पत्रकार की निष्पक्षता पर सवाल उठाने को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया है। अरुण जेटली ने राहुल के साथ एजेंडा पत्रकारों को भी लपेटे में लिया। सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘इमरजेंसी के तानाशाह के पोते ने एक स्वतंत्र संपादक को डरा-धमका कर अपना असली डीएनए दिखाया है। छद्म उदारवादी चुप क्यों है? एडिटर्स गिल्ड की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे है।’
The Grandson of the ‘Emergency dictator’ displays his real DNA – attacks and intimidates an independent Editor.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 3, 2019
Why are the pseudo liberals silent? Waiting for the Editors guild’s response.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 3, 2019
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इंटरव्यू करने वाली पत्रकार स्मिता प्रकाश की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार खुद सवाल भी कर रहीं थी और जवाब भी दे रहीं थी। राहुल ने कहा कि इंटरव्यू करने वाली पत्रकार, Pliable हैं… यानी सत्ता के प्रति बहुत लचीली हैं और इसमें कड़े सवाल नहीं पूछे गए। जबकि स्मिता प्रकाश ने हर वो सवाल पूछे, जिनके जवाब विपक्ष के लोग प्रधानमंत्री से जानना चाहते हैं। राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए स्मिता प्रकाश ने लिखा, ‘ डियर राहुल गांधी, आपने प्रेस कॉन्फ्रेस में मुझ पर हमला किया। मैं सवाल पूछ रही थी, जवाब नहीं दे रही थी। अगर आप पीएम मोदी पर हमला करना चाहते हैं तो आगे बढ़े, लेकिन मेरा उपहास बेतुका है। देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल के अध्यक्ष से ऐसी उम्मीद नहीं है।’
Dear Mr Rahul Gandhi, cheap shot at your press conference to attack me. I was asking questions not answering. You want to attack Mr Modi, go ahead but downright absurd to ridicule me. Not expected of a president of the oldest political party in the country.
— Smita Prakash (@smitaprakash) January 2, 2019
अब सवाल यह उठता है कि मीडिया का एक बहुत बड़ा वर्ग इस पर चुप क्यों है? राहुल ने जब प्रेस कॉन्फ्रेस में संपादक की निष्पक्षता पर सवाल उठाए तो वहां मौजूद किसी पत्रकार ने उन्हें टोका क्यों नहीं?
राहुल गांधी कह रहे हैं प्रधानमंत्री के इंटरव्यू में सवाल करने वाली ही जवाब भी दे रही थी. हैरानी है कि ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ और पत्रकारिता का दम भरने वाले एक भी ‘पत्रकार’ ने उन्हें टोका नहीं.
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) January 2, 2019
Shooting the messenger!! Not done Mr @RahulGandhi, cheap stunt at your press conference to attack @smitaprakash who was asking questions not answering. Go ahead fight @narendramodi @arunjaitley @BJP4India but its unbecoming of President @INCIndia to ridicule the @ANI interviewer. pic.twitter.com/EKe7oqdRRd
— NUJIndia.org (@NUJIndiaOrg) January 2, 2019
न्यूज़ एजेंसी @ANI की @smitaprakash ने शानदार इंटरव्यू लिया लेकिन @RahulGandhi एक पत्रकार की मेधा पर शर्मनाक सवाल उठाए, राहुल जी पत्रकारों पर इमरजेंसी थोपने का काम किसने किया सब जानते हैं।कृपया पत्रकारों को राजनैतिक हथियार न बनाये,हमें हमारा काम करने दें।धन्यवाद pic.twitter.com/SZYhcXkti6
— Vikas Bhadauria ABP (@vikasbha) January 2, 2019
आज जब राहुल गांधी प्रधानमंत्री का इंटरव्यू करने वाली पत्रकार @smitaprakash पर आरोप लगा रहे थे ‘कि वो सवाल के साथ जवाब भी दे रही थी’ जबकि उन्होंने अच्छा इंटर्व्यू किया।यह अभिव्यक्ति की आज़ादी और पत्रकारिता पर हमला नहीं हैI
कहाँ हैं ‘आज़ादी के Champion’
इतना सन्नाटा क्यों हैं ?— AMISH DEVGAN (@AMISHDEVGAN) January 2, 2019
मोदी का इंटरव्यू लेने वाली @smitaprakash को विवाद में घसीटने के बजाय राहुल को भी अपनी पसंद के एक जर्नलिस्ट को इंटरव्यू दे देना चाहिए था. सवाल-जवाब की शर्तें भी पहले तय कर लेते….किसने रोका है? पत्रकारों को माध्यम ही रहने दें, निशाना क्यों बनाते हैं ?
— Manak Gupta (@manakgupta) January 2, 2019
क्या कुछ पत्रकार राहुल से इसलिए सवाल नहीं कर रहे, क्योंकि कांग्रेस ने ही उन्हें पाल पोसकर बड़ा किया है। राहुल के बयान ने एक बार फिर कुछ पत्रकारों का चेहरा बेनकाब कर दिया है। बात-बात पर संसद मार्च और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में धरना प्रदर्शन करने वाले छद्म पत्रकार चुप हैं।