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मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, प्रति व्यक्ति औसत आय 80 हजार रुपये पर पहुंची

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत रोजाना नई ऊंचाइयों को छू रहा है। जब से प्रधानमंत्री मोदी ने देश की बागडोर संभाली है, पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ रही है। उन्होंने भारत को अग्रिम पंक्ति के देशों में लाकर खड़ा कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की वजह से देश में खुशहाली आई है, और लोगों का जीवनस्तर भी सुधरा है। मोदी राज में पिछले चार साल के दौरान भारत की प्रति व्यक्ति औसत आय बढ़कर 79,882 रुपये तक पहुंच गई है। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्री विजय गोयल ने कहा कि यूपीए के 4 सालों की तुलना में मोदी सरकार के 4 सालों में प्रति व्यक्ति आय में लगातार इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि 2011-12 से 2014-15 तक प्रति व्यक्ति आय 67,594 रुपये ही थी, जो 2014-15 से 2017-18 के दौरान बढ़कर 79,882 रुपये हो गई।’

यह कोई पहली बार नहीं है, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत इस तरह के कई मुकाम हासिल कर चुका है। उनके नेतृत्व में देश ना सिर्फ पूरी रफ्तार बल्कि सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। नजर डालते हैं पिछले चार वर्षों में भारत की कुछ अहम उपलब्धियों पर-

Ease of Getting Electricity” इंडेक्स में भारत की ऊंची छलांग
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हर गांव, हर घर को बिजली से जोड़ने के लिए पुख्ता योजनाएं चलाई हैं और इन्हीं योजनाओं का असर है कि वर्ल्ड बैंक के “Ease of Getting Electricity” यानि बिजली पाने की सुगमता के इंडेक्स में भारत 26वें पायदान पर पहुंच गया है। 2014 में जब मोदी सरकार ने देश की बागड़ोर संभाली थी, तब भारत “Ease of Getting Electricity” इंडेक्स में 99वें नंबर पर था। यह कामयाबी दर्शाती है कि मोदी सरकार ने बिजली के क्षेत्र में कितनी तीव्रता के साथ काम किया है।

भारत बना दुनिया का छठा सबसे धनी देश
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत 8,230 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ विश्व का छठा सबसे धनी देश है। अफ्रएशिया बैंक की वैश्विक संपत्ति पलायन समीक्षा (AfrAsia Bank Global Wealth Migration Review) रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका 62,584 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ शीर्ष पर है। रिपोर्ट के अनुसार 2027 तक भारत, ब्रिटेन और जर्मनी को पछाड़ दुनिया का चौथा सबसे धनी देश बन जाएगा।

बैंक की समीक्षा में किसी देश के हर व्यक्ति की कुल निजी संपत्ति को आधार माना गया है। 24,803 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ चीन दूसरे और 19,522 अरब डॉलर के साथ जापान तीसरे स्थान पर है। शीर्ष 10 में शामिल अन्य देशों में ब्रिटेन की कुल संपत्ति 9,919 अरब डॉलर, जर्मनी की कुल संपत्ति 9,660 अरब डॉलर, ऑस्ट्रेलिया की कुल 6,142 अरब डॉलर, कनाडा की कुल संपत्ति 6,393 अरब डॉलर, फ्रांस की कुल संपत्ति 6,649 अरब डॉलर और इटली की कुल संपत्ति 4,276 अरब डॉलर है।

मार्केट कैपिटलाइजेशन में बना 8वां बड़ा बाजार बना भारत
मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से भारत, टॉप 10 की सूची में दुनिया का 8वां बड़ा बाजार बन गया है। दरअसल भारतीय शेयर बाजार में आई जबरदस्त तेजी का दौर मार्केट कैपिटलाइजेशन की रैंकिंग में लगातार बड़े बदलाव कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय शेयर बाजार ने अपने मार्केट कैपिटलाइजेशन में आई 49 % की तेजी के चलते कनाडा को पीछे छोड़कर यह स्थान बनाया है। 

सेंसेक्स इतिहास में पहली बार 38,000 के पार
शेयर बाजार ने 9 अगस्त, 2018 को एक बार फिर इतिहास रच दिया। 30 शेयरों का बीएसई सूचकांक सेंसेक्स गुरुवार को बाजार खुलने के कुछ ही देर बाद 38050 के मनोवैज्ञानिक स्‍तर को पार कर अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी ने भी छलांग लगाते हुए 11495.20 अंक पर पहुंच गया। रोज रिकॉर्ड तोड़ता शेयर बाजार इस बात का सबूत है कि पीएम मोदी की अगुवाई में जिस तरह देश आगे बढ़ रहा है, उससे तमाम क्षेत्रों की कंपनियों में विश्वास जगा है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान अप्रैल 2014 में सेंसेक्स करीब 22 हजार के आस-पास रहता था

