Home नरेंद्र मोदी विशेष किसानों के सशक्तीकरण से हो रहा ‘भारत उदय’ : प्रधानमंत्री मोदी

किसानों के सशक्तीकरण से हो रहा ‘भारत उदय’ : प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को नरेन्द्र मोदी ऐप के माध्यम से देशभर के किसानों से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत, उनकी प्रगति और नये प्रयोगों को लेकर उन्हें देश के अन्नदाताओं पर गर्व है। पीएम मोदी ने कहा, ”हमने तय किया है कि 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना है, किसानों को साथ लेकर आगे चलना है और सरकार की पुरानी नीतियों को बदलकर आगे बढ़ना है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कच्चे माल की लागत कम हो, किसानों को पैदावार का उचित मूल्य मिले और फसल पैदावार में कम से कम नुकसान हो। पीएम मोदी ने कहा, ”जब किसानों का उदय होगा तभी भारत का भी उदय होगा। जब हमारा किसान सशक्त होगा तभी देश भी सशक्त होगा।”

गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी ऐप पर इससे पहले पीएम मोदी उज्जवला योजना, मुद्रा योजना, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों से बात कर चुके हैं। इसी क्रम में यह उनका छठा संवाद था जिसमें उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों के किसानों से बात की। आइये इन्हीं में से कुछ किसानों के अनुभवों को शब्दों के माध्यम से अनुभव करते हैं।

किसानों की आय दोगुनी हो गई है : चंद्रमणि कौशिक

छत्तीसगढ़ की चंद्रमणि कौशिक ने कहा, ”पहले दो एकड़ में धान लगाते थे, लेकिन लाभ नहीं होता था। इसके बाद 10-15 महिलाओं को मिलाकर समूह बनाया और शरीफा-सीताफल के प्रोजेक्ट पर काम करने लगे। कृषि आत्मा परियोजना से जुड़े और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। अब ग्रुप से 300 महिलाएं जुड़ी हैं और किसानों की आय दोगुनी हो गई है।” छत्तीसगढ़ के ही चित्रसेन सोनकर ने कहा कि सरकार से सब्सिडी मिलने के बाद सिंचाई योजना के तहत चार एकड़ में ड्रिप लगाई। पहले जिस तरबूज को बेचकर एक लाख 20 हजार कमाते थे, अब इसी चार एकड़ से छह से सात लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है।

मुर्गी पालन से एक लाख रूपये की कमाई- चंपा नीलामा

मध्य प्रदेश में झाबुआ की रहने वाली चंपा नीलामा ने कहा कि वह कड़कनाथ किस्म के मुर्गी पालन के जरिये सालाना एक लाख रुपये की आमदनी कर रही हैं। पांच लड़कियों को अच्छी पढ़ाई दे रही हैं। मध्य प्रदेश के ही आदिवासी किसान राजू हतीला ने कहा कि ग्रेजुएशन के बाद नौकरी नहीं मिली तो गांव में ही रहने का सोचा। सरकार की योजना से 14 लाख का प्रोजेक्ट लिया जिसमें 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिल गई। कृषि यंत्र खरीदे और अब उसे चार-पांच गांवों में किराए पर देते हैं। 2 साल में लगभग 8 लाख का मुनाफा हुआ।

‘फार्मर टू कंज्यूमर’ के जरिये लाभ ही लाभ- अनीता योगेश माड़गे

महाराष्ट्र की इस किसान ने कहा कि हमने किसान उत्पादक समूह  की एक कंपनी बनाई है। यह पहली महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी है। तूर दाल मिल का प्रोजेक्ट लगाया जिसमें महिलाओँ को काम दिया। ‘फार्मर टू कंज्यूमर’ तूर बेचते हैं। इससे किसानों को फायदा मिलता है। केवीके के तकनीकी सहयोग से जहां उत्पादन बढ़ा। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जानकारी दी कि चार वर्षों के दौरान ही 500 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों का गठन हुआ। बजट में सरकार ने किसान उत्पादक कंपनी को इनकम टैक्स में छूट प्रदान की है।

बागवानी कृषि में हेल्थ कार्ड से लाभ, दोगुनी हुई आय- जयराम जी

कर्नाटक में रामनगर के जयराम जी ने कहा कि पहले बागवानी सब्जी फल की खेती के लिए उर्वरक का ज्यादा इस्तेमाल करते थे। हालांकि जब से सॉयल हेल्थ कार्ड बनवाया तो सही मात्रा में पोषक तत्वों के इस्तेमाल से उपज बढ़ गयी है। पहले जहां चार लाख के खर्च पर 5 लाख आय थी, अब यह 7 लाख हो गई है। इसी प्रदेश के ज्ञानमूर्ति ने कहा, ”3.5 एकड़ जमीन में 2016 में खेती करनी शुरू की तो कृषि विभाग के कहने पर 600 रुपये प्रीमियम देकर फसल बीमा योजना करवा लिया। बारिश से फसल नष्ट हो गयी तो 2017 में 30,500 रुपये मिले।” यहीं के किसान जयशंकर ने कहा कि फसल बीमा आने से किसान चिंतामुक्त हो गए हैं। पहले से न सिर्फ प्रीमियम कम किया गया है बल्कि कवरेज का दायरा भी बढ़ गया है।

