Home नरेंद्र मोदी विशेष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नजर में देशवासियों के लिए रोल मॉडल कौन!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नजर में देशवासियों के लिए रोल मॉडल कौन!

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय शख्सियतों में से एक हैं। लाखों-करोंड़ों लोगों के लिए वह रोल मॉडल हैं। आज हर कोई भले ही उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहता हो, लेकिन प्रधानमंत्री ने खुद को कभी भी रोल मॉडल की तरह पेश नहीं किया। उन्होंने हमेशा अपने आप को एक सेवक के रूप में प्रस्तुत किया, परंतु अपने भाषणों वे अक्सर ऐसे लोगों के उदाहरण सामने रखते हैं, जिन्हें वे देशवासियों के लिए रोल मॉडल बताते हैं। इन उदाहरणों से देश में एक पॉजिटिविटी का संचार होता है। Perform India ने ऐसी ही कुछ शख्सियतों को ढूंढने का प्रयास किया है, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लिए रोल मॉडल बताया है –

रोल मॉडल नंबर एक – रत्न प्रभा
5 जनवरी, 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देशभर के सबसे पिछले 115 जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में एक महिला अधिकारी का जिक्र करते हुए उसे रोल मॉडल बताया। वह महिला अधिकारी कर्नाटक की मुख्य सचिव रत्नप्रभा थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “मैंने एक lady अफसर का ट्वीट देखा। उसने लि‍खा कि‍ मेरी जि‍न्‍दगी में एक बड़ा संतोष का पल है। मैं जूनि‍यर अफसर थी, एक बार कार से जा रही थी तो एक स्‍कूल के बाहर एक बच्‍चा भेड़-बकरी चरा रहा था। तो मैंने गाड़ी खड़ी की, स्‍कूल के टीचर को बुलाया और बच्‍चे को स्कूल में एडमि‍शन करवाने के लिए कहा। साथ ही उस बच्‍चे को भी मैंने समझाया-डांटा, जो भी कि‍या वो बच्‍चा स्‍कूल गया। पूरे 27 साल के बाद आज मेरे दौरे के दरमि‍यान एक head constable ने मुझे salute कि‍या और बाद में बताया कि‍ मैडम पहचाना, मैं वही हूं जो भेड-बकरि‍यां चराता था और आपने मुझे स्‍कूल पहुंचाया था, मैं आज यहां पहुंच गया आपके कारण। उस अफसर ने ट्वीट में लि‍खा है कि‍ एक छोटी-सी चीज कि‍तना बड़ा बदलाव करती है। हम लोगों की जि‍न्‍दगी में अवसर मि‍लते हैं, इन अवसरों को हम पकड़े।” प्रधानमंत्री ने रत्नप्रभा के ट्वीट और उनके प्रयास का जिक्र करके अधिकारियों के लिए एक रोल मॉडल बताया था। पीएम मोदी ने कहा कि “अगर हर अधिकारी उनके (रत्नप्रभा) पदचिन्हों पर चले तो इस देश की प्रगति को कोई नहीं रोक सकता है।” प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा पर रत्नप्रभा खुश हैं। उन्होंने कहा कि अब वे और बेहतर काम कर सकेंगी।

रोल मॉडल नंबर दो – चंद्रकांत कुलकर्णी
26 जून, 2016 को रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के एक Retired Teacher चन्द्रकान्त कुलकर्णी की चर्चा की और उन्हें रियल हीरो बताया। श्रीमान चंद्रकांत दामोदर कुलकर्णी सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। वह 2007 में नौकरी से रिटायर्ड हुए। उन्हें 16 हजार रुपये पेंशन मिलती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रभावित होकर उन्होंने पेंशन का एक तिहाई भाग, पांच हजार रुपये के 52, Post-Dated Cheque स्वच्छता के लिये उन्होंने दान दे दिया। मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा चर्चा करने पर चंद्रकांत कुलकर्णी ने बताया कि उन्होंने 10 महीने पहले प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर उनके पेंशन को स्वच्छ भारत अभियान प्रोजेक्ट में लगाने का आग्रह किया था।

रोल मॉडल नंबर तीन – बिलाल डार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 सितंबर, 2017 को रेडियो कार्यक्रम मन की बात में जम्मू कश्मीर के बिलाल डार को रोल मॉडल बताया था। कश्मीर के बांदीपुरा जिले का रहने वाला बिलाल कचरा उठाने का काम करता है। वह हर दिन प्लास्टिक का कचरा और बेकार बोतलें वुलर झील से इकट्ठा करता है। श्रीनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने बिलाल को एक स्पेशल यूनिफॉर्म और एक व्हीकल भी दिया है। एक अनुमान है कि बिलाल ने सालाना 12 हज़ार किलो से ज़्यादा कूड़ा-कचरा साफ किया है। वह लोगों को सफाई अभियान के बारे में जानकारी देता है, उन्हें इसके लिए जागरूक बनाता है। पीएम मोदी ने कहा कि ‘पिता की कैंसर से मौत के बाद डार ने खुद को 12 साल की उम्र से ही स्वच्छता से जोड़ लिया। इससे कुछ न कुछ उसकी कमाई भी हो जाती है। बिलाल डार की आयु छोटी है, लेकिन स्वच्छता में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं।’ बिलाल डार को श्रीनगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने सफाई का ब्रांड एम्बेसडर बनाया है।

