Home विशेष प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति ने लगाई पाकिस्तान की चालबाजियों को 10 चपत

प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति ने लगाई पाकिस्तान की चालबाजियों को 10 चपत

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पाकिस्तान को अपनी करतूतों की ही सजा मिल रही है। भारत की ओर से मित्रता के सारे प्रयास विफल रहने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कूटनीतिक स्तर पर उसके पर ऐसे कतर डाले हैं कि उसका संभलना अब मुश्किल हो गया है। पाकिस्तान दुनियाभर में अलग-थलग पड़ चुका है। पाकिस्तान की चालबाजियों से तंग आकर भारत ने पहले उसे अंतरिक्ष के मोर्चे पर किनारे किया था, अब ‘नेशनल नॉलेज नेटवर्क’ के लाभ से भी वंचित कर दिया है। दूसरी तरफ मोदी सरकार के पाकिस्तान की तरफ से मुंह फेरने का असर यह हुआ है कि चीन जैसे कुछ देशों को छोड़कर आज उसका अमेरिका जैसा सदाबहार मित्र भी उसे फूटी आंखों देखने के लिए भी तैयार नहीं है।

चपत 1: भारत ने सार्क देशों की लिस्ट से पाकिस्तान को हटाया
भारत ने अत्याधुनिक वैज्ञानिक डाटावेस और रिसर्च सुविधाओं से लैस नेशनल नॉलेज नेटवर्क (NKN)की सूची से पाकिस्तान को अलग कर दिया है। भारत ने इन सुविधाओं को साझा करने के लिए जिन देशों को जोड़ा है उनमें पाकिस्तान को छोड़कर 7 देशों वाले SAARC के बाकी 6 देश ही शामिल हैं। आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तानी रुख से तंग आकर भारत ने उसके खिलाफ ये कदम उठाया है। अब ‘नेशनल नॉलेज नेटवर्क’ की भारत की लिस्ट में सिर्फ अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और मालदीव ही शामिल रह गए हैं। ‘नेशनल नॉलेज नेटवर्क’ एक मल्टी-गिगाबाइट भारतीय नेटवर्क है जो भारत में संचार के इंफ्रास्ट्रक्चर, रिसर्च और अगली पीढ़ी के सॉफ्टवेयर और सेवाओं को विकसित करने में मदद करता है। भारत के इस पहल से सार्क देशों में रिसर्च एवं शिक्षा के नेटवर्क में क्रांतिकारी बदलाव आएगा और वे संचार के क्षेत्र में वैश्विक स्तर का लाभ उठा सकेंगे।

चपत 2: दक्षिण एशिया सैटेलाइट से भी पाकिस्तान को रखा दूर
5 मई, 2017 को इसरो ने दक्षिण एशियाई देशों के लिए एक सैटेलाइट ‘जीसैट-9’ लॉन्च किया था। शुरू में सार्क सैटेलाइट के नाम से चर्चित हुए इस सैटेलाइट की सुविधाओं से भी भारत ने पाकिस्तान को वंचित कर दिया था। यह सैटेलाइट अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और मालदीव में संचार, प्राकृतिक संसाधनों का खाका बनाने, टेली मेडिसिन, शिक्षा क्षेत्र और आईटी के क्षेत्र में सहायता कर रहा है। ‘जीसैट-9’ भूकंप, चक्रवात, बाढ़ और सुनामी जैसी आपदाओं में संवाद कायम करने में भी काफी मददगार साबित हो रहा है।

पाकिस्तान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रणनीतिक कूटनीति कितनी कारगर है वह हाल के दिनों में स्पष्ट तौर पर देखने को मिली है। भारत तो पाकिस्तान की असलियत हमेशा से जानता था, लेकिन यह प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शीता का नतीजा है कि विश्व भर के देश पाकिस्तान की किसी बात पर अब भरोसा करने के लिए तैयार नहीं हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि लंबे समय से अमेरिका का चहेता रहा पाकिस्तान, आज अमेरिकी आंखों का ही सबसे बड़ा कांटा बन चुका है।

चपत 3: पाकिस्तान ने माना भारत का लोहा
आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका से लगातार मिल रही फटकार को लेकर पाकिस्तान ने भारत पर दोषारोपण शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यहां तक कह दिया है कि पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों से जाहिर होता है कि अमेरिका भारत की भाषा बोलने लगा है। आसिफ ने वहां के संसदीय समिति के सामने अपना यह दर्द जाहिर किया है। दरअसल पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के ताजा रुख ने उसकी हेकड़ी ढीली कर दी है। पाकिस्तान के सत्ता के गलियारों में इस बात की चिंता जताई जा रही है कि कहीं भारत के दबाव में अमेरिका, पाकिस्तान की ऐसी की तैसी करना न शुरू कर दे।

चपत 4: अमेरिका की आंखों में अब चुभने लगा है पाकिस्तान
वास्तव में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक हालिया बयान ने पाकिस्तान की नींद उड़ा रखी है। ट्रंप ने कहा था कि 33 अरब डॉलर की अमेरिकी मदद के बदले पाकिस्तान ने उसे ‘झूठ और धोखे’ के सिवाय कुछ नहीं दिया। सच्चाई तो ये है कि एक तरफ पाकिस्तान अमेरिका से पैसे की उगाही करता रहा और दूसरी तरफ उसका इस्तेमाल आतंकवादियों को पनाह देने में करता रहा। इसी का नतीजा है कि अमेरिका ने परिणाम दिखाने तक पाकिस्तान को दी जाने वाली और 7 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सुरक्षा मदद रोक दी है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने करीब 1,626 करोड़ रुपये की मदद रोक दी थी।

