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जात-पात और संप्रदाय के खांचों में बंटी विपक्ष की राजनीति के उलट ‘सबका साथ सबका विकास’ ही रहा मोदी सरकार का मंत्र

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‘सबका साथ सबका विकास’ मोदी सरकार का मंत्र और ‘सबको सुरक्षा सबको सम्मान’ इसका प्रण रहा है। जात-पात और संप्रदाय के खांचों में बंटी विपक्ष की राजनीति के उलट मोदी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया, उनका विकास किया। सौभाग्य योजना के तहत जब सरकार ने गांव-गांव बिजली पहुंचाई तो यह नहीं देखा गया कि कौन सा गांव किस जाति या धर्म का है। बिना जात-पात, धर्म-संप्रदाय देखे आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का सालाना मुफ्त इलाज सभी गरीबों को दिया जा रहा है। आइए, जानते हैं ऐसी ही कुछ योजनाओं और सरकार के कदमों के बारे में, जो सरकार के सबका साथ सबका विकास मंत्र का संदेश देते हैं।

‘सौभाग्य’ योजना से घर-घर रोशन

पीएम मोदी ने जब देश की कमान अपने हाथ में ली, तब देश के 18,000 गांव अंधेरे में डूबे थे। मोदी सरकार ने जल्द से जल्द देश के सभी गांवों और घरों तक बिजली पहुंचाने का निश्चय किया। तय समय के अंदर सभी 18,000 गांवों में बिजली पहुंचा दी गई।  

पहली बार देश के सभी राज्य खाद्य सुरक्षा के दायरे में

जनकल्याण के लिए परिश्रम कर रही मोदी सरकार ने इस साल भी जनता के हित में तेज गति से काम करना जारी रखा। देश के सभी 36 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा के दायरे को बढ़ा दिया गया, जिससे देश के करीब दो-तिहाई लोगों को खाद्य सुरक्षा मिली। 

मिशन इंद्रधनुष 

मोदी सरकार ने देश के 528 जिलों में सघन टीकाकरण का कार्यक्रम चलाया। अभी तक करीब साढ़े करोड़ बच्चों और 85 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। 25 दिसंबर 2014 को शुरू हुए इस कार्यक्रम की वजह से शेष दुनिया के मुकाबले भारत में शिशु मातृ मृत्यु दर में गिरावट आई। 

आयुष्मान भारत योजना बनी दुनिया के लिए आदर्श मॉडल

23 सितंबर 2018 को झारखंड की राजधानी रांची में पीएम मोदी ने जब देश के 50 करोड़ लोगों के लिए इतनी बड़ी योजना का शुभारंभ किया, तो देश ही नहीं दुनिया को भी इस पर अचरज हुआ। सभी को यही लग रहा था कि भारत जैसा गरीब देश हर गरीब परिवार को साल में पांच लाख रुपये की सहायता की गारंटी कैसे दे सकता है? लेकिन, पीएम मोदी ने अपने जादुई इरादों से इसे पूरा करके दिखा दिया। तीन महीने से कम समय में ही इस योजना के जरिए ऑपरेशन कराने वाले गरीबों की संख्या तीन लाख तक पहुंच गई। अब पूरी दुनिया में इसे एक मॉडल के तौर पर देखा जा रहा है।

सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण

आजादी के सात दशक बाद मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की। इसमें सभी जाति और धर्म-संप्रदाय को शामिल किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देते समय किसी भी उन वर्गों के आरक्षण को नहीं छेड़ा गया, जिन्हें पहले से आरक्षण की सुविधा मिल रही है।    

पीएम किसान सम्मान निधि योजना

इस योजना के तहत 5 एकड़ तक जमीन वाले सभी किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना से देश के करीब 12 करोड़ किसानों को मदद मिलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

पीएम श्रमयोगी मानधन योजना

इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ से ज्यादा मजदूरों को साठ साल की उम्र के बाद 3,000 रुपये का मासिक पेंशन की सुविधा दी गई है।