रोल मॉडल नंबर चार व पांच – स्वाति और निधि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर, 2017 के मन की बात कार्यक्रम में स्वाति महादिक और निधि दुबे को महिला शक्ति और देशभक्ति की अनूठी मिसाल बताया था। दोनों ने भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट ज्वाइन किया है। उन्होंने बताया कि दोनों वीरांगनाएं असामान्य हैं। असामान्य इसलिए क्योंकि स्वाति और निधि दोनों के पति मां भारती की सेवा करते-करते शहीद हुए। छोटी उम्र में अगर परिवार-संसार उजड़ जाये तो मन:स्थिति कैसे होगी? शहीद कर्नल संतोष महादिक की पत्नी स्वाति महादिक ने इन कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए मन में ठान लिया और वह भारत की सेना में भर्ती हो गईं। 11 महीने तक कड़ी मेहनत करके प्रशिक्षण हासिल किया और अपने पति के सपनों को पूरा करने के लिए जिंदगी झोंक दी। उसी प्रकार से निधि दुबे, उनके पति मुकेश दुबे सेना में नायक का काम करते थे और मातृ-भूमि के लिए शहीद हो गए, तो उनकी पत्नी निधि ने मन में ठान ली और वह भी सेना में भर्ती हो गईं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर देशवासी के लिए हमारी इस मातृ-शक्ति पर, हमारी इन वीरांगनाओं के प्रति आदर होना बहुत स्वाभाविक है। उन्होंने देश के कोटि-कोटि जनों के लिए एक नई प्रेरणा, एक नई चेतना जगाई है।

रोल मॉडल नंबर छह – तुषार
नवंबर, 2017 के मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के 8 साल के दिव्यांग बच्चे तुषार को लोगों के लिए रोल मॉडल बताया था। पीएम मोदी ने बताया कि तुषार बोल नहीं सकता है, लेकिन उसने अपने गांव को खुले शौच से मुक्त कराने का बीड़ा उठाया। उसने सीटी को अपना हथियार बनाया और रोज सुबह 5 बजे उठकर अपने गांव में घर-घर जाकर लोगों को सीटी से जगा करके, हाथ के एक्शन से खुले में शौच न करने के लिए जागरूक करने लगा। रोजाना ऐसा 30-40 घरों में जाकर स्वच्छता की सीख देने की पहल पर कुम्हारी गांव, खुले में शौच से मुक्त हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता को बढ़ावा देने की दिशा में बालक तुषार ने प्रेरक काम किया। ये दिखाता है कि स्वच्छता की न कोई उम्र होती है, न कोई सीमा। बच्चा हो या बुज़ुर्ग, महिला हो या पुरुष, स्वच्छता सभी के लिए जरूरी है और स्वच्छता के लिए हर किसी को कुछ-न-कुछ करने की भी जरूरत है। हमारे दिव्यांग भाई-बहन दृढ़-निश्चयी हैं, सामर्थ्यवान हैं, साहसिक और संकल्पवान हैं। हर पल हमें कुछ-न-कुछ सीखने को मिलता है।

रोल मॉडल नंबर सात – जिगर ठक्कर
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में ही गुजरात के जिगर ठक्कर का जिक्र किया और उसकी मेहनत, साहस और संकल्प को पूरे देश के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने बताया कि उदयपुर में 17वीं नेशनल पारा स्विमिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। जिगर ठक्कर के शरीर में 80 प्रतिशत मांसपेशी नहीं है, लेकिन उसने इस प्रतियोगिता में कुल 11 मेडल जीते। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जब पैरालंपिक के लिए खिलाड़ियों को चुना तो 32 पारा तैराकों में से एक तैराक जिगर ठक्कर को भी चुना गया। जिगर ठक्कर का जज्बा सबके लिए एक प्रेरणा है।

रोल मॉडल नंबर आठ – गायत्री
मार्च, 2017 के मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देहरादून की रहने वाली ग्यारहवीं की छात्रा गायत्री का जिक्र किया। नदी में कचरा फेंकने और नदी को प्रदूषित करने वालों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए गायत्री प्रधानमंत्री को फोन करके संदेश देती है। वह कहती है कि उसने बस्तियों में रैली निकाली, लोगों को जागरूक करने कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आप अपनी टीम भेजिए या फिर अखबारों में इस बात को उजागर कीजिए। प्रधानमंत्री मन की बात में गायत्री के संदेश को शामिल करते हैं, और कहते हैं कि गायत्री का संदेश हम सबके लिए संदेश बनना चाहिए। स्वच्छता आंदोलन आदत बदलने का आंदोलन है। ये आंदोलन स्वच्छता की आदत पैदा करने का आंदोलन है।

