Home नरेंद्र मोदी विशेष प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व के कुछ विशिष्ट पहलू

प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व के कुछ विशिष्ट पहलू

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अगर देश की जनता किसी भी और सरकार के मुकाबले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर ज्यादा विश्वास करती है, उसे अपना अधिक हितैषी समझती है और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है तो इसके एक नहीं, कई कारण हैं। आइए, जानते हैं कुछ इसी विषय में-

ईमानदार पारदर्शिता है सबसे बड़ी प्राथमिकता

यदि आज मोदी सरकार की सबसे बड़ी विशेषता की बात की जाए तो वह है इसकी पारदर्शिता। अपने अब तक के तीन वर्षीय कार्यकाल में मोदी सरकार पर कभी भी भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। इसके उलट पूर्ववर्ती सरकार अपने पूरे कार्यकाल में एक के बाद एक घोटालों से ही जूझती रही थी। मोदी सरकार ने इस बात पर आरंभ से ही ध्यान दिया कि जनता और प्रशासन के बीच किसी भी प्रकार की संवादहीनता की स्थिति नहीं बनने दी जाए। मोदी सरकार के एप के द्वारा जनता सीधे प्रधानमंत्री तक से जुड़ सकती है। ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी निरंतर जनता के संपर्क में रहते हैं। इस कार्यक्रम के चलते प्रधानमंत्री मोदी ने समय-समय पर अनेक सामाजिक विषयों को उठाया है, जिससे जनता उन्हें हमेशा अपने साथ अनुभव करती है। इसी का एक उदाहरण इस रूप में देखा जा सकता है कि जब नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वच्छता’ जैसे कार्यक्रम के लिए देश का आह्वान किया तो बच्चे से लेकर बड़े तक, सामान्य नागरिक से लेकर विशिष्ट व्यक्तित्व तक सभी प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े थे। शौचालय जैसे मानवीय गरिमा से जुड़े विषयों को भी मोदी सरकार में अपार सफलता मिली।

कड़े फैसले लेने की सामर्थ्य

प्रधानमंत्री मोदी की इस विशेषता को आज पूरा विश्व जानता है कि वे केवल लोकप्रियता के कारण, देशहित में कड़े फैसले लेने से जरा भी नहीं चूकते, चाहे वह सर्जिकल स्ट्राइक जैसा सीमा से जुड़ा निर्णय हो या फिर देश में ही भ्रष्टाचार के समूल नाश के लिए लिया गया नोटबंदी का निर्णय। प्रधानमंत्री मोदी के लिए देशहित सर्वोपरि है। देश की जनता को ढेरों टैक्स से मुक्ति दिलाने के लिए लिया गया निर्णय जीएसटी भी इसी श्रेणी में आता है। इन निर्णयों को लिए जाने के समय मोदी सरकार को कुछ समय के लिए आलोचना का शिकार भी होना पड़ा, लेकिन ये निर्णय दूरदृष्टि भरे थे, इसलिए देश की जनता इन निर्णयों के तात्कालिक प्रभावों से उबरकर एक बार फिर से मोदी सरकार के समर्थन में खड़ी नजर आई।

विदेशों में बनी देश की मजबूत छवि

सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशों के साथ भारत के रिश्ते सौहार्दपूर्ण बनाने की दिशा में बड़े प्रयास किए। विदेश यात्राओं द्वारा प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक प्रमुख नेताओं से भेंट की। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर जाकर की गई अत्यंत सौहार्दपूर्ण भेंट भी शामिल है और एक समय के घोर विरोधी और आज के घनिष्ठ मित्र अमेरिका की अनेक यात्राएं भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी की इन यात्राओं का पूरे विश्व में बड़े भारी पैमाने पर स्वागत हुआ। चाहे योग दिवस हो या फिर अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में प्राप्त की गई नई उपलब्धियां, मोदी शासनकाल में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों को छुआ है। भारत विश्व में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, जिसमें पूरा विश्व एक अत्यंत संभावनाशील बाजार देखता है।

नीतिगत सुधार में बड़े बदलाव

भारत के पास दुनिया का विशालतम युवा वर्ग है। उसकी सामर्थ्यपूर्ण संभावनाओं को आज पूरा विश्व आशा से देख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ग के लिए अपार संभावनाएं जुटाने के लक्ष्य के साथ अपनी वैश्विक मैत्री को एक बड़े अवसर के रूप में बदलने के लिए कई नीतिगत बदलाव संबंधी निर्णय लिए हैं। मोदी सरकार में उदारीकरण के दृष्टिकोण से काफी बड़े बदलाव किए गए। एफडीआई कानून को लचीला बनाया गया। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी बड़े सुधार किए गए, जिससे विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