हुनर हाटः हुनर से हाट तक  

अल्पसंख्यको में कौशल विकास के लिए मोदी सरकार ने देश में कई ‘हुनर हाट’ आयोजित किए। ये आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान, इलाहाबाद, मुंबई और पुडुचेरी में आयोजित हुए। ‘हुनर हाट’ का मूल विषय था- ‘सम्‍मान के साथ विकास’। देशभर के सिद्धहस्‍त कारीगरों को घरेलू और अंतरराष्‍ट्रीय अनुभव प्रदान करना इसका लक्ष्य था। ये ‘हुनर हाट’ ‘मेक इन इंडिया’,’स्‍टैंडअप इंडिया’ और ‘स्‍टार्टअप इंडिया’ के लिए प्रतिबद्धता का एक विश्‍वसनीय माध्‍यम बन गए हैं।

वक्फ का वजीफा

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने उन मुतवल्लियों को पुरस्कृत करने का फैसला किया, जो वक्फ सम्पत्तियों का ऐसा प्रबंधन करेंगे जिससे समाज की उन्नति हो और खासतौर से लड़कियों को शैक्षिक रूप से अधिकार सम्पन्न बनाया जा सके। केंद्रीय वक्फ परिषद दस्तावेजों के डिजिटलीकरण के लिए राज्य वक्फ बोर्डों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है, ताकि राज्य वक्फ बोर्ड निर्धारित समय के अन्दर अपना कार्य पूरा कर ले। केंद्रीय वक्फ परिषद ने मुस्लिम छात्रों की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में कोचिंग के लिए वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है। यह कोचिंग सिविल सेवाओं के लिए 50 छात्रों को जामिया मिलिया इस्लामिया में दी जाएगी। इसी तरह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 100 छात्रों को कोचिंग दी जाएगी।सरकार ‘नई रोशनी’ नामक एक नई योजना चला रहा है। यह योजना अल्पसंख्यक महिलाओं के नेतृत्व विकास के लिए है। 

STP प्लांट से प्यूरिफाई हो रहा नालों का गंदा पानी

गंगा में गंदगी का सबसे बड़ा कारण उसमें गिरने वाले नालों का गंदा पानी है। मोदी सरकार ने ऐसे नालों के पानी को प्यूरीफाई करने के लिए कई बड़े शहरों में गंगा के किनारे STP प्लांट लगाए हैं। कानपुर में एशिया के सबसे बड़े नाले सिसामऊ के साथ ही 15 दूसरे बड़े नालों के पानी को गंगा में जाने से रोका जा रहा है। अब पानी एसटीपी संयत्र में साफ कर गंगा में डाला जा रहा है। इससे 14 करोड़ लीटर गंदा पानी गंगा में गिरना बंद हो गया। प्रयागराज में भी 27 करोड़ लीटर गंदा पानी को गंगा में गिरने से रोका जा रहा है। काशी में गंदे पानी के 23 नालों में से 20 को बंद कर दिया गया है। कानपुर, वाराणसी, हरिद्वार, उन्नाव, फरुखाबाद, प्रयागराज जैसी जगहों पर पानी की सफाई पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक पहले के मुकाबले अब गंगा का पानी काफी साफ हो गया है।   

पूर्वोत्तर पर भी पूरा ध्यान

मोदी सरकार पूर्वी भारत के विकास पर ज्यादा ध्यान दे रही है। सरकार के इस नजरिए का असर बिजली के क्षेत्र में भी दिख रहा है। एनईआर (सिक्किम समेत) में अंतर-राज्य संचरण और वितरण प्रणाली के विकास के लिए 9865.75 करोड़ रुपये की परियोजनाएं जारी हैं। 6379 गांवों का विद्युतीकरण और 9822 गांवों के गहन विद्युतीकरण को पूरा किया गया है। 68.76 लाख एलईडी बल्ब वितरित किए, वहीं 99,895 एलईडी स्ट्रीट लाइट स्थापित की गईं।

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