समृद्धि के मामले में चीन के करीब पहुंचा भारत
प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की वजह से देश में खुशहाली आई है, और लोगों का जीवनस्तर भी सुधरा है। लंदन स्थित एक संस्थान की हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत समृद्धि के मामले में चीन के नजदीक पहुंच गया है। लंदन स्थित लेगातुम इंस्टिट्यूट के लेगातुम प्रॉस्पेरिटी इंडेक्स के मुताबिक समृद्धि के लिहाज से भारत 2016 के मुकाबले 2017 में चार स्थान ऊपर पहुंचकर रैंकिंग में 100वें स्थान पर पहुंच गया है। इस सूची में चीन 90वें नंबर पर है।

नोटबंदी और जीएसटी के बावजूद बढ़ी रैंकिंग
लेगातुम इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इस उपलब्धि को तब हासिल किया है, जब यहां नोटबंदी और जीएसटी लागू किए जाने से जीडीपी ग्रोथ को झटका लगा है। इसके बावजूद समृद्धि सूचकांक में भारत का ऊपर चढ़ना खास मायने रखता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत व्यावसायिक माहौल, आर्थिक गुणवत्ता और प्रशासन में सुधार की बदौलत चीन के नजदीक आ सका है। रिपोर्ट में बिजनेस के माहौल और इकनॉमिक क्वॉलिटी से लेकर इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स में सुधार तथा बड़ी संख्या में भारतीयों का बैंक खाता खुलवाने का हवाला दिया गया।

ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप इंडेक्स में भारत 68 वें स्थान पर
ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप इंडेक्स में एक पायदान ऊपर चढ़कर भारत 68वें स्थान पर पहुंच गया है। पिछले साल भारत रैंकिंग में जबरदस्त 29 स्थानों की बढ़त के साथ 69 वें स्थान पर रहा था। 137 देशों की इस सूची में अमेरिका पहले स्थान पर है। प्रत्येक देश को अपने ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप इंडेक्स (जीईआई) स्कोर के हिसाब से स्थान दिया गया है।

विश्व प्रतिभा रैंकिंग में भारत पहुंचा और ऊपर
विश्व स्तर पर भारत प्रतिभा आकर्षित करने, उसे विकसित करने और उसे अपने यहां बनाए रखने के मामले में तीन पायदान ऊपर आ गया है। स्विट्जरलैंड स्थित International Institute for Management Development (IMD) की ओर से तैयार की गई इस रैंकिंग में भारत अब 54वें से 51वें स्थान पर आ गया है। रैंकिंग में ऊपर आना इस बात का प्रमाण है कि मौजूदा सरकार देश की प्रतिभाओं में सकारात्मक भाव पैदा करने में सफल रही है। इस सूची में स्विटजरलैंड पहले स्थान पर है और टॉप 10 में भी यूरोपीय देश ही हैं।

मोदी सरकार दुनिया की तीन सबसे भरोसेमंद सरकारों में
हाल में प्रामाणिक विदेशी संस्थानों की ओर से ऐसे कम से कम तीन सर्वे के नतीजे सामने आए जो मोदी सरकार के आर्थिक सुधार के कार्यक्रमों पर मुहर लगाते हैं। हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) के एक सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार को दुनिया की तीसरी सबसे भरोसेमंद सरकार बताया गया है। WEF के सर्वे के अनुसार करीब तीन चौथाई भारतीयों ने मोदी सरकार में अपना भरोसा जताया। यह सर्वे अर्थव्यवस्था की स्थिति, राजनीतिक बदलाव और भ्रष्टाचार मामलों को लेकर किये गए थे। सर्वे के नतीजों में बताया गया है कि देश में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम और टैक्स सुधारों के कारण मौजूदा सरकार में भरोसा बढ़ा है।

विदेशियों की नजर में बेहतर हुआ भारत में रहने का माहौल
विदेशियों की नजर में भारत में रहने का माहौल बेहतर हुआ है। रहने और काम करने के हिसाब से भारत की स्थिति में 12 पायदान का उछाल आया है। विदेशियों की नजर में भारत की रैकिंग सुधरने से ग्लोबल रैंकिंग में भारत 14वें स्थान पर पहुंच गया है। इस तरह से कह सकते हैं कि विदेशियों के रहने और काम करने के लिहाज से भारत की रैंकिंग में जबर्दस्त उछाल आया है। जागरण की रिपोर्ट के अनुसार अर्थव्यवस्था, अनुभव और पारिवारिक मानकों के संयुक्त पैमाने पर इस साल भारत 12 स्थान ऊपर आया है। काम और वित्तीय अवसर की तलाश में भारत आने वाले विदेशी अपने परिवार के लिए भी इसे बेहतर जगह मान रहे हैं। पेशेवर तरक्की के मामले में भारत प्रवासियों की पसंद के टॉप 10 देशों में शामिल हो गया है।

‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में टॉप 100 में पहुंचा भारत
भारत ने विश्व की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 में 30 अंको की जबदस्त उछाल हासिल किया है। अब भारत विश्व की ओवरऑल रैंकिंग में 100 वें स्थान पर आ गया है, जो कि पिछले साल 130 वें स्थान पर था। इसमें विशेष बात यह है कि किसी भी देश द्वारा लगाई गई अब तक की यह सबसे बड़ी उछाल है। इसके साथ ही भारत इस Jump के बाद दुनिया में 10 सबसे बड़े सुधार करने वाले देशों में शामिल हो गया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम, समर्थ व स्पष्ट नेतृत्व के कारण भारत में कारोबारी माहौल बेहतर हुआ है और व्यवसाय शुरू करने की प्रक्रिया भी सरल हो गई है।

EPT में जबरदस्त जम्प
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसा, ईज ऑफ पेइंग टैक्स में भारत 53 स्थानों की छलांग लगाकर 119वें स्थान पर आ गया है। इससे पहले भारत का स्थान 172वां था। Resolving insolvency की रैंकिंग में भारत का स्थान 136वां था, जो कि अब 33 नंबर के उछाल के साथ 103वें पर आ गया है। नया व्यापार शुरू करने के लिहाज से भारत 156वें स्थान पर है लेकिन कई ऐसी इनीशिएटिव्स हैं जिनपर काम किया जा रहा है। हैं। विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक ऐसा देश है, जो संरचनात्मक सुधारों का काम कर रहा है।

कई मामलों में चीन से बेहतर है भारत
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2018 की रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत उद्योग जगत को एक बेहतर माहौल देने में अभी चीन से होड़ में है। चीन को समग्र तौर पर 78वां स्थान दिया गया है जबकि भारत का स्थान सौवां है। कर अदायगी के मामले में भारत का स्थान 119वां है जबकि चीन को 130वां स्थान मिला है। छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के मामले में भारत को चौथा स्थान दिया गया है जबकि चीन का स्थान 119वां है। कर्ज लेने के मामले में भारत को 29वें, जबकि चीन 68वें स्थान पर है। बिजली कनेक्शन लेने के मामले में भी चीन से बेहतर स्थिति भारत की है।

ग्रामीण और शहरी इलाकों में बढ़ रही है संपन्नता
कोटक एएमसी के एमडी नीलेश शाह ने हाल ही में भारतीय इकोनॉमी को लेकर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने अपने लेख में यह साबित किया है कि भारत में किस तरह समृद्धि आ रही है। इकॉनामिक टाइम्स में छपे उनके लेख के मुताबिक पिछले वर्ष Sonali Contractor ने एक लाख ट्रैक्टर बेचे, वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा, एस्कॉर्ट ने भी पिछले वर्ष रिकॉर्ड संख्या में ट्रैक्टरों की बिक्री की है। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रधानमंत्री मोदी की ग्रामीण विकास और किसान कल्याण की योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। एक और इंडिकेटर है जिससे समझा जा सकता है कि देश में लोगों की आर्थिक समृद्धि हुई है। कार निर्माता कंपनी मारुति की बलेनो कार खरीदने के लिए 4 महीनों की वेटिंग है। साफ है कि अगर उपभोक्ताओं के पास पैसा नहीं है, तो फिर वो अपनी मनपसंद कार खरीदने के लिए चार महीनों का इंतजार करने को क्यों तैयार हैं। इस दौरान टाटा मोटर्स के कॉमर्शियल वहानों का निर्माण भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यानि बाजार में कॉमर्शियल वाहनों की मांग में इजाफा हुआ है और कॉमर्शियल वाहनों की मांग में इजाफे का मतलब है कि बाजर में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं।

कुछ वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है भारत
भारत समृद्धि के पथ पर अग्रसर है, यह इससे भी साफ होता है कि देश में सीमेंट का उत्पादन में दो अंकों की वृद्धि हुई है। डाबर, हिंदुस्तान लीवर और आईटीजी जैसी एफएमसीजी कंपनियों की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है। इन सभी तथ्यों को अगर समग्रता से देखा जाए तो देश की एक बेहतर आर्थिक तस्वीर उभर कर सामने आती है। पिछले चार महीनों से आईआईपी इंडेक्स 7 प्रतिशत की वृद्धि दिखा रहा है, जीएसटी का कलेक्शन रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। आपको बता दें कि भारत को 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 70 वर्ष का समय लग गया, हालांकि अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में भारत को 7 से 8 वर्ष ही लगेंगे। मतलब साफ है कि मोदी सरकार ने जिस तरह की नींव रखी है, उससे भारतीय अर्थव्यवस्था पंख लगाकर उड़ने लगी है और अगले कुछ वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, चोटी की इकोनॉमी बन सकती है।

 

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