Home समाचार नौजवान घबराएं नहीं, बस ठान लें और चल पड़ें- प्रधानमंत्री मोदी

नौजवान घबराएं नहीं, बस ठान लें और चल पड़ें- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश के युवाओं को ये जरूर सोचना चाहिए कि उनके आस-पास क्या हो रहा है और वो मौजूदा व्यवस्थाओं में कैसा बदलाव चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में उपस्थित देशभर के युवाओं को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव का थीम है- संकल्प से सिद्धि और युवाओं को इसी कड़ी में कुछ न कुछ संकल्प लेकर देश के लिए 2022 तक सिद्धि प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इसरो के वैज्ञानिकों को विवेकानंद जयंती के अवसर पर एक साथ 31 सैटेलाइट्स के सफल प्रक्षेपण के लिए सभी देशवासियों की ओर से शुभकामनाएं भी दीं।

राष्ट्रीय युवा दिवस पर वैज्ञानिकों ने देश को अनमोल उपहार दिया है- प्रधानमंत्री मोदी
राष्ट्रीय युवा महोत्सव की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री इसरो के वैज्ञानिकों को उनकी कामयाबी के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “सभी देशवासियों को अपने वैज्ञानिकों की एक और बड़ी उपलब्धि पर बधाई देना चाहता हूं। इसरो ने PSLV C-40 का सफल प्रक्षेपण किया है। PSLV से कार्टोसैट-2 सीरीज की सैटेलाइट समेत कुल 31 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में प्रस्थापित किया गया है। इनमें से 28 सैटेलाइट्स दूसरे देशों की हैं। आज इसरो ने सैटेलाइट प्रक्षेपण में सेंचुरी बनाकर एक नया रिकॉर्ड भी कायम कर दिया है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि इस सैटेलाइट से किसानों, मछुआरों, वैज्ञानिकों को जमीनी जानकारी मिलने में बहुत सुविधा मिलेगी। ये कामयाबी न्यू इंडिया के मार्ग को और प्रशस्त करेगी। 

अपने-अपने संकल्प से सिद्धि प्राप्त करें
प्रधानमंत्री ने युवाओं का आह्वान किया कि वो जिस चीज को लेकर हमेशा सोचते रहते हैं, उस दिशा में कुछ करने की भी सोचें। युवाओं का यही ललक उनके लिए संकल्प का काम करेगा और नई ऊर्जा के साथ काम करने की प्रेरणा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले मन की बात कार्यक्रम में भी उन्होंने इस बारे में मॉक पार्लियामेंट का विचार दिया था। युवा इस अवसर को न्यू इंडिया मंथन के तौर पर उपयोग करें, ताकि आजादी के 75वें वर्ष यानी 2022 तक वो आजादी के दीवानों के सपनों को पूर्ण करने में अपना भी योगदान दे सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि, “हमारे वीर सेनानी जिस भारत का सपना देखा करते थे, जिस भव्य भारत के लिए यातनाएं झेलते थे, उस भारत को बनाने की जिम्मेदारी हमारी नहीं है क्या ? जब हम उस कल्पना को, उस सपने को जिएंगे,तो उनके सपनों के भारत के लिए संकल्प लेना भी सरल हो जाएगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि, “आप में सामर्थ्य है, साहस है और सही दिशा में सूझ-बूझ से चलने की साहस भी आप रखते हैं।”

सरकार और पूरा हिंदुस्तान आपके साथ है- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने युवाओं से कहा कि, “नौजवान घबराएं नहीं, बस ठान लें और चल पड़ें।” सरकार और पूरा हिंदुस्तान आपके साथ है। उन्होंने कहा कि जो नौजवान कुछ करना चाहता है,अपने दम पर, अपने परिश्रम से, अपने सपने पूरे करना चाहता है, उन्हें हर प्रकार की सरकारी मदद मिलेगी। उन्हें बैंक गारंटी, टैक्स, कागजी कार्रवाई की चिंता करने की जरूर नहीं। देश का नौजवान जॉब क्रियेटर बने, इनोवेशन करें, आउट ऑफ बॉक्स जाकर काम करें। उन्होंने बताया कि मुद्रा योजना के तहत 10 करोड़ लोगों के लिए लोन स्वीकृत हुए हैं और 4 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि भी दी जा चुकी है। इसके चलते छोटे और मंझोले उद्यमी खुद रोजगार देने वाले बन गए हैं। प्रधानमंत्री के शब्दों में, “देश के नौजवानों पर मेरा, सरकार का और सवा करोड़ देशवासियों का भरोसा है। हमें भरोसा है कि इस देश का नौजवान जब ठान लेता है, तो कुछ भी कर गुजरता है। ऊर्जा से भरे ऐसे नौजवान देश के हर कोने में उपस्थित हैं।” उन्होंने ये भी कहा कि” देश की युवाशक्ति, युवा ऊर्जा पर भरोसा कौन नहीं करेगा। देश के सपने अगर कहीं निवास करते हैं तो वो देश के युवा हृदय में करते हैं। “

एजुकेशन के साथ-साथ स्किल भी जरूरी- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्किल ट्रेनिंग को लेकर किसी सरकार ने पहली बार गंभीरता दिखाई है। क्योंकि सिर्फ एजुकेशन हो और स्किल न हो तो रोजगार मिलने में मुश्किल होती है। स्किल इंडिया मिशन के तहत लाखों नौजवानों को ट्रेनिंग दी गई। युवाओं की सहायता के लिए सरकार एंटरप्रेन्योरशिप देने वाली कंपनियों को भी आर्थिक मदद दे रही है, अप्रेंटिसशिप के पैसों का भी कुछ हिस्सा सरकार की ओर से कंपनियों को दिया जा रहा है। अप्रेंटिसशिप स्कीम में अबतक 7 लाख युवाओं का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, 2-3 सालों में 50 लाख नौजवानों को अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है। यही नहीं प्रधानमंत्री युवा योजना के तहत 3 हजार से ज्यादा संस्थानों में भी छात्रों को ट्रेनिंग का काम तेजी से चल रहा है।

इस अवसर पर उन्होंने युवाओं से खेल और योग को भी अपनी जिंदगी का अपना हिस्सा बनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि, “खेल शिक्षा का ही एक तरीका है। जो सिर्फ शरीर को ही चुस्त-दुरुस्त नहीं रखता है, बल्कि मस्तिष्क को भी जागरूक करता है। खेल से हम अनुशासन सीखते हैं। खेल का मैदान हमें हार का मतलब समझता है। खेल का मैदान हमें जीत को पचाने की ताकत देता है। खेल का मैदान अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अथक परिश्रम करना सिखाता है। टीम भावना का क्या अर्थ है, ये सबसे पहले हमें खेल के मैदान में ही नजर आता है। हारें चाहे जीतें, खेल के मैदान से जो स्पोर्ट्समैनशिप सीखते हैं वो जीवन भर काम आता है। ” उन्होंने युवाओं से कहा कि एक भारत- श्रेष्ठ भारत के संकल्प को सिद्ध कीजिए। युवा प्रेरणा, युवा सामर्थ्य, युवा संकल्प के साथ आगे बढ़िए।

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