Home समाचार एक तरफ बेईमानों के साथ मुट्ठीभर नेता, दूसरी तरफ सारा देश

एक तरफ बेईमानों के साथ मुट्ठीभर नेता, दूसरी तरफ सारा देश

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानपुर में विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने राजनीतिक दलों और नेताओं से देश को अपनी ईमानदारी का भरोसा दिलाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग की उस पहल का भी स्वागत किया जिसमें 2000 रुपये से ज्यादा गुप्त चंदे पर रोक लगाने की बात कही गयी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कानपुर में उन लोगों की बोलती बंद कर दी जो नोटबंदी के मामले में राजनीतिक दलों को कथित छूट पर हंगामा कर रहे थे और मोदी सरकार को बेवजह घेरने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने साफ कहा कि राजनीतिक दलों और नेताओं को जवाब देना होगा क्योंकि पूरे देश में उनकी ईमानदारी पर शक का माहौल है। इस माहौल को ठीक करने की भी जिम्मेदारी नेताओं और राजनीतिक दलों की ही है।

कांग्रेस पर प्रहार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस पार्टी के लोग ही कहा करते थे कि उनके यहां ना खाता है न बही, जो केसरीजी कहें वही सही। अब जब हिसाब देना पड़ रहा है, तो सब लोग परेशान हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि वे देश से भ्रष्टाचार बंद करना चाहते हैं पर विरोधी संसद बंद कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब बेईमानों की मदद के लिए संसद में नारे लगाए गये हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश दो टुकड़ों में बंट गया है। एक तरफ बेईमानों की मदद कर रहे मुट्ठी भर नेता हैं तो दूसरी तरफ है देश की आम जनता।

  • बेईमान नहीं हैं साबित करें नेता और दल
  • एक तरफ बेईमानों के साथ हैं मुट्ठीभर नेता, दूसरी तरफ है जनता
  • हम भ्रष्टाचार बंद करना चाहते हैं, वे बंद करना चाहते हैं संसद
  • कालाधन मुक्त करने की पहल पर चुनाव आयोग के साथ
  • यूपी में गुण्डाराज खत्म करने के लिए लखनऊ में सरकार बदलना जरूरी

राजनीतिक चंदों को लेकर सीमा तय करने के चुनाव आयोग की पहल का भी प्रधानमंत्री ने स्वागत किया। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राजनीतिक दलों को कालाधन से मुक्त कराने की जो पहल चुनाव आयोग कर रहा है उसका वो अभिनन्दन करते हैं। चुनाव आयोग ने 2000 रुपये से ज्यादा की रकम गुप्त चंदे के रूप में देने पर रोक लगाने की बात कही है।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुन्डों से आम लोगों की रक्षा नहीं कर पा रही है लखनऊ सरकार। ऐसे में जनता के लिए यही रास्ता है कि वो लखनऊ की सरकार को बदल दे।

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