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देशहित में प्रोटोकॉल की परवाह नहीं, देखिए प्रधानमंत्री मोदी ने कब-कब तोड़ा प्रोटोकॉल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देशहित के लिए कभी किसी बात की परवाह नहीं करते। यहां तक कि मेहमानों के स्वागत में प्रोटोकॉल तोड़ने से भी परहेज नहीं करते। ताजा उदाहरण इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भारत दौरे के दौरान देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़ते हुए उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट तक पहुंचे। दरअसल वे जानते हैं कि इजरायल के साथ संबंधों का भारत के लिए कितना महत्त्व है। ऐसे में वे महज तीन साल के कार्यकाल में 10 बार ऐसा कर चुके हैं। इसका असर भी उस विशेष देशों के साथ संबंधों पर पड़ा है। आइये तस्वीरों के जरिये दिखाते हैं कि जब-जब प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ा है, उसका उस खास देश के साथ संबंधों पर क्या असर पड़ा है। 

10वां अवसर – इजरायली प्रधानमंत्री को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे

14 जनवरी, 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे तो दोनों देशों के बीच की गरमाहट देखने को मिली। इजरायल का कोई प्रधानमंत्री 15 साल बाद भारत का दौरा कर रहा है। यही नहीं दोनों देशों के बीच 9 महत्वपूर्ण समझौते हुए।

इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू , 14 जनवरी, 2018

9वां अवसर – तत्कालीन अमेरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को रिसीव करने पहुंचे

25 जनवरी, 2015 को जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को एयरपोर्ट लेने पहुंचे, तब दोनों देशों के रिश्तों ने नई ऊंचाईयों को छुआ। भारत न्यूक्लियर पावर सप्लायर ग्रुप का सदस्य बना, संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थाई सदस्यता के लिए इस ग्रुप का सदस्य बनना जरूरी होता है। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पहली बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम से 125 देशवासियों से संवाद स्थापित किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से गले मिलते हुए, 25 जनवरी 2015

8वां अवसर – जापानी पीएम शिंजो आबे के साथ किया रोड शो

ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी प्रधानमंंत्री के कार्यकाल के दौरान जापान के प्रधानमंत्री दो बार भारत आए हों। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के जापान के साथ संबंधोंं की बानगी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि ना वो दो बार भारत बल्कि उन्होंने अहमदाबाद में प्रधानमंत्री मोदी के साथ रोड शो भी किया जो कि भारत के इतिहास की पहली घटना है। इन संबंधों का ही नतीजा है कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में जापान भारी निवेश कर रहा है और भारत के बुलेट ट्रेन के सपने का भी साझेदार बना है। 

जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ अहमदाबाद में रोड शो, 13 सितंबर 2017

7वां अवसर – आस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबल के साथ मेट्रो का सफर किया

पहली बार किसी मेट्रो में दो देशों के प्रधानमंत्री ने साथ सफर किया। प्रधानमंत्री मोदी आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ मेट्रो से अक्षरधाम मंदिर गए। आज अक्षरधाम मंदिर पूरे विश्व के लिए टूरिज्म का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। प्रधानमंत्री की कूटनीति का ही ये असर है कि आज संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सदस्यता में आस्ट्रेलिया मजबूती से भारत के साथ खड़ा है।

ऑस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबुल के साथ मेट्रो में, 10 अप्रैल 2017

छठा अवसर – फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद का चंडीगढ़ में स्वागत

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद से चंडीगढ में मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच डिफेंस, सोलर एनर्जी और स्‍मार्ट सिटी को लेकर 16 एग्रीमेंट साइन हुए। यही नहींं ये प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति का ही नतीजा है कि भारत की सुरक्षा के मद्देनजर जरूरी 36 राफेल विमानों का सौदा बहुत ही सस्ते में भारत को मिला। मोदी सरकार ने इस पूरे करार मेंं देश के 12,600 करोड़ रुपये बचाए।

फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद का चंडीगढ़ में स्वागत, 24 जनवरी 2016
फ्रांस के राष्ट्रपति चंडीगढ़ में गले मिलते हुए, 24 जनवरी 2016

5वां अवसर – अबुधाबी के प्रिंस को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे

अबुधाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद का दिल्ली में स्वागत, 24 जनवरी 2017

अबुधाबी के साथ प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे संबंधों के कारण पाकिस्तान विश्व बिरादरी से एकदम अलग-थलग हो गया है। यूएई के साथ पहली बार ऐसा करार संभव हो पाया, जिसके तहत दोनों देशों के बीच न सिर्फ आतंकवाद और इससे जुड़ी गतिविधियों पर इंटेलीजेंस का आदान-प्रदान होगा बल्कि यहां से होने वाली टेरर फंडिंग पर भी लगाम लग सकेगी। समझौते के मुताबिक दोनों ही देश आतंकी वारदातों को नियंत्रित करने के लिए काम करेंगे। इससे पहले पाक में मौजूद आतंकी संगठन अभी तक यूएई को अपनी सुरक्षित पनाहगार के तौर पर प्रयोग करते आए हैं। अब यूएई इन संगठनों के खिलाफ भारत के साथ मिलकर कार्रवाई करेगा।

अबुधाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद से गले मिलते हुए, 24 जनवरी 2017

चौथा अवसर – बांग्लादेश की पीएम का एयरपोर्ट पर स्वागत किया

बांग्लादेश के साथ प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे संबंधो का नतीजा ये हुआ कि दोनों देशों के बीच दशकों पुराना अब तक लंबित सीमा विवाद हल हो गया। दोनों देशों ने अपने संबंधों को और प्रागाढ़ बनाते हुए भारत-बांग्लादेश के बीच बंधन एक्सप्रेस की शुरुआत की, जिससे दोनों देशों के बीच आवागमन काफी सुगम हुआ।

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना का दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत, 7 अप्रैल 2017

तीसरा अवसर – जापान के प्रधानमंत्री ने की गंगा आरती।

पहली बार किसी विदेशी प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ मिलकर वाराणसी में गंगा आरती की। टूरिज्म के लिहाज से इसका वैश्विक असर पड़ा। आज हर कोई वाराणसी में गंगा आरती देखना चाहता है। जापान के साथ प्रगाढ़ता बढ़ाने की मोदी की नीति का ही असर है कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में काम करने को राजी हुए।

वाराणसी में जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ गंगा आरती से पहले की तस्वीरें, 11 दिसंबर 2015

दूसरा अवसर – अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बेटी के साथ डिनर

अमेरिका से प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे रिश्तों का ही परिणाम है कि ग्लोबल आंट्रप्रन्योरशिप समिट (GES) का हैदराबाद में आयोजन हुआ, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति की बेटी इवांका ट्रंप ने हिस्सा लिया। 

इवांका ट्र्ंप के साथ डिनर, 29 नवंबर, 2017
इवांका ट्र्ंप के साथ हैदराबाद में, 29 नवंबर, 2017

पहला अवसर – प्रोटोकॉल तोड़कर अहमदाबाद स्वागत करने पहुंचे

प्रधानमंंत्री मोदी की नीतियों का ही असर है कि भारत-चीन रिश्तों को पूरे विश्व ने नए आयाम में देखा। पूरी दुनिया ने इस बात को समझा कि भारत चीन से बेहतर रिश्ते बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, लेकिन चीन इसमें अड़ंगा डाल रहा है। शायद यही वजह है कि जब डोकलाम सीमा विवाद पैदा हुआ तो विश्व बिरादरी ने भारत का समर्थन किया और चीन को अपने कदम पीछे हटाने पर मजबूर होना पड़ा। 

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का अहमदाबाद में स्वागत, 17 सितंबर 2014
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ लोगों का अभिवादन करते हुए, 17 सितंबर 2014

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
 
 
 
 

 

 

 

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