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जनता का मिला जवाब तो ‘युवराज’ को समझ आ गया गुजरात का ‘विकास’ !

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यह घोषणा की है कि कांग्रेस पार्टी अब गुजरात में ‘विकास गांडो थयो छे’ यानी विकास पागल हो गया है’ के नारे का अब इस्तेमाल नहीं करेगी। उन्होंने इस निर्णय के पीछे कारण बताते हुए कहा है कि- एक भाजपा के एक विज्ञापन में प्रधानमंत्री को विकास कहा गया है, इसलिए वे ऐसा नहीं करेंगे। एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को यह भी निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री पर निजी हमले न किए जाएं। बहरहाल राहुल गांधी की यह सोच वास्तव में है तो काबिले तारीफ है, मगर ऐसा ही है क्या?

प्रधानमंत्री मोदी पर निजी हमला क्यों नहीं करेंगे राहुल?
प्रधानमंत्री पर निजी हमला नहीं करने का हवाला देते हुए राहुल ने कहा, ”हम प्रधानमंत्री मोदी की गलतियां दिखाने या भाजपा को परेशान करने के लिए जो भी करते हैं, लेकिन हम प्रधानमंत्री पद का अपमान नहीं करेंगे। जब मोदी जी विपक्ष में थे तो वह प्रधानमंत्री के बारे में अनादर से बात करते थे। हममें और उनके बीच यही अंतर है। यह कोई मायने नहीं रखता है कि मोदी जी हमारे बारे में क्या कहते हैं, हम एक प्वाइंट से आगे नहीं बढ़ेंगे क्योंकि वे प्रधानमंत्री हैं।”

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दरअसल राहुल गांधी अपने इस बयान से दो चीजें बताना चाह रहे हैं-एक तो यह कि वे विकास विरोधी नहीं है, दूसरा यह कि वे प्रधानमंत्री पद का सम्मान करते हैं। लेकिन क्या यही सही है? क्या वाकई में प्रधानमंत्री पद के प्रति वे सम्मान का भाव रखते हैं? उनकी इस दलील की पोल ट्विटर पर खुल रही है। उन्हें याद दिलाया जा रहा है कि वे न तो वर्तमान प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं और न ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सम्मान करते थे। आइये देखते हैं कुछ ऐसे ही ट्वीट्स –

राहुल को ‘विकास’ का मतलब समझ आने लगा है !
12 अक्टूबर  को राहुल गांधी जब अपनी नवसृजन यात्रा के दौरान गुजरात के बनासकांठा पहुंचे तो आश्चर्य में पड़ गए। आपको ये बता दें कि ये वही बनासकांठा जिला है जहां बीते जुलाई-अगस्त में प्रलंयकारी बाढ़ आई थी और भारी तबाही हुई थी। ये वही क्षेत्र है जब यहां के लोगों को सहायता की सबसे अधिक आवश्यकता थी, लेकिन कांग्रेस के विधायक उन्हें उनके भरोसे छोड़ कर्नाटक के रिसॉर्ट में रंगरेलियां मना रहे थे। जिस पार्टी के विधायक प्रदेश की जनता को भयंकर विपदा में बीच भंवर में छोड़कर चले जाते हैं वे भला प्रदेश का नवनिर्माण कैसे करेंगे यह तो वही बता पाएंगे! लेकिन राहुल को यह समझ में आने लगा है कि प्रलंयकारी बाढ़ के बावजूद बनासकांठा में विकास यहां जमीन पर दिखता है, इसलिए वे विकास का विरोध करेंगे तो उन्हें फजीहत झेलनी पड़ेगी।

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राहुल की सभा में लोग नहीं आने लगे तो समझ में आ गया ‘विकास’ !
राहुल गांधी लगातार गुजरात के दौरे पर जा रहे हैं। दरअसल उन्हें कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाने से पहले एक नेता के तौर पर स्थापित करने करने की एक कवायद है। लेकिन गुजरात में उनकी सभा में लोग नहीं आ रहे हैं। जनता का निराशजनक रिस्पॉन्स देखकर ही शायद राहुल गांधी को यह बात समझ में आने लगी है कि जिस गुजरात में वे विकास को पागल बता रहे हैं, वहां की जनता ने विकास का स्वाद ले लिया है। ऐसे में उनकी इस दलील का लोगों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ रहा है। आप इस वीडियो में देखकर समझ सकते हैं कि राहुल गांधी के विकास को पागल करने कहने का क्या असर हो रहा है।

तो क्या ‘विकास’ अब ठीक हो गया है राहल जी !
दरअसल राहुल गांधी को कई जगहों पर मोदी-मोदी के नारे से भी सामना हुआ है। मंदिर-मंदिर घूमने को मजबूर हो चुके राहुल गांधी की नीयत भी लोगों को समझ में आने लगी है। जाहिर है वे अब विकास पागल हो गया है कि रणनीति को एक चूक मान रहे हैं और बैक टू पैवेलियन होना चाह रहे हैं। लेकिन इस पलटी का कारण पूछते हुए गुजरात की जनता यह जरूर समझना चाह रही है कि क्या वाकई में अब ‘विकास’ ठीक हो गया है या फिर राहुल और उनकी कांग्रेस ठीक हो गई है?

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