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कर्नाटक के मंत्री पर छापेमारी को मिला जनता का समर्थन, विपक्षी दलों ने भी कांग्रेस से मुंह मोड़ा

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कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डी के शिवकुमार के ठिकानों पर हुई छापेमारी के साथ राज्य की अधिकांश जनता खड़ी है। बुधवार को जब उनके ठिकानों पर आयकर विभाग ने कार्रवाई की तो कांग्रेस ने बेंगलुरु से दिल्ली तक हंगामा मचा दिया था। लेकिन कहते हैं कि सांच को आंच नहीं। यही वजह है कि इस मुद्दे पर उसके पिच्छलग्गुओं ने भी उसका साथ छोड़ दिया है।

61% जनता ने किया कार्रवाई का समर्थन
कर्नाटक के एक स्थानीय चैनल ने राज्य के अरबपति ऊर्जा मंत्री डी के शिवकुमार के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी पर एक सर्वे कराया है। इस सर्वे में 72,251 लोगों से राय ली गई है। जिसमें 61 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि ये राजनीतिक दुर्भावना की कार्रवाई नहीं है और जो हुआ है और बिल्कुल होना ही चाहिए था। जबकि सिर्फ 39 प्रतिशत लोगों को लगा कि ये राजनीतिक विद्वेष से की गई कार्रवाई है।

क्या है मामला ?
दरअसल टैक्स चोरी के मामले में बुधवार को आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मंत्री डी के शिवकुमार के करीब 60 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में उनके ठिकानों से 10 करोड़ रुपये कैश भी बरामद हुए हैं। जिसमें 7.5 करोड़ रुपये उनके दिल्ली स्थिति आवास और 2.5 करोड़ रुपये बेंगलुरु के ठिकाने से बरामद किये गए थे। बड़ी बात ये है कि जब आयकर विभाग के अधिकारी उनके बेंगलुरु वाले ठिकाने पर पहुंचे तो शिवकुमार खुद सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रहे थे।

कांग्रेस का आरोप
दरअसल कांग्रेस ने गुजरात के अपने 44 विधायकों को शिवकुमार के ही बेंगलुरु वाले रिजॉर्ट में घेर कर रखा है। छापेमारी की भनक लगते ही शिवकुमार उसी रिजॉर्ट में दस्तावेज नष्ट करने के लिये पहुंचे थे। उनसे पूछताछ करने के लिये आयकर अधिकारियों को वहां भी जाना पड़ा। इसी बहाने कांग्रेस ने बेंगलुरु से दिल्ली तक बवाल काटना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने आरोप मढ़ा कि ये कार्रवाई गुजरात के कांग्रेसी एमएलए को आतंकित करने के लिये की गई है।

पिच्छलग्गुओं ने भी किया कांग्रेस से किनारा
मोदी सरकार के विरोध में कांग्रेस की हर बात में हां में हां मिलाने वाली बाकी विपक्षी पार्टियों ने भी इस मसले पर कांग्रेस से किनारा कर लिया। जब बुधवार को संसद के दोनों सदनों में कांग्रेसी नेता शिवकुमार पर हुई कार्रवाई के खिलाफ हंगामा कर रहे थे तो समाजवादी पार्टी, टीएमसी, बीएसपी और लेफ्ट पार्टियों के सांसदों ने चुप्पी साध ली। शायद तबतक उनको भी एहसास हो गया कि कांग्रेस के आरोपों में दम नहीं हैं।

शिवकुमार को लेकर कांग्रेस परेशान क्यों है ?
दरअसल डी के शिवकुमार कांग्रेस अध्यक्ष की मुश्किलों के वक्त किसी भी स्तर तक जाने के लिये तैयार रहते हैं। वो बाहुबली हैं, भीड़ जुटाने में माहिर रहे हैं और पैसों की ताकत से समस्याओं का निदान करते रहे हैं। ADR के 2016 के सर्वे के मुताबिक वो 251 करोड़ की संपत्ति के साथ देश के दूसरे सबसे धनी मंत्री हैं। अपनी इसी हैसियत के चलते वो कर्नाटक के मुख्यमंत्री की रेस में भी शामिल रहते हैं।

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