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राहुल का हिंदू विरोधी चेहरा फिर हुआ उजागर

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पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता भले ही मंदिरों में जाकर खुद को जबर्दस्ती हिंदू दिखाने की कोशिश कर रहे हो, लेकिन अक्सर उनके मन की बात जुबान पर आ ही जाती है। इन दिनों राहुल गांधी की एक क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें वो साफ कह रहे हैं कि उनका हिंदुत्व में कोई विश्वास नहीं हैं। राहुल गांधी ये कहकर अपने ऊपर लगे उन आरोपों को ही पुष्ट कर रहे हैं जिसमें कहा जाता है कि कांग्रेस हिंदुओं का राजनीतिक इस्तेमाल करने के लिए ही मंदिर जाने का नाटक कर रही है।

राहुल गांधी के अलावा उनके सिपहसालारों का भी यही हाल है। एमपी में कांग्रेस की लगातार तीन बार करारी हार को देखते हुए कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। कमलनाथ ने एमपी जाते ही अपना एजेंडा उजागर कर दिया है। मुसलमानों के साथ एक खुफिया बैठक में कमलनाथ कहते हुए दिख रहे हैं कि सत्ता में आने के बाद वो आरएसएस से निपट लेंगे।

जम्मू कश्मीर में छपने वाले उर्दू दैनिक अखबार “इंकलाब” ने 12 जुलाई को बहुत बड़ा खुलासा किया। फ्रंट पेज पर खबर छापी कि 11 जुलाई को राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ ‘सीक्रेट मीटिंग’ में कहा कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। इसके साथ यह खबर भी छपी है कि राहुल ने कहा कि उनका और उनकी मां का कमिटमेंट है कि मुसलमानों को उनका हक मिलना चाहिए और इससे वो कोई समझौता नहीं कर सकते।

गुजरात में मंदिर दर्शन के लिए राहुल ने मांगी माफी

12 तुगलक लेन स्थित अपने निवास पर राहुल गांधी ने लगभग 2 घंटे तक मुस्लिमों से बातचीत की। इस दौरान मुस्लिम नेताओं ने राहुल से आपत्त्ति दर्ज कराई और कहा कि आप तो सिर्फ मंदिर जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने तो मुसलमानों को भुला ही दिया है। मुस्लिम नेताओं की बात सुनकर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कर्नाटक में कई मस्जिदों में भी गया हूं। अब मस्जिदों में लगातार जा रहा हूं। खबर ये भी है कि उन्होंने कहा कि  गुजरात में मंदिरों में गया था उसके लिए माफी मांगता हूं।

शरिया अदालत लागू करने का राहुल ने किया वादा

सूत्रों से खबर है कि राहुल गांधी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मांगें भी मान ली हैं। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने ये वादा किया है कि अगर वे 2019 में देश के प्रधानमंत्री बने तो देश के हर जिले में शरिया अदालत बनाने की मांग पूरी कर देंगे।

राहुल के आदेश से हिंदुओं को ‘गाली’ दे रहे कांग्रेसी!

11 जुलाई को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हिंदुओं को कट्टरपंथी बताते हुए ‘हिंदू पाकिस्तान’ की बात कही। इसके बाद 13 जुलाई को दिग्विजय सिंह ने हिंदुओं को कट्टरपंथी कहा और भारत के पाकिस्तान बन जाने की बात कही। खबर है कि यह सब राहुल गाधी के आदेश से किया जा रहा है। गौरतलब है कि 11 जुलाई को ही राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और मुलाकात से पहले और बाद वह यही संदेश देना चाहते हैं कि मुस्लिमों की असल हितैषी कांग्रेस है।  

दरअसल आजादी के बाद से कांग्रेस के कृत्यों पर गौर करें तो ये साफ है कि कांग्रेस पार्टी हिंदू विरोधी और मुस्लिम परस्त रही है।

11 प्वाइंट्स में समझिये कि कांग्रेस क्यों है ‘मुस्लिम पार्टी’
1946 : जवाहर लाल नेहरू ने वंदे मातरम को राष्ट्रगान बनाने का विरोध किया।
1949 : अयोध्या में राम मंदिर बनाने का विरोध किया जो आज तक नहीं बन पाया है।
1951 : डॉ अम्बेडकर कॉमन सिविल कोड लागू करना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने विरोध किया।
1975 : इंदिरा गांधी ने मुस्लिमों के विरोध के कारण नसबंदी अभियान को हिंदुओं पर थोप दिया।
1987 : शाहबानो केस में अलग कानून बनाया और सुप्रीम कोर्ट को की धज्जियां उड़ा दीं।
2004 : आंध्र प्रदेश में कांग्रेस ने मुसलमानों को आरक्षण दिलाने का वादा किया।
2006 : मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।
2007 : मक्का ब्लास्ट में मुस्लिम आतंकियों को छोड़ा और ‘भगवा आतंकवाद’ की साजिश रची ।
2010 : राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से कहा कि मुस्लिम आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।
2016 : उत्तराखंड में हर शुक्रवार मुस्लिमों को 90 मिनट का अतिरिक्त अवकाश देने का निर्णय किया।
2016 : कपिल सिब्बल ने भगवान राम की तुलना तीन तलाक और हलाला से की।

 

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