सत्ता के वियोग में कांग्रेसी इतने बिलबिलाए रहते हैं कि न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली देते हैं, बल्कि मोदी जी को हटाने के लिए भारत विरोधी ताकतों से भी हाथ मिलाने के लिए भी तैयार हो जाते हैं। गौरतलब है कि कांग्रेसी और उसके सहयोगी नेता आतंकियों और संदिग्ध संगठनों से साठगांठ और सहानुभूति रखने के लिए हमेशा से ही चर्चित रहे हैं।
पीएम मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान से लगाई थी गुहार
शुक्रवार को गुजरात की एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने एक तरह से मणिशंकर अय्यर पर कार्रवाई का डंका पीट रही कांग्रेस को फिर से आईना दिखा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएम मोदी ने पाकिस्तान में दिए गए मणिशंकर के बयान का जिक्र करते हुए बताया कि, “वह ऐसे नेता हैं, जो पाकिस्तान में जाकर कहते हैं कि पीएम मोदी को रोको। सोशल मीडिया पर भी ऐसा वीडियो आया था। रास्ते से हटाने का मतलब क्या है? क्या वह पाकिस्तान को मोदी की सुपारी दे रहे थे?
#WATCH: PM Narendra Modi addresses an election rally in Banaskantha’s Bhabhar #GujaratElection2017 https://t.co/RxHBh2nErn
— ANI (@ANI) December 8, 2017
मणिशंकर ने कहा था- हमें ले आइए इनको हटाइए
दरअसल करीब ढाई साल पहले मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान जाकर पीएम मोदी को हटाने के लिए उसकी मदद मांगी थी। एक पाकिस्तानी चैनल के सामने उन्होंने इसके लिए लगभग पाकिस्तानी शासकों से गुहार तक लगाई थी। आप भी सुनिए, दरअसल मणिशंकर ने कहा क्या था-
सवाल ये भी उठता है कि अगर पीएम मोदी को गाली देने के बहाने कांग्रेस अब इन्हें पार्टी से निलंबित करने का ड्रामा कर रही है, तो पीएम मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान के सामने गिड़गिड़ाने के बाद क्यों नहीं किया था ?
गुजरात चुनाव में आतंकियों की मदद तो नहीं ले रहे पीएम मोदी के विरोधी ?
गुजरात चुनाव में कांग्रेस के साझीदार बने जिग्नेश मेवाणी पर भी एक बहुत गंभीर आरोप लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिग्नेश पर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया जैसे संदिग्ध संगठन से चेक लेने के आरोप लगे हैं। केरल में सक्रिय यह संगठन पीएफआई का राजनीतिक चेहरा है। गौरतलब है कि इस संगठन पर आतंकी संगठन आईएसआईएस से संबंध रखने के आरोप हैं, जिसकी जांच एनआईए कर रही है। खबरों के मुताबिक उस संगठन ने मेवाणी को चेक देने की बात मान भी ली है। अब सवाल उठना स्वभाविक है कि कई मेवाणी के माध्यम से कहीं आतंकवादी गुजरात चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वहां वे कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं।
Jignesh Mevani, backed by Congress in the upcoming Gujarat polls, was photographed receiving a cheque from the members of the SDPI, which is under the NIA radar over it’s alleged link to the ISIS #CongTerrorPhoto pic.twitter.com/Yct2tjEHw4
— TIMES NOW (@TimesNow) December 8, 2017
अहमद पटेल पर भी लग चुके हैं आतंकियों से रिश्तों के आरोप
इससे पहले गुजरात कांग्रेस के सबसे बड़े नेता और सोनिया गांधी के सबसे खासम-खास राजनीतिज्ञ अहमद पटेल के तार भी आईएसआईएस आतंकियों से जुड़े होने के आरोप लग चुके हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने खुद कहा था कि जांच एजेंसियों के हत्थे चढ़ा आईएसआईएस का एक संदिग्ध आतंकी अहमद पटेल से जुड़ी एक संस्था के लिए काम करता था। हालांकि अहमद पटेल ने इन आरोपों को गलत बताया था, लेकिन सोचने वाली बात है कि इन आरोपों में थोड़ा भी दम है तो सोनिया-राहुल की सरकार के दौरान देश की सुरक्षा से किस खिलवाड़ किया गया था ? क्योंकि सोनिया के राजनीतिक सचिव होने के नाते अहमद पटेल कई बार तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अधिक प्रभावी नजर आते थे।
आंतकवादियों की जो फैक्ट्री पहले पाकिस्तान में चलती थी अब कांग्रेस के नेता अहमद पटेल अपने अस्पताल में चला रहे हैं। #ArrestAhmedMiya
— Puneet Sharma (@iSharmaPuneet) October 27, 2017
#ArrestAhmedMiya आपकी मासूमियत भरी शक्ल के पीछे देश के साथ गद्दारी ?
