Home झूठ का पर्दाफाश राफेल के सीईओ ने राहुल गांधी के झूठ का किया पर्दाफाश

राफेल के सीईओ ने राहुल गांधी के झूठ का किया पर्दाफाश

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ऐसा लगता है कि राफेल पर देश की जनता को गुमराह करने के लिए राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस ने झूठ की फैक्ट्री खोल रखी है। राहुल गांधी ने पिछले कई महीनों से ये झूठ फैला रखा है कि केंद्र सरकार ने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए राफेल के साथ ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट की डील रिलायंस डिफेंस को दिलवा दी। लेकिन डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने इस झूठ पर से पर्दा उठाकर राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस को बेनकाब कर दिया है।

राफेल के सीईओ ने ऐसे किया राहुल गांधी को बेनकाब
एरिक ने मीडिया से कहा है कि- “ डसॉल्ट एविएशन ने ही ऑफसेट पार्टनर के तौर पर रिलायंस डिफेंस का चयन किया, भारत सरकार की ओर से पार्टनर चुनने का कंपनी के ऊपर कोई दबाव नहीं डाला गया।“ डसॉल्ट के सीईओ ने रिलायंस डिफेंस को पार्टनर क्यों चुना इसकी वजह भी बताई है। एरिक ने मीडिया से बताया है कि अनिल अंबानी की कंपनी के पास नागपुर एयरपोर्ट के नजदीक प्लांट बनाने के लिए काफी जमीन पड़ी थी। उन्होंने जो सबसे बड़ी बात कही वो ये कि डसॉल्ट एविएशन ने अपना बिजनेस पार्टनर चुनने के लिए रिलायंस डिफेंस और एचएएल दोनों के साथ चर्चा की और आखिर में रिलायंस का चुनाव किया।

मुद्दा न मिलने से बेचैनी में है कांग्रेस
अब जबकि खुद डसॉल्ट एविएशन ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया है तो सवाल राहुल गांधी से है कि वो किस आधार पर देश को ये बताते रहे कि मोदी जी ने एचएएल के रहते डील रिलायंस को दिला दी। दरअसल यूपीए के 10 साल के शासनकाल में घोटालों की भरमार लग गई थी। हर स्तर पर हुए भ्रष्टाचार की वजह से लोगों का सरकार और राजनीति पर से भरोसा उठने लगा था। नरेन्द्र मोदी ने जब से सत्ता की बागडोर संभाली है भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इसे लेकर कांग्रेस और विरोधी दलों में बेचैनी का माहौल है। इसी बेचैनी की वजह से राहुल गांधी सरकार पर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं।

आइये आपको बताते हैं कि राफेल पर राहुल गांधी ने अब तक क्या-क्या झूठ बोला है।

     राफेल पर राहुल गांधी के झूठ

  • राफेल डील को सीबीआई के मौजूदा संकट से जोड़ दिया है जो हास्यास्पद है।
  • अलग-अलग मौकों पर यूपीए सरकार द्वारा तय राफेल की अलग-अलग कीमत बताई।
  • 520 करोड़, 526 करोड़, 540 करोड़, 700 करोड़।
  • डील में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
  • कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से अनुमति नहीं ली गई।
  • राफेल की कीमत सरकार नहीं बता रही।
  • सच्चाई ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है।

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