Home विशेष JAM की ‘त्रिमूर्ति’ से देश में आर्थिक-सामाजिक क्रांति का दौर

JAM की ‘त्रिमूर्ति’ से देश में आर्थिक-सामाजिक क्रांति का दौर

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प्रधानमंत्री जन-धन योजना के शुरू हुए तीन वर्ष पूरे हो गए। बीते तीन वर्षों के दौरान इस योजना के जरिये देश के गरीब लोग न सिर्फ देश की अर्थव्यस्था की मुख्यधारा का हिस्सा बन गए हैं बल्कि जन-धन योजना ने देश के गरीबों की गरिमा को भी बढ़ाया है। आज देश के लगभग तीस करोड़ परिवार प्रधानमंत्री जन-धन योजना से जुड़ गए हैं और इन खातों में 65 हजार करोड़ रुपये भी जमा हैं। लेकिन पीएम मोदी की नजर अब ‘एक बिलियन+ एक बिलियन+ एक बिलियन विजन’ पर है।

एक अरब+एक अरब+एक अरब विजन
जनधन, आधार और मोबाइल यानि JAM की ‘त्रिमूर्ति’ से सामाजिक क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। केंद्र सरकार की निगाह अब एक अरब-एक अरब-एक अरब पर है। यानि एक अरब आधार नंबर जो एक अरब बैंक खातों और एक अरब मोबाइल फोन से जुड़े हों। इससे सभी भारतीय साझा वित्तीय, आर्थिक और डिजिटल क्षेत्र में आ चुके हैं। यह कुछ उसी तरीके से है जिससे वस्तु एवं सेवा कर (GST) से एकीकृत बाजार बना है।

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73 करोड़ अकाउंट JAM योजना से जुड़े
जनधन, आधार और मोबाइल यानि (JAM)ने देश में फाइनेंशियल, इकोनॉमिक और डिजिटल क्रांति लाने का काम किया है। अभी तक 52.4 करोड़ आधार, 73.62 करोड़ अकाउंट्स से जोड़े जा चुके हैं। यह संख्या अब जल्दी ही एक अरब तक पहुंच जाएगी। यानी एक अरब आधार, मोबाइल और अकाउंट्स से जुड़ जाएंगे। जाहिर है मात्र इस कदम से देश के लोग स्वत: फाइनेंशियल और डिजिटल मुख्यधारा का हिस्सा बन जाएंगे।

हर महीने ट्रांसफर होते हैं छह हजार करोड़
GST ने एक टैक्स, एक मार्केट और एक देश बनाया। अब JAM रेवोल्यूशन से भारत को फाइनेंशियल, इकोनॉमिक और डिजिटल ग्रोथ मिलेगी। JAM महज सोशल क्रांति इसलिए है कि इससे सरकार, इकोनॉमी और खासकर गरीबों को फायदा है। वर्तमान में सरकार सालाना 35 करोड़ खातों में 74 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर कर रही है। इसमें से एक महीने में 6 हजार करोड़ ट्रांसफर होते हैं। पैसों का ये ट्रांसफर सरकार की पहल, मनरेगा, वृद्धावस्था पेंशन और स्टूडेंट स्कॉलरशिप योजनाओं में होता है।

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गरीबों के जीवन का नया सवेरा है जन-धन योजना
प्रधानमंत्री जन धन योजना देश के गरीबों के जीवन में नया सवेरा लेकर आया है। इसके माध्यम से न सिर्फ आर्थिक छुआछूत कम हुआ है बल्कि इससे गरीबी हटाने की दिशा में बड़ी सफलता मिल रही है। पहले दिन ही डेढ़ करोड़ खाता खोलने का रिकॉर्ड बना चुकी यह योजना वित्तीय समावेशन की दिशा में केंद्र सरकार की बड़ी पहल है। ये बात इन खातों में औसत जमा से भी साबित होती है। 16 अगस्त, 2017 तक इन खातों में एवरेज बैलेंस 2,231 रु. रहा।

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29 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खोले गए
बीते तीन सालों में प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत 16 अगस्त 2017 तक 29.52 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। जनवरी, 2015 से अब तक जनधन खातों में 12.55 करोड़ का इजाफा हुआ है। जनवरी, 2015 से अगस्त 2017 तक 22.71 करोड़ रूपे कार्ड जारी किये गए। इसी दौरान PMJDY के तहत 17.64 करोड़ ग्रामीण खाते खोले गए। 16 अगस्त,2017 तक इन खातों में करीब 65,844.68 करोड़ रुपये जमा किये गए हैं। 

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