Home नोटबंदी नोटबंदी के कारण बुलंद हो रही है भारतीय अर्थव्यवस्था

नोटबंदी के कारण बुलंद हो रही है भारतीय अर्थव्यवस्था

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नोटबंदी के चलते भारतीय अर्थव्यस्था पर काफी सकारात्मक असर पड़ा है और आने वाले समय में इसके और मजबूत होते रहने की संभावना है। नोटबंदी को वापस हुए धन के आधार पर सफल या विफल बताना सही नहीं होगा। यह कहना भी पूरी तरह से गलत होगा कि बैंकों में जमा होने के बाद कालाधन सफेद हो जाएंगे। 

नोटबंदी के बाद इतनी बड़ी मात्रा में रकम की वापसी सरकार की सफलता दिखाती है। इससे जमा की गई कैश की वैधता की जांच करने का भी एक मौका मिल गया है। जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था कि नोटबंदी के कारण पहली बार तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि वित्तीय व्यवस्था में वापस आ गई है। इससे कर्ज के लिए ब्याज दरों में महत्वपूर्ण रूप से कमी आई है।

सरकार ने न कभी ये घोषणा की है और न ही दावा किया है कि कुछ खास मात्रा में रकम वापस नहीं भी लौट सकती है। इस तरह का कोई भी विश्लेषण एकतरफा है।

इसके विपरीत, सरकार ने पूरी कोशिश की है कि नोटबंदी के बाद सारी करेंसी अर्थव्यवस्था में वापस आ जाए। इसने ना सिर्फ सब कुछ सामान्य करने में मदद मिली है, बल्कि संदिग्ध लेन-देन का भी पता लगाने में मदद मिली है, जो कि काला धन भी हो सकता है। इस बेहिसाब धन से सरकार को ना सिर्फ जुर्माने और टैक्स की आमदनी होगी बल्कि अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। नोटबंदी के कारण 2 लाख फर्जी कंपनियों की भी पहचान हुई है। इससे टैक्स रिटर्न के दौरान दिए गए आंकड़ों में हेराफेरी की बात भी सामने आई है। नोटबंदी के कारण 56 लाख नए करदाता भी सिस्टम से जुड़े हैं।

रिजर्व बैंक के अनुसार 4 अगस्त तक लोगों के पास 14,75,400 करोड़ रुपये की करेंसी सर्कुलेशन में थे। जो वार्षिक आधार पर 1,89,200 करोड़ रुपये की कमी दिखाती है। जबकि वार्षिक आधार पर पिछले साल 2,37,850 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई थी। इस प्रकार, बिना किसी प्रतिबंध के, नोटबंदी के बाद कैश का प्रचलन कम हो रहा है। इससे पता चलता है कि लेस कैश के अभियान में सरकार ना सिर्फ सफल रही है बल्कि बिना हिसाब-किताब वाले धन की जमाखोरी में भी तेजी से गिरावट आई है ।

इस समय पूरी स्थिति को समग्रता से देखने की जरूरत है, ना कि एकतरफा किसी नतीजे पर पहुंचने की। साफ है कि नोटबंदी और उससे जुड़े कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को लंबे समय में बहुत ज्यादा मजबूती प्रदान करेंगे इस संभावना में जरा भी संदेह नजर नहीं आ रहा है।

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