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राहुल गांधी को केसरिया से ‘नफरत’ और हरे रंग से है ‘प्यार’, जानिये क्यों…

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राहुल गांधी का ‘मुस्लिम प्रेम’ एक बार फिर तब छलक आया जब मुंबई में पीएम मोदी की गले लगने (पड़ने) वाली राहुल गांधी की तस्वीर के पोस्टर लगाए गए। इसमें लिखा है ‘नफरत से नहीं प्यार से जीतेंगे’। यहां ‘नफरत’ को केसरिया रंग में, जबकि प्यार को ‘हरे’ रंग से दिखाया गया है। मतलब साफ है कि हिंदुओं के लिए धार्मिक और सम्मान के प्रतीक केसरिया को ‘घृणा’ का रंग बताया गया है। जबकि मुस्लिमों के धार्मिक प्रतीक ‘हरा’  को ‘प्रेम’ का रंग बताया गया है।

जाहिर है कांग्रेस ने इस पोस्टर के जरिये अपने मुस्लिम वोट बैंक को संदेश देना चाहती है कि वह उससे ‘प्यार’ करती है और हिंदुओं से ‘नफरत’। गौरतलब है कि 11 जुलाई, 2018  को मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिलते हुए राहुल गांधी ने साफ-साफ कहा था, ‘’हां, कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है।’’

कांग्रेस के कृत्यों और उनके नेताओं के बयानों पर गौर करें तो बार-बार यह बात साबित हुई है कि ‘कांग्रेस मुसलमानों की ही पार्टी है’, और वह हिंदुओं से ‘नफरत’ करती है। आइये हम उन तथ्यों पर एक नजर डालते हैं जो ये सिद्ध करते हैं कि कांग्रेस के डीएनए में हिंदू विरोध है।

  • 2018 : राहुल गांधी ने साफ कहा कि ”हां, कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है।’’
  • 2016 : कपिल सिब्बल ने भगवान राम की तुलना तीन तलाक और हलाला से की।
  • 2016 : उत्तराखंड में हर शुक्रवार मुस्लिमों को 90 मिनट का अवकाश देने का निर्णय।
  • 2013 : मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ित हिंदुओं से नहीं, सिर्फ मुसलमानों से मिले राहुल गांधी।
  • 2010 : राहुल गांधी ने कहा, ”मुस्लिम आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।”
  • 2008 : सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस ने कहा कि वह राम सेतु के अस्तित्व को नहीं मानती।
  • 2007 : मुस्लिम आतंकियों को छोड़ा और ‘भगवा आतंकवाद’ की साजिश रची।
  • 2006 : मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।
  • 2004 : सोनिया गांधी ने कांचि कामपीठ के शंकराचार्य को गिरफ्तार करवाया।
  • 1987 : राजीव गांधी ने शाहबानो केस में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट को नीचा दिखाया।
  • 1975 : इंदिरा गांधी ने नसबंदी से हिंदुओं की आबादी घटाने की साजिश रची।
  • 1951 : कॉमन सिविल कोड लागू करने के बाबासाहेब के प्रस्ताव का नेहरू ने विरोध किया।
  • 1951 : जवाहर लाल नेहरू ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सोमनाथ मंदिर जाने से मना किया।
  • 1949 : अयोध्या में राम मंदिर का विरोध किया जो आज तक नहीं बन पाया।
  • 1947 : सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का पंडित जवाहरलाल नेहरू ने विरोध किया।
  • 1946 : जवाहर लाल नेहरू ने वंदे मातरम को राष्ट्रगान बनाने का विरोध किया।

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