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पीएम मोदी के न्यू इंडिया में महिलाओं की सशक्त भागीदारी

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लालकिले की प्राचीर से 71वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथी बार देश को संबोधित किया। न्यू इंडिया के सपने को 2022 तक साकार करने के लिए भागीदारी हेतु उन्होंने समस्त देशवासियों का आह्वान किया। यह आह्वान विशेष रूप से महिलाओं के लिए विशेष अर्थ रखता है, क्योंकि जब एक पुरुष किसी कार्य में सहयोग देता है तो उसमें केवल उस व्यक्ति-मात्र की भूमिका ही सुनिश्चित हो पाती है, किंतु जब उस भागीदारी में एक महिला अपना योगदान देती है तो उसकी प्रेरणा से पूरा परिवार प्रेरित होता है।

वर्ष 2022 तक न्यू इंडिया के सपने को साकार करने में महिलाओं की बड़ी भूमिका सुनिश्चित करने हेतु वर्तमान केंद्र सरकार ने अब तक के अपने तीन वर्षीय कार्यकाल में कई योजनाओं और संशोधनों को मूर्त रूप दिया है। न्यू इंडिया के स्वप्न को साकार करने के लिए जिस महिला वर्ग का आह्वान किया गया, उस वर्ग के एक बड़े समूह को धुएं से बचाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना आरंभ की गई। 

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिली महिलाओं को धुएं से मुक्ति

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मोदी सरकार बीपीएल परिवारों को फ्री गैस कनेक्शन और चूल्हे दे रही है। इसके लिए 8 हजार करोड़ रुपये का बजट 3 साल के लिए बनाया गया है। अब तक 2.55 करोड़ से अधिक परिवारों को इसका लाभ मिल चुका है। हर बीपीएल परिवार को LPG गैस कनेक्शन खरीदने के लिए 1600 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत 5 करोड़ परिवारों को मुफ्त LPG कनेक्शन दिये जाने हैं और अब तक इसका विस्तार देश के 704 जिलों में हो चुका है।

प्रधानमंत्री ने एक ओर उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाने का काम किया। वहीं जो लोग सक्षम हैं, गैस सब्सिडी छोड़ सकते हैं, उनका आह्वान किया कि देश की गरीब माताओं और बहनों को ध्यान में रखते हुए वे अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रसोई गैस की सुविधा देने की दिशा में सरकार काम कर सके। पीएम के आह्वान पर एक करोड़ से ज्यादा देशवासियों ने अपनी गैस सब्सिडी छोड़कर योगदान दिया।

कामकाजी महिलाओं को मैटरनिटी लीव का लाभ

महिलाएं परिवार की धुरी होती हैं। वे किसी को जन्म देने से लेकर एक बेहतर नागरिक बनाने तक अपनी अहम भूमिका निभाती हैं। उनके इसी महत्व को सम्मान देते हुए मैटरनिटी लीव को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्तों तक कर दिया। सरकार के इस कदम का केवल महिला वर्ग द्वारा ही नहीं, पूरे समाज द्वारा स्वागत किया।

आज परिवार में आर्थिक योगदान देने हेतु महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। वे घर संभालने के साथ-साथ नौकरी भी करती हैं। कई बार उन्हें देर रात तक भी कार्य करना पड़ता है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सरकार ने लेबर लॉ के तहत कई परिवर्तन किए। 

तीन तलाक एक ऐसा विषय है, जो किसी महिला के जीवन को झकझोर कर रख देता है। उनकी इस पीड़ा को समझते हुए, सरकार ने इस समस्या के समाधान हेतु अपनी पूरी प्रतिबद्धता व्यक्त की और हर कदम पर साथ देने का आश्वासन दिया। 

न्यू इंडिया में महिलाओं की सशक्त भागीदारी तभी सुनिश्चित हो सकेगी, जब वे अपनी वर्तमान समस्याओं से उबरेंगी। उन्हें यह राहत प्रदान करने में मोदी सरकार ने हरसंभव समाधान का विश्वास दिलाया भी है और अपने अब तक के कार्यकाल में महिला-हित की दिशा में बड़े कदम उठाकर अपने संकल्प की गंभीरता को साबित भी किया है। 

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