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मोदी राज में पूर्ण स्वच्छता की ओर बढ़ते कदम, 2014 के बाद बने 9 करोड़ से अधिक शौचालय

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चार वर्ष पहले तक कोई सोचता नहीं था कि कोई सरकार स्वच्छता को जन आंदोलन बनाएगी और गांधी जी का स्वच्छ भारत का सपना साकार होगा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद यह सच होता दिखाई दे रहा है। सरकार ने तय किया है कि 2 अक्टूबर, 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त किया जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पहल करते हुए नये-नये कार्यक्रम और अभियानों की शुरूआत की और इसमें जनभागीदारी को भी बढ़ावा दिया। 

90 प्रतिशत भारतीयों के घरों में शौचालय
प्रधानमंत्री मोदी ने जब स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था, तब देश का एक भी राज्य खुले में शौच की समस्या से मुक्त नहीं था। अब 90 प्रतिशत भारतीयों के घरों में शौचालय की सुविधा है। एनडीए सरकार ने 2014 से देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए 9.17 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया है। आज 90 प्रतिशत भारतीयों के पास शौचालय की सुविधा है, जोकि 2014 से पहले केवल 40 प्रतिशत थी। लगभग 5.04 लाख गांवों, 451 जिलों, 2800 शहरों, 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है।

डब्ल्यूएचओ ने की स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ की है। ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ के स्वास्थ्य लाभों पर अपने अध्ययन में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इस कार्यक्रम से तीन लाख से अधिक लोगों की जिंदगियां बच सकती हैं। डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ रिचर्ड जॉनस्टन ने कहा कि अनुमान है कि ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ से 2014 और अक्तूबर, 2019 के बीच तीन लाख से अधिक लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया जाएगा। रिचर्ड ने कहा कि 2014 में स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने से पहले स्वच्छता नहीं होने से हर साल डायरिया के 19.9 करोड़ मामले सामने आते थे। ये धीरे-धीरे घट रहे हैं और अक्तूबर, 2019 तक सुरक्षित स्वच्छता सुविधाओं का यूनिवर्सल इस्तेमाल पूरा हो जाने से इसका पूरी तरह सफाया हो जाएगा। अध्ययन में पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता सेवाओं, व्यक्तिगत स्वच्छता में सुधार का सबूत मिला जिसका सकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव रहा।

पीएम मोदी ने रखी शौचालय की नींव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सामने उस समय मिसाल पेश की, जब उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के शहंशाहपुर गांव में अपने हाथों से पहली बार शौचालय की नींव रखी। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि मैं जिस गांव में गया, वहां शौचालय में लिखा हुआ था- इज्जत घर। ये हमारी महिलाओं की इज्जत के लिए ही है। जो महिलाओं की इज्जत चाहेगा, वो शौचालय जरूर बनाएगा।

जब पीएम मोदी ने स्वयं उठाया झाड़ू
महात्मा गांधी के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के पास स्वयं झाड़ू उठाकर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। फिर वो वाल्मिकी बस्ती पहुंचे और वहां भी साफ-सफाई की और कूड़ा उठाया। उन्होंने इस अभियान को जन आंदोलन बनाते हुए देश के लोगों को मंत्र दिया था, ‘ना गंदगी करेंगे, ना करने देंगे’।

पीएम ने स्वयं कुदाल उठाकर की सफाई
प्रधानमंत्री इस कार्य को और आगे बढ़ाते रहे, वो अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और वहां भी खुद आगे बढ़कर सफाई अभियान को गति देने का काम किया। पीएम मोदी ने काशी के अस्सी घाट पर गंगा के किनारे कुदाल से साफ-सफाई की। इस मौके पर भारी संख्या में स्थानीय लोगों ने स्वच्छ भारत अभियान में उनका साथ दिया।

हर वर्ग का मिल रहा है साथ
देश में एक से बढ़कर एक लोग इस अभियान से जुड़ते चले गए और स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय आंदोलन बनता चला गया। सरकारी अधिकारियों से लेकर, सीमा की रक्षा में जुटे वीर जवानों तक, बॉलीवुड कलाकारों से लेकर नामचीन खिलाड़ियों तक, बड़े-बड़े उद्योगपतियों से लेकर आध्यात्मिक गुरुओं तक, सभी इस पवित्र कार्य से जुड़ते चले गए। इसमें अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल और मैरी कॉम जैसी हस्तियों के योगदान बेहद सराहनीय हैं।
‘मन की बात’ में सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ में लगातार देश के विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों के उन प्रयासों की सराहना की है, जिसने स्वच्छ भारत अभियान को व्यापक रूप से सफल बनाने में मदद की है।

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