इजरायल इन दिनों भारतीय कला और संस्कृति में रंगा हुआ दिख रहा है। वहां के लोग हिन्दी सीखते और बोलते दिख रहे हैं। ऐसा लग रहा है, मानो हर इजरायली मोदी के पहुंचने से पहले हिन्दी सीख लेना चाहता हो। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर इजरायल पहुंच रहे हैं। इसी की तैयारी में इजरायल मोदीमय हो रहा है। ऐसा हो भी क्यूं ना, 70 साल के इतिहास में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल के दौरे पर आएंगे, वह भी राजनयिक संबंधों के सिल्वर जुबली साल में। इजरायल पीएम मोदी के ऐतिहासिक यात्रा को यादगार बनाने के भारतीय संस्कृति को जमकर बढ़ावा दे रहा है।
इजरायली मीडिया में छाए मोदी
इजरायली के एक प्रमुख अखबार ने पीएम मोदी की तारीफ लिखा है कि ‘जागो, दुनिया के सबसे अहम प्रधानमंत्री आ रहे हैं।‘
इजरायली बिजनेस डेली ‘द मार्कर’ ने अपने हिब्रू संस्करण में भारत-इजरायल के संबंधों पर प्रमुख स्टोरी बनाई है। उस स्टोरी में प्रधानमंत्री मोदी के बारे में लिखा है कि वह बेहद लोकप्रिय और सबसे तेज गति बढ़ रही अर्थव्यवस्था वाले देश के प्रतिनिधि हैं। वह इतने समर्थ हैं कि दुनिया उनकी ओर देख रही है।
द येरूशलम पोस्ट ने तो मोदी की इजरायल यात्रा पर एक अलग लिंक ही बना दिया है। अरुट्ज शेवा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विश्व के अन्य नेताओं से इतर मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और दूसरे सबसे बड़े देश के कर्ताधर्ता हैं। लेकिन वह इजरायल दौरे के दौरान रामल्लाह नहीं जा रहे।
First ever visit of an #IndianPM @narendramodi @PMOIndia to #Israel on the backdrop of 25years of #GrowingPartnership pic.twitter.com/qOmgTQrjBW
— Israel in India (@IsraelinIndia) June 28, 2017
पोप और ट्रंप से भी अधिक मोदी को मिल रही तरजीह
प्रधानमंत्री मोदी के भव्य स्वागत के लिए इजरायल ने 11 मंत्रालयों को काम पर लगाया है। एयरपोर्ट पर आगवानी करने के लिए न केवल इजरायल के प्रधानमंत्री मौजूद रहेंगे बल्कि पूरे दौरे में प्रधानमंत्री साथ-साथ रहेंगे। इजरायल ऐसा केवल पोप या अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए करते हैं। पीएम मोदी के रहने की व्यवस्था इजरायल ने जेरुसलम के किंग डेविड होटल के उसी सूट में किया है जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इजरायल ने ठहराया था। इस होटल में उनकी अगवानी के लिए होटल के मालिक फ्रेडमैन भी उपस्थित रहेंगे। मोदी की सादगी और सात्विकता को ध्यान में रखते हुए यात्रा के दौरान होटल के बार को हटा दिया गया है और उसे प्रेस लाउंज बना दिया गया है। ऐसी स्थिति मोदी की इजरायल से भारत के लिए उड़ान भरने के दो घंटे बाद तक बनी रहेगी।
मोदी-नेतन्याहू सभी प्रमुख कार्यक्रमों में रहेंगे साथ-साथ
इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू 4 जुलाई को ही अपने सरकारी आवास पर मोदी के लिए रात्रि भोज देंगे। वहां दोनों आपस में बातचीत करेंगे। दोनों नेता पांच जुलाई को फिर मिलेंगे और नेतन्याहू प्रधानमंत्री मोदी के लिए दोपहर के भोज की मेजबानी करेंगे। प्रगाढ़ संबंधों का प्रदर्शन करते हुए नेतन्याहू खुद ही मोदी को यरुशलम संग्रहालय लेकर जाएंगे जहां भारतीय यहूदी धरोहर से जुड़ी कुछ दुर्लभ चीजें प्रदर्शित है। संग्रहालय में कोच्चि के एक यहूदी पूजास्थल की प्रतिकृति भी रखी गई है। इसके अलावा 5 जुलाई को तेल अवीव में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के कार्यक्रम में भी नेतन्याहू मौजूद रहेंगे। पिछले कुछ दशकों में संभवत: इस्राइली प्रधानमंत्री ने किसी अन्य विदेशी नेता का ऐसा शानदार स्वागत नहीं किया है।
