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प्रकृति, पशुधन और पर्यावरण के प्रेरणा स्रोत हैं कृष्ण- पशुओं के टीकाकरण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम लॉन्च किया। इसके साथ ही 1059 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मथुरा में अपने संबोधन की शुरुआत भगवान कृष्ण और राधा का जिक्र कर किया। ब्रज भाषा में भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने सभी को राधे-राधे भी कहा। उन्होंने कहा, ‘नए जनादेश के बाद कान्हा की नगरी में पहली बार आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस बार भी पूरे उत्तर प्रदेश का पूरा आशीर्वाद मुझे और मेरे साथियों को प्राप्त हुआ है। देशहित में आपके इस निर्णय के लिए में ब्रजभूमि से आपके सामने शीश झुकाता हूं। आप सभी के आदेश के अनुरूप बीते 100 दिन में हमने अभूतपूर्व काम करके दिखाया है। मुझे विश्वास है कि देश के विकास के लिए आपका ये समर्थन और आशीर्वाद हमें मिलता रहेगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ब्रजभूमि ने हमेशा से ही पूरे विश्व और पूरी मानवता को प्रेरित किया है। आज पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण के लिए रोल मॉडल ढूंढ रहा है। लेकिन भारत के पास भगवान श्रीकृष्ण जैसा प्रेरणा स्रोत हमेशा से रहा है, जिनकी कल्पना ही पर्यावरण प्रेम के बिना अधूरी है। प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन के बिना जितने अधूरे खुद हमारे आराध्य नजर आते हैं उतना ही अधूरापन हमें भारत में भी नजर आएगा। पर्यावरण और पशुधन हमेशा से ही भारत के आर्थिक चिंतन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्वच्छ भारत हो, जल जीवन मिशन हो या फिर कृषि और पशुपालन को प्रोत्साहन। प्रकृति और आर्थिक विकास में संतुलन बनाकर ही हम सशक्त और नए भारत के निर्माण की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। आज स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत हुई है, नेशनल एनीमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम को भी लॉन्च किया गया है। पशुओं के स्वास्थ्य, पोषण, डेरी उद्योग और कुछ अन्य परियोजनाएं भी शुरु हुई हैं। इसके अलावा मथुरा के इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन से जुड़े कई परियोजनाओं शुभारंभ भी हुआ है।’

उन्होंने कहा, ‘आज से शुरू हो रहे स्वच्छता ही सेवा अभियान को इस बार विशेष तौर पर प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए समर्पित किया गया है। प्लास्टिक से होने वाली समस्या समय के साथ गंभीर होती जा रही है। आप ब्रजवासी तो अच्छी तरह जानते है कैसे प्लास्टिक पशुओं की मौत का कारण बन रही है। इसी तरह नदियां, तालाबों में रहने वाले प्राणियों का वहां की मछलियों का प्लास्टिक को निगलने के बाद जिन्दा बचना मुश्किल हो जाता है।अब सिंगल यूज प्लास्टिक से हमें छुटकारा पाना ही होगा। हमें कोशिश करनी है कि 2 अक्टूबर तक अपने दफ्तरों, घरों और अपने आस पास के वातावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं देश भर के गांव-गांव में काम कर रहे हर सेल्फ हेल्प ग्रुप से, सामाजिक संगठनों से, युवा मंडलों से, महिला मंडलों से, क्लबों से, स्कूलों और कॉलेजों से, सरकारी और निजी संस्थानों से, हर व्यक्ति हर संगठन से इस अभियान से जुड़ने का आग्रह करता हूं। स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के साथ ही कुछ परिवर्तन हमें अपनी आदतों में भी करने होंगे। हमें ये तय करना है कि हम जब भी बाजार में कुछ भी खरीददारी करने जाए, तो साथ में कपड़े या जूट का झोला जरूर ले जाएं। पैकिंग के लिए दुकानदार प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पर्यावरण और स्वास्थ्य से जुड़ा एक विषय है जल संकट। जल संकट का उपाय है- जल जीवन मिशन।इस मिशन के तहत जल संरक्षण और हर घर जल पहुंचाने पर जोर दिया जा रहा है। इसका बहुत बड़ा लाभ गांवों में रहने वालों को, किसानों को मिलेगा। इससे माताओं-बहनों को सुविधा मिलेगी।’

उन्होंने कहा, ‘किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन और दूसरे व्यवसायों की भी बहुत बड़ी भूमिका है। पशुपालन हो, मछली पालन हो या मधुमक्खी पालन, इन पर किया गया निवेश ज्यादा कमाई कराता है। इसके लिए बीते 5 वर्षों में कृषि से जुड़े दूसरे विकल्पों पर हम एक नई पहल के साथ आगे बढ़े हैं। पशुधन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य से लेकर डेयरी प्रोडक्ट्स की वैरायटी को विस्तार देने के लिए जो भी जरूरी कदम थे, वो उठाए गए हैं। दुधारु पशुओं की गुणवत्ता के लिए पहले राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरु किया गया और इस वर्ष देश पशुओं की उचित देखरेख के लिए कामधेनु आयोग बनाने का निर्णय हुआ।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इसी नई एप्रोच का परिणाम है कि 5 साल के दौरान दूध उत्पादन में करीब 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। किसानों, पशुपालकों की आय में करीब 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

प्रधानमंत्रीने कहा, ‘पशुधन को लेकर सरकार कितनी गंभीर है कि सरकार के 100 दिनों में जो बड़े फैसले लिए गए, उनमें से एक पशुओं के टीकाकरण से जुड़ा है। इस अभियान को विस्तार देते हुए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत 51 करोड़ गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअरों को साल में 2 बार टीके लगाए जायेंगे। जिन पशुओं का टीकाकरण पूर्ण हो जायेगा, उन्हें पशु आधार देकर उनके कानों में टैग लगाया जाएगा।’

उन्होंने कहा, ‘भारत के डेयरी सेक्टर को विस्तार देने के लिए हमें नई तकनीक की जरुरत है। ये इनोवेशन हमारे ग्रामीण समाज से भी आएं इसीलिए आज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज की शुरुआत कर रहा हूं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आज आतंकवाद एक विचारधारा बन गई है, जो किसी सरहद से नहीं बंधी है। ये एक वैश्विक समस्या है, जिसकी मजबूत जड़ें हमारे पड़ोस में फल-फूल रही हैं। आतंकवादियों को पनाह और प्रशिक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत पूर्ण रूप से सक्षम है और हमने करके दिखाया भी है।

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