नई तकनीक के इस्तेमाल से छह गुना बढ़ गया उत्पादन- नेश्राम लिप्सा

सिक्किम की तिनकी लिप्सा ने कहा कि आईसीआरए से जुड़कर नई तकनीक का इस्तेमाल किया। यहीं के किसान नेश्राम लिप्सा ने कहा कि उन्होंने 6 क्विंंटल अदरक लगाया तो 40 क्विंंटल पैदा हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने लेप्चा द्वारा ऑर्गेनिक खेती किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, ”किसानों को कोई आगे नहीं लाता है बल्कि किसान ही देश को आगे लाता है। ऑर्गेनिक खेती करके आपने देश का नाम रोशन किया है।” पीएम मोदी ने जानकारी दी कि देश में अब 22 लाख हेक्टेयर से ज्यादा ऑर्गेनिक फार्मिक होती है, जबकि 2013-14 में सिर्फ 7 लाख हेक्टेयर थी।

मछली उत्पादन में 20 लाख तक पहुंचा टर्नओवर- विकास गिरी

दक्षिण 24 परगना के किसान विकास गिरी ने कहा कि वे ग्रेजुएशन के बाद नौकरी ढूंढ रहे थे, लेकिन नौकरी नहीं मिली। इसके बाद मछली पालन की ट्रेनिंग के साथ हैचरी की ट्रेनिंग ली। आत्मा से 2 लाख रुपये का सहयोग मिला तो अपनी हैचरी लगाई और मांगूर मछली की सीड तैयार की। अब ऑक्सीजन पैकिंग कर फ्लाइट से पूरे देश में भेजते हैं। उन्होंने कहा कि अब 8 लाख रुपये की सालाना आय है। 20 लाख टर्नओवर है और 15 लोग उनके फार्म में रोजगार कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा, ”नीली क्रांति एक राष्ट्रीय योजना है। इसके तहत आर्थिक सम़ृद्धि के लिए प्रयास किया जा रहा है। मछली उत्पादन को बढ़ावा देना, आधुनिकीकरण, भोजन पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना और मछुआरों को सशक्त बनाने पर बल दिया गया है।” पीएम मोदी ने जानकारी दी कितीन वर्षों के दौरान मछली उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया कि नीली क्रांति योजना के तहत पारंपरिक मछुआरों को केंद्र सरकार को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए नौकाओं का 40 प्रतिशत सहयाता  दी जाती है। इसके अलावा सरकार पशुपालन, पॉल्ट्री फार्म पर भी विशेष ध्यान दे रही हैं। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि इस बार बजट में पशुपालन मछली पालन के लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। मधुमक्खी पालन भी किसनों के लिए एक तरह की आय का जरिया बन सकता है। मधुमक्खी न सिर्फ उपज बढ़ाती हैं बल्कि शहद से आय का बड़ा जरिया है।

पीएम मोदी ने जानकारी दी कि यूपीए के आखिर चार वर्षों में 850 करोड़ की तुलना में पिछले 4 वर्षों में 3000 करोड़ रुपये मधुमक्खी पालन के लिए दिए गए। पहले की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक शहत पैदा हो रहा है।

1.5 लाख से 3.5  लाख तक पहुंच गई आमदनी- विमला सिहार

राजस्थान में जोधपुर की इस प्रगतिशील महिला किसान ने कहा, ”15 साल पहले कुछ बेर के पौधे लगाए थे। बाद में कृषि विकास केंद्र के संपर्क में आने के बाद ग्राफ्टिंग सीखी। अपने खेत में देशी पौधों पर ग्राफ्टिंग की। एक की जगह दो बार पैदावार देने लगा। आय बढ़ी तो मेरे पास कई किसान आने लगे हैं।” उन्होंने बताया कि केवीके से संपर्क में रहती हूं और अन्य किसानों को बडिंग करना भी सिखाती हूं। आस पास के 8-10 गांव की महिलाओं को सिखाती हूं। उन्होंने बताया कि सोलर ड्रायर भी मिला है। पैकेजिंग भी करती हूं। पहले 1.5 लाख आय थी जो बढ़कर अब 3.5 लाख सालाना आय हो गई है।

गुजरात जाकर सीखी एडवर्स कंडीशन में खेती करना- फहीम उज्जमा खान

उत्तर प्रदेश के इस किसान ने कहा, ‘’सालों से गन्ने की खेती करता चला आ रहा था, लेकिन लाभ नहीं हो रहा था। पहले 2013 में गुजरात वाइबरेंट में गया तो वहां देखा कि एडवर्स कंडीशन में किसान खेती कर रहे हैं। बाद में यूपी शुगर केन रिसर्च, केवीके से मिलकर गन्ने की खेती आधुनिक तरीके से की। गन्ने के खेत में ही आलू की फसल उपजाई जिससे गन्ने की पैदावार भी बढ़ गई।‘’ उन्होंने कहा कि गन्ने के साथ उन्होंने लाही की भी फसल की। गन्ने की लागत तो इन्हीं फसलों से निकल आती हैं। गन्ना अच्छा उपजता है और यह बहुत सी बीमारियों से भी फसलों को बचाता है।

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