कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी ने राफेल डील पर मोदी सरकार पर झूठे आरोप लगाने की तमाम कोशिशें की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि राफेल डील में पूरी पारदर्शिता बरती गई है, पूरी ईमानदारी बरती गई है। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर मोदी सरकार के खिलाफ सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। साथ ही राहुल गांधी को सख्त चेतावनी भी दी। आइए 10 प्वॉइंट्स में समझिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है-
1- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोदी सरकार ने राफेल डील को सही तरीके से अंजाम दिया है, इसलिए इसकी फिर से समीक्षा करने की कोई जरूरत नहीं है।
2- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसको लेकर जो पुनर्विचार याचिका दायर की गई है, उसमें कोई मेरिट नहीं है। यानि बेसिर-पैर के आरोप लगाए गए।
3- सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि इस बात को नजरंदाज नहीं किया जा सकता कि राफेल देश के लिए अतिमहत्वपूर्ण है और कई वर्षों से लंबित है। यानि सुप्रीम कोर्ट ये जान रहा था कि इसे बरसों से लटकाया गया है।
4- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल डील में मोदी सरकार ने पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी बरती है, इसलिए अब कोई और जांच जरूरी नहीं है।
5- कोर्ट ने ये भी माना कि राफेल डील और कॉन्ट्रैक्ट की गहराई में जाने की अब कोई आवश्यकता नहीं है।
6- कोर्ट ने राफेल डील पर साफ कहा कि डील के खिलाफ कोई एफआईआर की जरूरत नहीं है।
7- सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने साफ कहा कि भारत सरकार द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने जैसे संवेदनशील मामले में दखल देने का कोई कारण नजर नहीं आता है।
8- कोर्ट ने ये भी कहा कि बगैर किसी सबूत के किसी के मनगढ़ंत आरोपों के आधार पर इतनी अहम डील पर सवाल उठाना तर्कसंगत नहीं है।
9- कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी के बिना शर्त माफी मांगने को मंजूर कर लिया। इसलिए राहुल ने कोर्ट की जो अवमानना की, उसमें कार्रवाई से माफी दे दी गई।
10- कोर्ट ने झूठ बोलने के आदी हो चुके राहुल गांधी को ये भी चेतावनी दी कि वे भविष्य में सोच-समझकर बोलें।