राफेल डील को लेकर शोर मचा रही कांग्रेस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के बाद बीजेपी ने चौतरफा हमला किया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी को इस दुष्प्रचार के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने ये भी पूछा कि राहुल गांधी इस सौदे में जिन आंकड़ों का हवाला दे रहे थे, जो सूचनाएं बता रहे थे, वो उन्हें कौन उपलब्ध करा रहा था।
अमित शाह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में शुरू हुई राफेल डील पर पहले तो कांग्रेस कोई फैसला नहीं कर पाई और जब मोदी सरकार ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील की तो उसमें भी रोड़े डालती रही। अमित शाह ने पूछा कि आखिर कांग्रेस डील फाइनल करने से पहले क्या मिलने का इंतजार कर रही थी?
आज सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच की याचिकाएं खारिज करते हुए कहा है कि राफेल डील में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। इस डील में मोदी सरकार ने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है और इस सौदे मे किसी को भी वित्तीय लाभ नहीं दिया गया है।
अमित शाह ने कहा कि अगर कांग्रेस के पास इस सौदे से जुड़ी सूचनाएं थी तो उसे सुप्रीम कोर्ट में ये सारी सूचनाएं देनी थी। लेकिन कांग्रेस इस केस का भविष्य देखते हुए कोर्ट गई ही नहीं। उन्होंने चुनौती दी कि राफेल मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए हम तैयार है और मैं कांग्रेस पार्टी को चुनौती देता हूँ की वो मुद्दे के आधार पर सदन में जितने समय तक चर्चा करना चाहते हैं, करें।
इससे पहले अमित शाह ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘सत्यमेव जयते। राफेल सौदे पर अदालत के फैसले से कांग्रेस अध्यक्ष के सियासी फायदे के लिए किये गये दुष्प्रचार अभियान की पोल खुल गई।’’
Truth always triumphs! Court’s judgment on the Rafale deal exposes the campaign of misinformation spearheaded by Congress President for political gains. The court didn’t find anything wrong with the process nor did it find any commercial favouritism in the deal. #SCNailsRaGaLies
— Amit Shah (@AmitShah) December 14, 2018
उन्होंने ट्वीट किया कि अदालत को इस प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं लगा और ना ही उन्हें इस सौदे में किसी तरह का आर्थिक पक्षपात नजर आया।
On the contrary SC held that govt had no role in selecting offset partners & found no merit in the demand for a probe based on mere perception of individuals. It therefore raises obvious questions on the motive of those working to discredit the deal, which is important for India.
— Amit Shah (@AmitShah) December 14, 2018