Home नरेंद्र मोदी विशेष सबका साथ-सबका विकास मंत्र में है मानवाधिकार की गारंटी- प्रधानमंत्री मोदी

सबका साथ-सबका विकास मंत्र में है मानवाधिकार की गारंटी- प्रधानमंत्री मोदी

''मानवाधिकार नारा नहीं, संस्कार और लोक नीति का आधार होना चाहिए''

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 25 वर्ष पर होने पर एक पोस्टल स्टाम्प जारी करने के साथ NHRC के एक नए वेबसाइट को भी लॉन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मानवाधिकार सिर्फ नारा नहीं होना चाहिए, ये संस्कार होना चाहिए। लोक नीति का आधार होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 4 वर्षों की ये बहुत बड़ी उपलब्धि रही है कि इस दौरान गरीब, वंचित, शोषित, समाज के दबे-कुचले व्यक्ति की गरिमा को, उसके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए गंभीर प्रयास हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते चार वर्षों में जो योजनाएं बनी या अभियान चलाए गए हैं, उसका लक्ष्य भी मानवाधिकार है, और उसका हासिल भी यही है। उन्होंने कहा, ”सरकार का फोकस इस बात पर रहा है कि सामान्य मानवी के मूल आवश्यकता की पूर्ति उसकी जेब की शक्ति से नहीं, सिर्फ भारतीय होने भर से ही स्वाभाविक रूप से हो जाए।” पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ मंत्र को सेवा का माध्यम मानती है और ये यह मानव अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी की तरह काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवाधिकार की रक्षा हमारी संस्कृति का अहम सिह्सा है। हमारी परम्परा में व्यक्ति के जीवन, समता, समानता और व्यक्ति की गरिमा का सम्मान को स्वीकृति मिली हुई है। सर्वे भवन्तु सुखिन: की भावना हमारे संस्कारों में रही है। प्रधानमंत्री ने NHRC के 25 वर्ष के अहम पड़ाव प्राप्त करने पर कहा, ”राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बीते ढाई दशक में सामान्य मानवी की आवाज बन कर राष्ट्र निर्माण को दिशा दिखाई है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि न्याय और नीति पर चलते हुए मानवाधिकार आयोग ने जो भूमिका निभाई है इसके लिए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स इंस्टीच्यूशन्स ने निरंतर आपकी संस्था को ‘ए’ स्टेटस दिया है। ये भारत के लइए गर्व की बात है।

पीएम मोदी ने कहा कि न्याय पाने के अधिकार को और मजबूत करने के लिए सरकार e-Courts की संख्या बढ़ा रही है, नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड को सशक्त कर रही है। केस से संबंधित जानकारियां, फैसलों से जुड़ी जानकारियां ऑनलाइन होने से न्याय प्रक्रिया में और तेजी आई है और लंबित मामलों की संख्या में कमी हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब को खुले आसमान के नीचे, मौसम के थपेड़े सहने पड़े, ये भी तो उसके अधिकार का हनन ही है। इस स्थिति से उसको बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर बेघर-गरीब को आवास देने का अभियान चल रहा है। अब तक सवा करोड़ से अधिक भाई-बहनों को घर का अधिकार मिल भी चुका है। शौचालय न होने की मजबूरी में, जो अपमान वो गरीब भीतर ही भीतर महसूस करता था, वो किसी को बताता नहीं था। विशेष तौर पर मेरी करोड़ों बहन-बेटियां, उनके लिए ये Dignity से जीने के अधिकार का हनन तो था ही बल्कि जीने के अधिकार को लेकर भी गंभीर प्रश्न था।

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार में सबको कमाई, पढ़ाई, दवाई और सबकी सुनवाई के लक्ष्य के साथ ऐसे अनेक काम हुए हैं, जिससे करोड़ों भारतीय भीषण गरीबी से बाहर निकल रहे हैं। देश बहुत तेज़ गति से मध्यम वर्ग की बहुत बड़ी व्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है। बता दें कि इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मनोज सिन्हा भी शामिल हुए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार में सबको कमाई, पढ़ाई, दवाई और सबकी सुनवाई के लक्ष्य के साथ ऐसे अनेक काम हुए हैं, जिससे करोड़ों भारतीय भीषण गरीबी से बाहर निकल रहे हैं। देश बहुत तेज़ गति से मध्यम वर्ग की बहुत बड़ी व्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड में जो आंदोलन हुए मानवाधिकार उनका भी महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। आजादी के बाद इन आदर्शों के संरक्षण के लिए ही एक मजबूत तंत्र विकसित किया गया था। उन्होंने कहा ”हमारे यहां तीन स्तरीय शासन व्यवस्था है। स्वतंत्र व निष्पक्ष न्याय व्यवस्था, एक्टिव मीडिया और सक्रिय सिविल सोसाइटी है। अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले एनएचआरसी जैसे अनेक संस्थाएं,कमीशन और ट्रिब्यूनल भी हैं।”

प्रधानमंत्री ने मानवाधिकारों की रक्षा में पंचायती राज सिस्टम को अहम कड़ी बताया। उन्होंने कहा, ”ये संस्थाएं सामान्य जन के हक को विकास के लाब को जन कल्याणकारी योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रही है।” उन्होंने कहा कि ये संस्थाएं महिलाओं, वंचित वर्गों के सशक्तीकरण और भागीदरी में बहुत बड़ा योगदान दे रही है।

पीएम मोदी ने आपातकाल के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन को काला कालखंड बताते हुए कहा कि मानवाधिकारों के प्रति हमारे समर्पण ने देश को बहुत बड़े संकट से निकाला था।

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