इजरायल के आम नागरिक हिंदी में कर रहे हैं स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी जोर-शोर से हिंदी को बढ़ावा देते हैं। वह जहां भी जाते हैं, ज्यादातर हिंदी में ही भाषण देते हैं। यहीं कारण है कि इजराइली नागरिक हिंदी में पीएम मोदी का स्वागत कर रहे हैं। एक वीडियो में इजरायली नागरिक हिन्दी में पीएम मोदी का स्वागत कर रहे हैं। इस तरह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे इजरायली दूतावास ने जारी किया है। वो वीडियो ये है –
Watch Israelis welcome @narendramodi to Israel, in #Hindi! #ModiInIsrael #GrowingPartnership pic.twitter.com/bS3J4TvnFP
— Israel in India (@IsraelinIndia) June 28, 2017
बहुत बहुत धन्यवाद। https://t.co/3eiJmPLUQL
— Narendra Modi (@narendramodi) June 29, 2017
इजरायल और भारत के बीच रिश्ते का इतिहास
- 1950: भारत ने इजरायल को 1950 में मान्यता दी। पर कूटनीतिक संबंध 1992 में बने। क्योंकि भारत इजरायल के धुरविरोधी फिलिस्तीन का समर्थन करता था।
- 1962: चीन से हुई में इजरायल ने भारत को मोर्टार, मोर्टार रोधी इक्विपमेंट्स दिए थे। 1965, 71 और कारगिल वॉर में इजरायल ने भारत को सैन्य साजो सामान मुहैया कराए।
- 1977: मोरारजी देसाई सरकार ने इजरायल से बेहतर कम्युनिकेशन शुरू किया। उस समय इजरायल के रक्षा मंत्री कई सीक्रेट ट्रिप पर भारत आए।
- 1985: यूएन असेंबली से इतर तब पीएम रहे राजीव गांधी, इजरायली समकक्ष शिमोन पेरेज से मिले। यह दोनों देशों के प्रमुखों की पहली सार्वजनिक मुलाकात थी।
- 1992: प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने दोनों देशों के बीच चली आ रही झिझक को खत्म करते हुए इजरायल के साथ पूर्ण राजनीति रिश्ते शुरू किए।
- 2003: पहली बार भारतीय विदेश मंत्री जसवंत सिंह इजरायल गए।
- 2015: प्रणब मुखर्जी इजरायल जाने वाले देश के पहले राष्ट्रपति बने।
We will establish a joint innovation, and R&D fund. We will also increase tourism from India to Israel; this has very great potential.
— PM of Israel (@IsraeliPM) June 25, 2017
भारत-इजरायल रिश्ते एक नजर में –
- भारत के लिए इजरायल तीसरा सबसे बड़ा हथियार सप्लायर देश है।
- इजरायल के लिए भारत एशियाई देशों में तीसरा ट्रेड पार्टनर जबकि वैश्विक स्तर पर 10वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर।
- दोनों देशों के बीच रक्षा सौदों के अलावा आईटी, एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों पर अहम समझौते हुए हैं। इजरायल के निवेश से मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को फायदा मिलेगा।
- इजरायल से सिंचाई टेक्नोलॉजी प्राप्त करने के बाद भारत को जल संकट से मुक्ति मिल सकती है।
- गंगा के एक हिस्से की सफाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और इजरायल में समझौता हो सकता है।
- इंडस्ट्री, रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर का एक फंड बन सकता है।
- इजरायल ने भारत को मिसाइल, एंटी मिसाइल सिस्टम, यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम जैसी अहम तकनीक दी है।
- इजरायल भारत के लिए डिफेंस के लिहाज से बेहद अहम है। इजरायल ने चीन को अवाक्स सिस्टम बेचने से इनकार कर दिया, पर उसने भारत को यह सिस्टम दिया।