अमृतसर के पवित्र स्वर्ण मंदिर को फिर से कलंकित किया गया है। कुछ देश विरोधी स्वार्थी लोगों ने वहां देश विरोधी नारे लगाए हैं। ये लोग ऑपरेशन ब्लू स्टार की 33वीं बरसी मनाने के लिए वहां जमा हुए थे। न्यूज पोर्टल आजतक के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को काफी पहले ही आगाह भी कर दिया था। लेकिन बावजूद इसके कुछ फिरकापरस्त संगठन कार्यक्रम को देशविरोधी स्वरूप देने में सफल रहे। सवाल उठता है कि वहां की सरकार ने अगर एहतियात के तौर पर पुख्ता कदम उठाए थे, तो फिर देश विरोधी नारे कैसे लग गए?
ऑपरेशन ब्लू स्टार की 33वीं बरसी के दौरान पवित्र स्वर्ण मंदिर में क्या हुआ, इस वीडियो में देखिए-
#WATCH Amritsar: ‘Khalistan Zindabad’ slogans raised in Golden Temple on Operation Bluestar anniversary pic.twitter.com/dKnSgQQBbA
— ANI (@ANI_news) June 6, 2017
अलर्ट के बाद भी देश विरोधी नारे कैसे लगे?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पंजाब में पिछले कुछ दिनों के भीतर हुई कार लूटपाट की 12 घटनाओं के चलते केंद्रीय जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए थे। उन्होंने इसी आशंका के बाद पंजाब पुलिस के लिए अलर्ट भी जारी किया था। बड़ी बात ये थी कि कार लूट की सारी वारदातें पाकिस्तान से सटी सीमाओं के पास होने के चलते आत्मघाती हमलों का भी शक था। इसी को ध्यान में रखकर स्वर्ण मंदिर परिसार में सादे कपड़ों में सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया गया था, लेकिन फिर भी कुछ लोगों ने खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की। जिसके चलते माहौल तनावपूर्ण हो गया। खालिस्तान समर्थक नारेबाजी के दौरान वहां काफी भारी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे।
देशद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी पंजाब सरकार ?
ऑपरेशन ब्लू स्टार और पंजाब पर गुजरे उस दौर को आज कौन याद करना चाहेगा? उसके बारे में सोचकर भी किसी शांतिप्रिय इंसान का शरीर सिहर उठेगा। लेकिन 33 साल बाद भी अगर उसे फिर से सुलगाने की कोशिश हुई है, तो ये मामूली घटना नहीं है। इसके पीछे देश विरोधी ताकतें हैं। वीडियो में नारेबाजी कर रहे लोग आसानी से पहचाने जा सकते हैं। अगर पंजाब की सरकार चाहे तो एक-एक की पहचान कर उन्हें कानूनी का सबक सिखाया जा सकता है ? उनके माध्यम से इस गुनाह के मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सकता है। लेकिन, सवाल है कि पंजाब की सरकार इसकी हिम्मत दिखा पाएगी ? अगर नहीं, तो क्या इससे देश विरोधी ताकतों के हौंसले नहीं बढ़ेंगे ? वो फिर से ऐसी ही वारदातों को अंजाम देने की कोशिश नहीं करेंगे ?
(फाइल फोटो)
मान के समर्थक थे खालिस्तान के नारे लगाने वाले !
अंग्रेजी समाचार पोर्टल इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार देश विरोधी नारे लगाने वाले लोग SAD (A) के मुखिया सिमरनजीत सिंह मान के समर्थक थे। ये हंगामा उस समय किया गया, जब अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने अपना पारंपरिक भाषण देना शुरू किया। इस दौरान कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा ने अमृतसर बंद का भी आह्वान किया था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार एक मिलिट्री ऑपरेशन था, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर शुरू हुआ था। 1 से 6 जून, 1984 के बीच चले इस ऑपरेशन का उद्देश्य जरनैल सिंह भिंडरवाले और उसके समर्थकों के अवैध कब्जे से हरिमंदिर साहिब परिसर को खाली कराना था। भिंडरवाले के खात्मे के साथ ये ऑपरेशन भी खत्म हुआ था। इस ऑपरेशन को स्वतंत्र भारत में असैनिक संघर्ष के इतिहास की सबसे बड़ी खूनी लड़ाई माना जाता है। इस ऑपरेशन में सैकड़ों लोग मारे गए थे।
(फाइल फोटो)