युवा सशक्तीकरण को दी सुदृढ़ता

प्रधानमंत्री मोदी का हमेशा से यह सपना रहा है कि भारतीय युवा अपनी सामर्थ्य को पहचाने। वह काम मांगने वाला नहीं, बल्कि काम देने वाला बने। देश के युवाओं की, विशेषकर ग्रामीण युवाओं की रोजगार संबंधी निर्भरता को समाप्त किया जा सके, इसलिए स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाएं बनाई गईं। इन योजनाओं के द्वारा क्षेत्रीय कलाओं, हस्तशिल्प तथा स्थानीय लघु व कुटीर उद्योगों के विकास को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया गया, ताकि भारतीय वस्तुओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाया जा सके और उसे एक बड़ा बाजार मिले। केवल स्किल इंडिया के अंतर्गत ही एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

शिक्षा में नए क्षितिज

भारत में शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाया जा सके, इसके लिए 6 नए आईआईटी और 7 नए आईआईएम प्रस्तावित हैं। 309 केंद्रीय विद्यालय और 62 नवोदय विद्यालय भी योजनाबद्ध हैं। एक करोड़ अनुसूचित जाति-जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति सीधे बैंक खातों में दिए जाने की व्यवस्था की गई है। साथ ही शिक्षा में ऐसे पाठ्यक्रम को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किए जाने की भी योजना है, जिससे युवा सीधे विद्यालय के स्तर पर ही ऐसा प्रशिक्षण दिया जा सके, जिससे शिक्षा प्राप्ति के बाद उन्हें रोजगार के लिए कहीं और पलायन न करना पड़े। इस स्तर पर आर्थिक सहायता हेतु मुद्रा लोन योजना को भी बढ़ावा दिया गया।

उज्ज्वल कल की दिशा में कदम

भारत की आबादी का एक बड़ा वर्ग गांवों में बसता है, इसलिए देश का सही विकास तभी संभव है, जब गांवों का विकास सुनिश्चित हो। इस दिशा में मोदी सरकार ने ग्रामीण सड़कों के निर्माण को गति दी। देश की पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा। भारतमाता सेतु और सेतु भारतम प्रोजेक्ट के माध्यम से देश के प्रत्येक भाग को परस्पर जोड़ने की भी योजना है। यातायात को प्रभावशाली बनाने के लिए रेल नेटवर्क को विस्तार प्रदान किया जा रहा है। जलमार्ग ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिए जाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। 6 नए शहरों में मैट्रो प्रस्तावित है। देश-भर में अब तक लगभग 30 करोड़ 60 लाख से भी अधिक गरीबों के बैंक खाते खुले।

महिलाओं के हितों की रक्षा

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना उज्ज्वला के द्वारा हर घर के लिए गैस कनेक्शन सुनिश्चित करने के प्रयासस्वरूप 3 करोड़ से भी अधिक महिलाओं को गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इससे गरीब महिलाओं को रसोईघर के धुंए से मुक्ति मिली। कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश 12 से 26 हफ्ते किया गया। गर्भावस्था में पोषण के लिए आर्थिक मदद प्रदान करने हेतु 6 हजार देने की व्यवस्था की गई। मुद्रा योजना का लाभ उठाने वालों में भी 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। इसके द्वारा वे आत्मनिर्भर बन सकीं।

किसान के विकास में कई योजनाएं

भारत का किसान एक ऐसा वर्ग है, जिसके हितों के लिए जितना प्रयास मोदी शासनकाल में किया गया, उतना शायद ही कभी और हुआ हो। किसान चैनल, किसान एप जैसे कई एप उनके लिए शुरू किए गए। मंडियों से किसानों को सीधे जोड़ा गया। e-nam द्वारा किसान अपनी फसलों के सही मूल्य की जानकारी प्राप्त कर बिचौलियों से बचकर सीधे लाभ कमा सकते हैं। प्रचूर मात्रा में नीम कोटेड यूरिया की उपलब्धता बहाल की गई। कम प्रीमियम पर पूरा फसल बीमा सुनिश्चित किया गया। देशहित में लिए जा रहे इन निर्णयों की निरंतरता बनी हुई है।

 

 

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