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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बदल गई कार्य संस्कृति, ऐसे बदल रहा है देश

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और निर्णयों में जन कल्याण, जन सम्मान, राष्ट्र गौरव की नीयत और निर्णय स्पष्ट दिखाई देते हैं। 17 सितंबर को जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन के अवसर पर सरदार सरोवर बांध देश को समर्पित किया। यह प्रोजेक्ट देश के लिए इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि देश के इस सबसे ऊंचे बांध को बनने 56 साल लगे। लालफीताशाही और ढीली ढाली कांग्रेस की कार्य संस्कृति ने इस प्रोजेक्ट को वर्षों तक लटकाए रखा था, लेकिन प्रधानमंत्री ने इसे पूरा करने की ठानी और देश को सौंप दिया।मोदी सरकार बदल रही कार्यसंकृति के लिए चित्र परिणाम

ऐसे कई प्रोजेक्ट देश में वर्षों से लटके पड़े थे जिसे पीएम मोदी ने शुरू करवाया और उसके पूरा करने की समय-सीमा भी निर्धारित कर दी। सीमावर्ती क्षेत्रों में 73 सड़कों का निर्माण हो या मधेपुरा और छपरा में रेल कारखाना शुरू करवाना हो। ये सभी प्रोजेक्ट सालों से या तो बंद पड़े थे या फिर इसकी गति धीमी थी। मोदी सरकार ने ऐसे सभी प्रोजेक्ट को बंद नहीं किया बल्कि इसकी समय सीमा निर्धारित की और उसे पूरा किया।

मधेपुरा रेल कारखाना के लिए चित्र परिणाम

वन रैंक, वन पेंशन 40 साल से अटका था, लागू हो गया
चालीस साल से भी अधिक वर्षों तक कांग्रेस की सरकारों ने वन रैंक, वन पेंशन को लटकाए रखा था। देश के सुरक्षा बलों की यह बहुप्रतीक्षित मांग थी कि सबके लिए पेंशन एकसमान हो। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने आते ही 2013 को वन रैंक वन पेंशन के लिए आधार वर्ष मानते हुए एक जुलाई 2014 से इसे लागू कर दिया।

वन रैंक वन पेंशन के लिए चित्र परिणाम

समय और संसाधन के उपयोग पर जोर
मोदी सरकार ने समय और संसाधन के इस्तेमाल पर लगातार जोर दिया है। पिछली सरकार के तीन साल के काम की रफ्तार का फर्क साफ नजर आता है। पिछली सरकार के आखिरी तीन साल में 80 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाईं गईं, जबकि इस सरकार ने एक लाख 20 हजार किलोमीटर सड़कें बनाईं।

ग्रामीण सड़क के लिए चित्र परिणाम

नेशनल हाई-वे बनने की गति दोगुनी हुई
पिछली सरकार ने तीन साल में 15 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाईं थीं इस सरकार ने 34 हजार किलोमीटर से ज्यादा नेशनल हाईवे बनाया है। 

नेशनल हाइवे निर्माण में दोगुनी गति के लिए चित्र परिणाम

दोगुनी गति से बिछाई जा रहीं रेल की पटरियां
पिछली सरकार में 11 सौ किलो मीटर रेल लाइन की जगह इस सरकार ने 21 सौ किलोमीटर नयी रेल लाइन बनाई। 

रेलवे पटरी निर्माण की दोगुनी गति के लिए चित्र परिणाम

15 हजार गांवों को पहली बार बिजली मिली
जिन 18,000 गांवों में आजादी के बाद आजतक बिजली नहीं पहुंची थी, उन गांवों में से 15000 गांवों में बिजली पहुंच चुकी है और शेष गांवों में बिजली अगले साल मार्च तक पहुंचा देने का इस सरकार ने संकल्प लिया है। इसके अतिरिक्त 15 अगस्त 2022 तक देश के सभी घरों में बिजली पहुंचाने का संकल्प प्रधानमंत्री मोदी ने लिया है।

14 हजार गांवों में बिजली पहुंची के लिए चित्र परिणाम

30 करोड़ से अधिक गरीबों के बैंक अकाउंट खुले
प्रधानमंत्री मोदी की जनधन योजना के तहत अब तक 30 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं और करीब 65 हजार करोड़ रुपये इन खातों में जमा हो चुके हैं। योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में 16 अगस्त 2017 तक 18 करोड़ खाते खुले हैं जबकि 12 करोड़ शहरी लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं।

30 करोड़ बैंक खाता खुला के लिए चित्र परिणाम

3 करोड़ से अधिक महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से करोड़ों गरीब परिवारों की महिलाओं को प्रदूषण युक्त चूल्हे के धुएं से मुक्ति दिलाने का काम किया है। अब तक तीन करोड़ से अधिक गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन और चूल्हा मुफ्त उपलब्ध कराया गया है।

उज्ज्वला योजना के लिए चित्र परिणाम

26 करोड़ से ज्यादा एलइडी बल्व वितरित किए गए
उजाला यानी उन्नत ज्योति बाय अफर्डेबल फॉर ऑल योजना के तहत देश में 77 करोड़ एलईडी बल्ब लगाने की योजना है और अब तक करीब 26 करोड़ से ज्यादा बल्ब लगाए भी जा चुके हैं। करीब 3 साल पहले जब कोई एक एलईडी बल्ब खरीदना चाहता था तो उसे 300 रुपये से भी ज्यादा खर्च करने पड़ते थे, लेकिन पीएम मोदी की पहल से यह 40 से 70 रुपये तक मिल रहे हैं।

उजाला योजना के लिए चित्र परिणाम

मुद्रा लोन से सृजित हुए 9 करोड़ रोजगार
मुद्रा योजना के तहत 9 करोड़ से अधिक लोगों ने ऋण लिया है। यदि कम से कम एक व्यक्ति के रोजगार मिलने का भी औसत मान लिया जाये तो 9 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। दो करोड़ 63 लाख ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार बैंकों से लोन पाया है।

मुद्रा योजना के लिए चित्र परिणाम

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