चपत 5: आतंकवाद के पनाहगार का पर्याय बना पाकिस्तान
पाकिस्तान आज दुनियाभर में कहीं मुंह छिपाने लायक नहीं बचा है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अथक मेहनत का ही परिणाम है। प्रधानमंत्री मोदी के कारण ही अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में भी डाल दिया था। इसके तहत अमेरिकी प्रशासन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया कि, पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और बढ़ावा देता है। उस अमेरिकी रिपोर्ट में लिखा गया था, ”ये आतंकवादी संगठन पाकिस्तान से चल रहे हैं। पाकिस्तान में इनको ट्रेनिंग मिल रही हैं और पाकिस्तान से ही इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग हो रही है।” रिपोर्ट में इस बात का साफ-साफ जिक्र था कि भारत में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। अमेरिका के मुताबिक दुनियाभर में सक्रिय 60 ग्लोबल आतंकी संगठनों में अकेले 13 पाकिस्तान की धरती से ही सक्रिय हैं। इसी आधार पर कुछ अमेरिकी सांसद उसे टेररिस्ट स्टेट घोषित करने की मांग भी कर रहे हैं।

चपत 6: ब्रिक्स घोषणापत्र में आतंकवाद पर वार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जोरदार तरीके से सभी देशों से एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का आह्वान कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिका से भी प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर आतंकवाद के खिलाफ सख्ती दिखाने का आग्रह किया है। इस का परिणाम ब्रिक्स घोषणापत्र में आतंकवाद के जिक्र से भी देखने को मिला। चीन की तमाम चालबाजियों के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के समस्त रूपों की निंदा की। ब्रिक्स श्यामन 2017 के घोषणापत्र में लश्कर-ए-तयैबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत कुल 10 आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया, जो पाकिस्तान की देख-रेख में पनपे और पले-बढ़े हैं।

चपत 7: कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में बेनकाब
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव मामले में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। दरअसल, पाकिस्तान ने आतंकवाद और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने का झूठा आरोप लगाकर जाधव को फांसी की सजा सुनाई तो भारत ने इसका विरोध किया और इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में उठाया। वहां कुलभूषण को फांसी देने पर रोक लगा दी गई। वैश्विक दबाव में आकर पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात करानी पड़ी। हालांकि यह मुलाकात एक बंद कमरे में कराई गई।

चपत 8: अमेरिका ने हाफिज सईद को आतंकी घोषित किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रणनीति का ही नतीजा है कि पाकिस्तान को मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को दस महीने तक नजरबंद रखना पड़ा। हालांकि पाकिस्तान की अदालत ने सबूतों के अभाव में उसे नजरबंदी से रिहा कर दिया। हाफिज सईद की वजह से ही अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी कड़वाहट देखने को मिली है। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने हाफिज सईद को आतंकी घोषित कर रखा है।

चपत 9: सैयद सलाहुद्दीन पर अमेरिकी प्रतिबंध
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत से ठीक पहले 26 जून, 2017 को अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। जम्मू-कश्मीर में कई हमलों के पीछे उसका हाथ रहा है। पाकिस्तान हिजबुल को कश्मीरी युवाओं की आवाज बताता रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हिजबुल के स्थानीय कमांडर बुरहान वानी को शहीद बताकर तारीफ की थी। आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा वैश्विक स्तर पर चलाए जा रहे अभियान की यह एक बड़ी सफलता है।

चपत 10: हिजबुल मुजाहिदीन पर प्रतिबंध
17 अगस्त, 2017 को अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन को आतंकी संगठन करार दे दिया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन को आतंकवादी संगठन घोषित करने से इसे आतंकवादी हमले करने के लिए जरूरी संसाधन नहीं मिलेगा, अमेरिका में इसकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी और अमेरिकी नागरिकों को इससे संबद्धता रखने पर प्रतिबंधित होगा। अमेरिका ने यह भी कहा है कि हिजबुल कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। दरअसल जम्मू कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्थानीय युवकों की भर्ती करता था, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंध के बाद उसके वित्तीय नेटवर्क को बड़ा नुकसान हुआ है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने अब पाकिस्तान के खिलाफ जो सख्त कदम उठाना शुरू किया है, उसकी बुनियाद प्रधानमंत्री मोदी की पहल से ही शुरू हुई थी। कुछ महीने पहले ही डोनाल्ड ट्रंप के साथ साझा बयान में दोनों नेताओं ने पाकिस्तान का नाम लेकर उसे अपने देश का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देने के लिए आगाह किया था। दोनों नेताओं ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी, कि वो मुंबई के 26/11 हमले, पठानकोट और भारत में बाकी आतंकवादी हमलों की साजिश रचने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे, लेकिन पाकिस्तान कभी भी अपनी आदतों से बाज आने को तैयार नहीं हुआ। इसी का नतीजा है कि पहली बार पाकिस्तान को अपने माई-बाप रहे अमेरिका की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।

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