Home नरेंद्र मोदी विशेष पूंजीवादी-समाजवादी अर्थव्यवस्था का अल्टरनेट मॉडल है को-ऑपरेटिव आंदोलन – प्रधानमंत्री मोदी

पूंजीवादी-समाजवादी अर्थव्यवस्था का अल्टरनेट मॉडल है को-ऑपरेटिव आंदोलन – प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को गुजरात के आणंद में अमूल चॉकलेट के एक संयंत्र और अन्य विकास परियोजनाओं के उद्घाटन किया। अल्ट्रा मॉडर्न चॉकलेट प्लांट के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा, आज समय आ गया है कि हम इनोवेशन्स और वैल्यू एडिशन को महत्ता दें। उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक समय था जब हम अभाव के प्रभाव में जीते थे। तब शासन की निर्णय प्रक्रिया अलग हुआ करते थे। आज हमारे सामने संकट अभाव का नहीं है, आज देश के अंदर चुनौती विपुलता की है।

अमूल को सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के विभिन्न हिस्सों में हमने देखा है कि समाजवाद और पूंजीवाद क्या है। लेकिन अमूल के जरिये हमने अलग रास्ता देखा है। यहां न सरकार और न उद्योगपति फैसला लेते हैं, ये लोग ही हैं जो मायने रखते हैं। यह अनोखा मॉडल है। उन्होंने बताया कि आज दुनिया के 40 से भी ज्यादा देशों में अमूल ब्रांड एक पहचान बन गई है।प्रधानमंत्री ने कहा कि अमूल सिर्फ मिल्क प्रोसेसिंग की प्रक्रिया नहीं है। यह एक अल्टरनेट अर्थव्यवस्था का मॉडल भी है। उन्होंने कहा कि कुछ सालों में अमूल अपने 75 साल पूरा कर लेगा। हम यह सोचें कि अमूल अपनी 75वीं वर्षगांठ और 2022 के लिए क्या लक्ष्य रख सकता है, जब भारत अपनी आजादी का 75वां साल मना रहा होगा। 

उन्होंने कहा कि हम जन धन, वन धन और गोबर धन पर ध्यान दे रहे हैं। जो हमारे किसानों की मदद करेगा। पीएम मोदी ने कहा, मैंने गुजरात की बहुत सी डेयरियों को कहा है कि वह मीठी क्रांति पर भी काम करें, जो मधुमक्खियों से संबंधित है। मुझे मालूम है कि बनास डेयरी और अमरेली की डेयरी ने इस दिशा में सराहनीय काम किया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि अभी मिल्क प्रोसिसंग में भारत दुनिया में 10वें नंबर पर है। अगर हम संकल्प लें तो 2022 तक हम तीसरे नंबर पर पहुंच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि गांधी नगर में बैठे कुछ लोगों ने लंबे समय तक सहकारिता समितियों को विरोध किया। इन लोगों ने सौराष्ट्र में इन समितियों को बढ़ने से रोका। हालांकि इसमें पिछली सदी के आखिरी दशक के अंत में बदलाव हुआ और आज पूरे गुजरात के सभी जिलों में इस क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां पर सोलर एनर्जी और को-ऑपरेटिव मूवमेंट का मिलन किया गया है। अगर फसल पैदा की होगी तो बिजली भी पैदा होगी। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभाई पटेल की अगुआई में भारत में पहली बार को-ऑपरेटिव आंदोलन की शुरुआत तब हुई जब वे अहमदाबाद नगरपालिका के चेयरमैन बने। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने ओपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी की जिम्मेदारी प्रीतम राय देसाई को सौंपा और देश में पहली बर हाउसिंग को-ऑपरेटिव बनी। उन्होंने बताया कि 28 जनवरी 1927 को सरदार साहब ने उसका उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि विकास के इस मॉडल को लोग याद रखें इसलिए इस को-ऑपरटिव सोसाइटी का नाम प्रीतम राय देसाई के नाम पर प्रीतम नगर रखा गया था। को-ऑपरेटिव की सफलता की पहली स्मृति आज भी अहमदाबाद में मौजूद है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब वे गुजरात के सीएम थे तो उन्होंने ‘व्हाइट डेजर्ट रणोत्सव’ के दौरान ऊंटनी के दूध के पोषक तत्व की चर्चा की थी। तब उनका मजाक उड़ाया गया था, लेकिन अमूल ने ऊंटनी के दूध की चॉकलेट बनाना शुरू कर दिया है और यह गाय के दूध से बनी चॉकलेट से दोगुनी कीमत पर बिक रही है। उन्होंने कहा कि हमारी माताएं-बहनें स्वस्थ होंगी तो हमारा भारत कभी बीमार नहीं पड़ेगा।

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