— vishvas bafna (@vishvas_bafna) October 27, 2017
गुजरात चुनाव में माहौल बिगाड़ने की थी साजिश
गिरफ्तार आतंकवादी मोहम्मद कासिम ने खुलासा किया था कि वे चुनाव से पहले अहमदाबाद में एक हिंदू धर्मगुरु की हत्या और एक यहूदी धर्मस्थल में घुसकर खून-खराबे की साजिश रच रहे थे। आतंकवादी निशाने वाली जगहों की रेकी भी कर चुके थे। उनके पास से इस साजिश से जुड़े कई दस्तावेज भी मिले हैं। ऐसे खूंखार आतंकियों का किसी भी स्तर पर किसी राजनीतिज्ञ से संबंध होना देश के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
अब अगर #अहमदपटेल के अस्पताल मे आतंकवादी नौकरी कर रहा हो तो कोई उसे थोड़ी आतंकवादी कह सकता है वो तो #कांग्रेसी हैं।दुध से धुले,निर्दोष,मासूम?
— Chirag (@Chirag_Jani1) October 27, 2017
सोनिया-राहुल की चुप्पी पर सवाल उठने स्वभाविक
एक के बाद एक देश विरोधी घटनाओं के बावजूद सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने जिस तरह से चुप्पी साध रखी है, उससे लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व देश तोड़ने वालों को मौन समर्थन दे रहा है। क्या उन्हें देशहित की जरा भी परवाह नहीं है? अगर है तो फिर चुप्पी क्यों? दरअसल पहले भी कई ऐसे वाकये सामने आए हैं जिसमें कांग्रेस पार्टी देश विरोधियों के समर्थन में खड़ी रही है। यह वही कांग्रेस है जिनके नेता याकूब मेनन और अफजल गुरु की फांसी पर आपत्ति जता चुके हैं।
जेएनयू में राहुल ने दिया देशद्रोहियों का साथ
यही कांग्रेस है जो जेएनयू में देशद्रोही नारे लगाने वाले लोगों के साथ खड़ी थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर जिस तरह की बातें कहीं वह कभी जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी या राजीव गांधी ने भी नहीं कही थी। यह देश का दुर्भाग्य ही है कि राहुल गांधी ने उनका समर्थन किया जो देश को तोड़ने और उसके टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाए थे।
आतंकियों की फांसी पर भी पॉलिटिक्स
संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की फांसी पर भी कांग्रेस ने पॉलटिक्स की थी। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देना गलत था और उसे गलत तरीके से दिया गया। इतना ही नहीं यही कांग्रेस है जिनके नेताओं ने याकूब मेनन की फांसी पर भी आपत्ति जताई थी।
कांग्रेसियों ने हाफिज सईद, लादेन और अफजल को सम्मान दिया
कांग्रेस के नेता कभी ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी कहते रहे हैं, तो कभी हाफिज सईद को हाफिज जी और अफजल गुरु को अफजल गुरु जी कहकर पुकारा है। दिग्विजय सिंह ने ओसामा बिन लादेन और हाफिज सईद को जी कहा तो रणदीप सुरजेवाला ने अफजल गुरु को जी कहा। बाटला हाउस एनकाउंटर में जब आतंकियों को मार गिराया गया तो कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया ने कथित रूप से आंसू तक बहाया।
कांग्रेसी नेताओं का ‘जहरीले’ जाकिर नाइक से नाता
इस्लामी कट्टरपंथी धर्म प्रचारक जाकिर नाइक से कांग्रेसी नेताओं के ताल्लुकात रहे हैं। जाकिर नाइक ने कई देशविरोधी कार्य किए, कई देशविरोधी भाषण दिए, लेकिन कांग्रेसी सरकारें उस पर कार्रवाई से कतराती रही। एक बार दिग्विजय सिंह ने जाकिर नाइक को ‘मैसेंजर ऑफ पीस’ बताया था। वाकया साल 2012 का है, जब एक इवेंट के दौरान उन्होंने नाइक के साथ मंच साझा किया था। इस इवेंट में दिग्विजय को जाकिर नाइक की तारीफों के पुल बांधते हुए सुना जा सकता है। दिग्विजय सिंह ने नाइक को दुनिया भर में शांति का संदेश देने वाला बताया था, लेकिन जब वहीं पर बांग्लादेश में आतंकी हमलों में शामिल आतंकियों ने खुद को जाकिर नाइक से प्रेरित बताया तो वे बगलें झांकने लगे थे। हालांकि तब भी कांग्रेस नेतृत्व ने दिग्विजय सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।
जाकिर नाइक ने राजीव गांधी ट्रस्ट को 50 लाख रुपये दिए
इस्लामी धर्म प्रचारक जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउडेंशन ने 2011 में राजीव गांधी चैरिटेबुल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये चंदे के रूप में दिया था। इसका खुलासा सिंतबर, 2016 में तब हुआ जब जाकिर नाईक के खिलाफ सरकारी एजेंसियां जांच कर रही थीं। जैसे ही जनता को इस बात का पता चला, सोनिया गांधी और राहुल गांधी, जो राजीव गांधी चैरिटेबल संस्था के संचालक हैं, उन्होंने 50 लाख रुपये चुपके से जाकिर नाइक को वापस कर दिए।