महत्वपूर्ण शक्ति बनाना है- पीएम मोदी

Textile के क्षेत्र में भारत को महत्वपूर्ण शक्ति बनाना है- पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गांधीनगर में ‘Textile India 2017’ सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल के क्षेत्र में अब तक जितनी भी प्रदर्शनियां हुई हैं उन सबमें अबकी बार की प्रदर्शनी कई गुना उत्तम है। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय वस्त्र उद्योग के अति प्राचीन इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि देश में textiles and apparel उद्योग में दुनिया भर में उत्पादन और निवेश के लिए महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बनने की क्षमता है।

कृषि और उद्योग के बीच पुल है Textile

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टेक्सटाइल उद्योग ऐसा क्षेत्र है जो कृषि और उद्योग के बीच पुल का काम करता है। कपास की खेती हो या सिल्क का उत्पादन हो इस उद्योग पर बहुत कुछ निर्भर करता है। क्योंकि ये उद्योग बाजार मुहैया कराने का काम करता है। इसकी एक पटरी पर किसान है और दूसरी पर उद्योग है । इस कार्यक्रम में गुजरात और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्रियों समेत दुनिया भर के 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस अवसर पर पीएम ने गांधी नगर में अब तक के सबसे उत्तम ‘Textile India 2017’ प्रदर्शनी के लिए केंद्रीय कपड़ा मंत्री समेत इससे जुड़े सभी लोगों को बधाई दी।

वस्त्र उद्योग भारत की प्राचीन परंपरा

पीएम मोदी ने भारत में कपड़ा उद्योग के इतिहास की बात कर कहा कि, ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसका सदियों से भारत में महत्व रहा है। भारत के शास्त्रों में भी वस्त्रों की महिमा का जिक्र होता रहा है। पीएम ने ये भी बताया कि भारत का सदियों से दूसरे देशों के साथ इस उद्योग में व्यापार होता रहा है। उन्होंने बताया कि किस तरह से रास्तों के नाम भी धागों के नाम पर प्रचलित थे। इसके लिए उन्होंने सिल्क रूट का नाम लिया। जिससे गुजरते हुए कितने ही विदेशी नागरिक और यात्री भारत आए और अपने साहित्यों में उसे जगह दी।

पीएम ने किया संत कबीर को याद

पीएम ने बनारस के एक बुनकर से मिले उपहार के बारे में याद कर कहा कि कैसे उस स्टॉल पर धागों से कबीर के दोहे उकेरे गए थे। पीएम ने कहा कि कबीर दास खुद सूत काटते थे, कपड़ा बुनते थे और उसे रंग भी देते थे। उनके दोहों में वही व्यक्त हुआ । पीएम ने कबीर दास की उन प्रसिद्ध पंक्तियों को भी सुनाया-

“झीनी-झीनी बीनी चदरिया, काहे के ताना काहे के भरनी, कौन तार से बीनी चदरिया।”

भारत की सांस्कृतिक विरासत है कपड़ा उद्योग

इस अवसर पर पीएम ने देश में वस्त्र और इसकी सांस्कृतिकता विविधता से जुड़ी बातों का भी जिक्र किया। जैसे कांचीपुरम, बनारस और असम का सिल्क, कश्मीर का पश्मीना, लखनऊ के चिकन का काम, ओडिशा और तेलंगाना का इक्कट एवं गुजरात में पाटन का पटोला के साथ ही कच्छ के शॉल को याद किया। पीएम के अनुसार ये सैकड़ों वर्षों से अपने इलाकों को पहचान देते रहे हैं। ऐसी विविधता दुनिया में कहीं नहीं मिलेगी।

Textiles and apparel उद्योग में महत्वपूर्ण शक्ति बन सकता है देश

इस अवसर पर पीएम मोदी ने भारत में कपड़ा उद्योग में असीम संभावनाओं की चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का संगठित कपड़ा उद्योग Skill, scale, speed and zero defect के माध्यम से रोजगार, उत्पादन और निर्यात के लिए दुनिया का बेहतरीन liberal investment destination है। उन्होंने कहा कि कई बार लोग विदेशों में कपड़ा खरीदते हैं और घर आकर पता चलता है कि ये तो अपने ही देश का बना माल है।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण शक्ति बनाना है। इसके लिए उन्होंने ऑर्गेनिक उत्पादों के इस्तेमाल और उत्पादन पर बल दिया।

उन्होंने लोगों को बताया कि निवेश के लिए भारत एक महत्वपूर्ण ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। ये सब लगातार लिए गए नीतिगत फैसलों से संभव हुआ है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सरकार ने 7000 से अधिक सुधार किये हैं। इसकी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाया है। आज UN की लिस्ट के अनुसार विश्व के टॉप 10 देशों में भारत तीसरा FDI डेस्टिनेशन बन चुका है।

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