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मोदी सरकार ने दी शहरी गरीबों के लिए 3.21 लाख और किफायती मकानों को मंजूरी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने का वादा किया है। 2022 तक सभी के लिए मकान सुनिश्चित करने के लक्ष्य को लेकर जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी। उसी के तहत आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत शहरी गरीबों के हित में 3,21,567 और किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने 4,753 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 18,203 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है। केंद्रीय अनुमोदन और निगरानी समिति की बैठक में हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मिजोरम, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार, केरल, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और गोवा राज्यों के 523 शहरों में परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई।

इसके साथ ही पीएमएवाई (शहरी) के तहत संचयी घर 42,45,792 हो जाएंगे। इसके अलावा आरएवाई योजना की परियोजनाओं को शामिल करने के बाद पीएमएवाई (शहरी) के तहत वित्त पोषित होने वाले घरों की कुल संख्या 43,87,640 हो जाएगी।

हरियाणा के 55 शहरों और कस्बों में 70,671 घरों के लिए 1,060 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 7,261 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी गई। पश्चिम बंगाल के 86 शहरों और कस्बों में 59,929 घरों के लिए 899 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता और 2,431 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। राजस्थान के 48 शहरों में 54,821 सस्ते घरों के लिए 822 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता और 2,519 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी गई। उत्तर प्रदेश के 121 शहरों और कस्बों में 39,683 घरों के लिए 595 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 1,059 करोड़ निवेश को स्वीकृति दी गई। गुजरात के 19 शहरों और कस्बों में 35,851 घरों के लिए 467 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 2,204 करोड़ रुपये निवेश को स्वीकृति दी गई। मिजोरम के 16 शहरों और कस्बों में 15,798 घरों के लिए 237 करोड़ की केन्द्रीय सहायता के साथ 316 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। कर्नाटक के 58 शहरों में 11, 941 सस्ते घरों के लिए 179 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता और 605 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी गई। महाराष्ट्र के 15 शहरों और कस्बों में 10,639 घरों के लिए 156 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 863 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी गई। मध्यप्रदेश के 11 शहरों और कस्बों में 5,426 घरों के लिए 81 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 289 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। बिहार के 10 शहरों में 8,154 सस्ते घरों के लिए 122 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 388 करोड़ के निवेश को स्वीकृति दी गई। केरल के 32 शहरों और कस्बों में 5,073 घरों के लिए 76 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 203 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी गई। हिमाचल प्रदेश के 41 शहरों और कस्बों में 3,345 घरों के लिए 50 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता के साथ 55 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। पंजाब के 1 शहर में 176 सस्ते घरों के लिए 2.7 करोड़ की केन्द्रीय सहायता के साथ 9 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी गई। गोवा के 10 शहरों में 60 घरों के लिए 2.43 करोड़ रुपये निवेश को स्वीकृति दी गई।

2022 तक सभी के लिए मकान सुनिश्चित करने के लक्ष्य को लेकर जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी।

अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए निगरानी
बेहतर गुणवत्ता के आवासों के तेजी से निर्माण के लिए लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष हस्तांतरण के जरिए आईटी-डीबीटी के जरिए सहायता राशि मुहैया कराई गई है। बेहतर गुणवत्ता के घरों के निर्माण के लिए ग्रामीण मजदूरों और मिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया गया है। अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए घरों के निर्माण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है। लाभार्थियों के मकानों के निर्माण कार्य के विभिन्न चरणों पर नजर रखी जा रही है। राज्यों ने निर्माण सामग्री को रियायती दामों पर उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि आवासों का निर्माण कार्य और उसकी गुणवत्ता प्रभावित न हों। इन आवासों में शौचालय, एलपीजी कनेक्शन और पीने के पानी की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। कुछ राज्यों में इस योजना के तहत कलस्टर और कॉलोनियां भी बनाई गई हैं, जिससे आमतौर पर भूमिहीन लाभार्थी लाभांवित होंगे। इन आवासों का निर्माण दिल्ली के यूएनडीपी-आईआईटी ने किया है और संबंधित राज्यों के लाभार्थियों को यह सुविधा दी गई है कि वे अपनी पसंद के अनुरूप आवासों का डिजाइन चुन सकें।

PMAY ने बढ़ाए रोजगार के अवसर
प्रधानमंत्री आवास योजना ने अब तक 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में निवेश किये गए हर 1 लाख रुपये पर 2.69 रोजगार लोगों को मिलते हैं। लगातार प्रयासों से यह आंकड़ा 4.06 तक पंहुचा जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 1,10,753 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। अनुमान है कि इस पूरी योजना के तहत लगभग 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिल सकता है।

सस्ते मकान क्षेत्र में जबरदस्त तेजी
प्रधानमंत्री आवास योजना पीपीपी मोड के आधार पर चल रही है। ऐसा अनुमान है कि इस कारण सस्ते आवासीय क्षेत्र में जबरदस्त तेजी आने वाली है। कई हाउसिंग कंपनियों के अनुसार ग्राहकों का जबरदस्त आकर्षण दिख रहा है।पीएमएवाई के तहत केंद्र सरकार ने मध्यम आयवर्ग के लोगों के लिए दो नई योजनाएं शुरू की। इन योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज में 4 फीसदी और 12 लाख रुपये के आवास ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी छूट दी गई है।

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