रोल मॉडल नंबर नौ – सुशीला खुरकुटे
महाराष्ट्र में पालघर जिले के नंदगांव की एक आदिवासी महिला सुशीला खुरकुटे भी देश भर के लोगों को लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। नंदगाव की सुशीला को जब खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के बारे में पता चला तो उन्होंने सात माह की गर्भवती होने के बाद भी लगातार तीन दिन तक अकेले शौचालय के लिए गड्ढे खोदने का काम किया। इसके लिए उन्होंने ताने सहे, हंसी का पात्र भी बनीं, लेकिन उसके दिल-दिमाग और मन में सिर्फ यही ख्याल था कि उसके गांव को खुले में शौच की प्रथा से मुक्त करना है। इसके लिए उससे जो बन पड़ेगा, वह करेगी। स्वच्छता के प्रति समर्पण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 मार्च, 2017 को सुशीला को स्वच्छ शक्ति सम्मान से भी सम्मानित किया। 

रोल मॉडल नंबर दस – कुंवर बाई यादव
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले को खुले में शौच करने की मजबूरी से मुक्त (ओडीएफ) करने का श्रेय 105 साल की कुंवर बाई यादव को जाता है। यह राज्य का पहला ज़िला है, जो खुले में शौच से मुक्त हो गया है। गरीबी में गुजर-बसर करने वाली कुंवर बाई यादव ने 7 बकरियां बेचकर घर में शौचालय बनवाया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने गांव में लोगों को घरों में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित भी किया। कुंवर बाई यादव ताउम्र कभी गांव से बाहर नहीं गईं, लेकिन जब उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने का न्यौता मिला तो वो अचानक से सेलीब्रिटी बन गईं। इस उम्र में स्वच्छता को बढ़ावा देने के उनके प्रयास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था। राजनांदगांव जिले में आर-अर्बन मिशन की शुरुआत के दौरान प्रधानमंत्री ने कुंवर बाई के पैर छूकर उन्हें सम्मानित किया था। 

मॉडल नंबर ग्यारह – अंजुम बशीर खान खट्टक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नजर में कश्मीर का नौजवान अंजुम बशीर खान खट्टक भी रोल मॉडल है। मन की बात कार्यक्रम के दिसंबर, 2017 के एपिसोड में इसकी चर्चा की। अंजुम बशीर खान खट्टक ने कश्मीर प्रशासनिक सेवा में टॉप किया है। पीएम मोदी ने बताया कि इसकी कहानी प्रेरणादायी है। 1990 में उनके पैतृक घर को आतंकवादियों ने जला दिया था। उनके परिवार को आतंकवाद की वजह से पैतृक घर-जमीन छोड़कर बाहर निकलना पड़ा। एक बच्चे के लिए उसके चारो ओर हिंसा का वातावरण, दिल में नकारात्मक विचार और कड़वाहट पैदा करने के लिए काफी था, लेकिन अंजुम ने ऐसा होने नहीं दिया। उन्होंने जनता की सेवा का रास्ता चुना। विपरीत हालात से उबरकर बाहर आए और सफलता की कहानी खुद लिखी। आज वो सिर्फ जम्मू और कश्मीर के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। अंजुम ने साबित कर दिया है कि हालात कितने ही खराब क्यों न हों, सकारात्मक कार्यों के द्वारा निराशा के बादलों को भी ध्वस्त किया जा सकता है।

मॉडल नंबर बारह – पी विजयन
केरल में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं पी विजयन। उन्होंने सबरीमाला मंदिर में स्वच्छता के लिए पुण्यम पुन्कवाणम (Punyam Poonkavanam) कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के माध्यम से एक परंपरा बना दी गई कि जो भी यात्री यहां आते हैं, उनकी यात्रा तब तक पूरी नहीं होती, जब तक वो स्वच्छता के कार्यक्रम में शारीरिक श्रम नहीं करते हों। इस अभियान में कोई बड़ा या छोटा नहीं होता है। हर यात्री, भगवान की पूजा का ही भाग समझकर कुछ समय सफाई में लगाता है, स्वच्छता के लिए गंदगी हटाने के लिए काम करता है। हर सुबह यहां सफाई का दृश्य बड़ा ही अद्भुत होता है और सारे तीर्थयात्री इसमें जुट जाते हैं। देशवासियों के लिए यह प्रेरणा का उदाहरण है।

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