Home विचार पाकिस्तान प्रेम में भारत विरोध के लिए भी तैयार रहती है कांग्रेस

पाकिस्तान प्रेम में भारत विरोध के लिए भी तैयार रहती है कांग्रेस

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कश्मीर में एक तरफ सेना अपने ऑपरेशन तेज कर चुकी है। पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों के सफाये का पूरा प्लान तैयार है। हालांकि कांग्रेस ने एक बार फिर से देशद्रोही स्वर बुलंद कर दिया है। कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता खुलकर देश के खिलाफ जहर उगल रहे है सेना के खिलाफ जहर उगल रहे हैं।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने सेना के ऑपरेशन का विरोध करते हुए भारतीय सेना को नरसंहार करने वाला हत्यारा बता दिया है। वहीं कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज कहा कि कश्मीरियों को आजादी चाहिए और भारत से आजाद कर कश्मीर को अलग कर देना चाहिए।

गुलाम नबी आजाद के बयान का जहां पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैबा ने प्रेस रिलीज कर प्रशंसा की है, वहीं सैफुद्दीन सोज के बयान का पाकिस्तान में स्वागत किया जा रहा है। साफ है कि दोनों ही बयान जहां भारतीय सेना का हौसला गिराने वाला है वहीं पाकिस्तान को खुश करने वाला है।

दिग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद, पी चिदंबरम और शशि थरूर जैसे कई नाम हैं जो पाकिस्तान से भारत की तुलना कर देश को बदनाम करने की राजनीति करते रहे हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को भी पाकिस्तान पसंद है।

17 मई, 2018 को छत्तीसगढ़ की एक सभा में उन्होंने भारतीय न्यायपालिका की तुलना पाकिस्तान की न्यायपालिका से कर दी। उन्होंने कहा, ”आरएसएस देश की हर संस्थान में अपना रास्ता बना रही है। ऐसा पाकिस्तान या तानाशाही में होता है।”

राहुल के इस बयान से साफ है कि वह पाकिस्तान परस्ती में भारत को भी पाकिस्तान जैसे असफल राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा करना चाहते हैं। जाहिर है कांग्रेस की यह पाकिस्तान परस्ती नई नहीं है, बल्कि दशकों से कांग्रेस की राजनीति पाकिस्तान परस्ती यानि मुस्लिम परस्ती की रही है।

आइये हम ऐसे ही कुछ अन्य वाकयों पर भी नजर डालते हैं जब कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने पाकिस्तान परस्ती में अपने देश को बदनाम करने की कोशिश की-

देश को तोड़ने वाले ‘गुनहगार’ पर कांग्रेस की चुप्पी
अप्रैल, 2018 में जब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर को लेकर हंगामा हुआ तो एक बार फिर कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम दिख गया। कई राष्ट्रवादी संगठन AMU में लगे जिन्ना की तस्वीरों को हटाने की मांग कर रहे थे, लेकिन इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस चुप रही। जाहिर है कांग्रेस ने अपनी चुप्पी के जरिये अपने वोट बैंक को मैसेज देने की कोशिश तो की ही है, साथ ही अपनी पाकिस्तान परस्ती फिर एक बार जाहिर कर दी।

मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान प्रेम
2016 में होने वाले असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल विधानसभा चुनाव होने वाले थे। इससे पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने 6 नवंबर, 2015 को पाकिस्तानी टीवी चैनल ‘दुनिया’ पर गुहार लगाते हुए कहा, ”इनको (बीजेपी सरकार) हटाइए, हमें ले आइए और कोई रास्ता नहीं है।” जाहिर है मणिशंकर अय्यर का सीधा इशारा था कि भारत की सत्ता को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान कांग्रेस की सहायता करे और देश में मोदी सरकार को हटाने में मदद करे।

गुजरात चुनाव में पाकिस्तानी साजिश 
दिसंबर, 2017 में गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को ‘नीच’ कहा था। लेकिन क्यों, इसका पता तब लगा जब 10 दिसंबर, 2017 को खुलासा हुआ कि कांग्रेस के नेताओं ने पाकिस्तानी नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात के बाद यह सब किया गया था। दिसंबर के पहले हफ्ते में मुलाकात से कांग्रेस ने इनकार, लेकिन पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने स्वयं ही स्वीकार किया कि कांग्रेस नेताओं और पाकिस्तानियों की मुलाकात हुई थी। 

पाकिस्तान परस्त दिग्विजय सिंह
लोकसभा चुनाव, 2014 से पहले कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह पाकिस्तानी आतंवादी हाफिज सईद को ‘जी’ और ‘साहब’ शब्द से संबोधित किया था। 2016 मों तो उन्होंने पाकिस्तानियों को खुश करने के लिए भारत के कब्जे वाला कश्मीर तक कह दिया था। गुजरात चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने अपने पाकिस्तानी आकाओं को खुश करने के लिए ये भी कहा था कि भारतीय सेना कश्मीरियों को मारती है।

सलमान खुर्शीद का पाकिस्तान से एकतरफा मोहब्बत
नवंबर, 2015 में बिहार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सरकार में विदेश मंत्री रहे सलमान खुर्शीद ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत बंद होने के लिए पाकिस्तान नहीं, बल्कि भारत सरकार जिम्मेदार है। इस्लामाबाद के जिन्ना इंस्टीट्यूट में उन्होंने कहा, ”पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ का पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना उनकी दूरदर्शिता थी, लेकिन मोदी सरकार बातचीत का माहौल बनाने में नकाम रही है।‘’

पाकिस्तान प्रेम में देश का अपमान करते रहे मनमोहन सिंह
जुलाई, 2009 में मिस्र के शर्म-अल-शेख में तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम युसूफ रजा गिलानी के साथ मनमोहन सिंह की बैठक के बाद जारी साझा बयान में भारत की ओर से पाकिस्तान के आरोपों को स्वीकार कर लिया गया था। मनमोहन सिंह की इस करतूत के चलते देश को न सिर्फ शर्मिंदा होना पड़ा, बल्कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ झूठा प्रोपेडेंडा करने का एक हथियार भी मिल गया। सितंबर, 2006 में हवाना में उन्होंने पाकिस्तान परस्ती में ये तक कह दिया कि भारत की तरह पाकिस्तान भी ‘आतंकवाद से पीड़ित’ है।

कश्मीर में आतंकियों पर कार्रवाई का विरोध
28 अक्टूबर, 2017 को पी चिदंबरम ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर के लोगों से मेरी बातचीत के जरिए मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि जब भी वे आजादी की मांग करते हैं तो दरअसल, इसमें ज्यादातर लोगों की आजादी का मतलब स्वायत्तता से होता है।”  कांग्रेस के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम के इस बयान ने शांत होते कश्मीर को एक बार फिर सुलगा दिया। पी चिदंबरम के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस कश्मीर में आतंकियों की मांग को समर्थन करती है। स्पष्ट है कि भारत से अलग होने और पाकिस्तान में मिलने की ख्वाहिश रखने वालों को पी चिदंबरम उकसाया। इससे न देश की बदनामी हुई बल्कि भारत सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए जाने लगे। 

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आतंकियों की फांसी पर भी पॉलिटिक्स
संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की फांसी पर भी कांग्रेस ने पॉलटिक्स की थी। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देना गलत था और उसे गलत तरीके से दिया गया। इतना ही नहीं यही कांग्रेस है जिनके नेताओं ने याकूब मेनन की फांसी पर भी आपत्ति जताई थी। जाहिर है यह सब पाकिस्तान को खुश करने के लिए था।

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