प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश के पनबिजली क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पनबिजली क्षेत्र को बढ़ावा देने के उपायों को मंजूरी दी। अब बड़ी पनबिजली योजनाओं की घोषणा अक्षय ऊर्जा स्रोत के रूप में की जाएगी। अभी तक केवल 25 मेगावॉट से कम क्षमता वाले पनबिजली परियोजनाओं को अक्षय ऊर्जा के रूप में श्रेणीबंध किया जाता था। 200 मेगावाट तक की क्षमता वाली पनबिजली परियोजनाओं के लिए प्रति मेगावाट अधिकतम डेढ़ करोड़ रुपये और 200 मेगावाट क्षमता से अधिक की परियोजनाओं के लिए प्रति मेगावाट एक करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
भारत में लगभग 1,45,320 मेगावॉट पनबिजली क्षमता की संभावना है, लेकिन अब तक केवल लगभग 45,400 मेगावॉट का ही इस्तेमाल हो रहा है। वर्ष 2022 तक सौर और पवन बिजली क्षमता में 160 गीगावॉट जोड़ने और वर्ष 2030 तक गैर-फोसाइल ईंधन स्रोतों से कुल क्षमता का 40 प्रतिशत जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
पर्यावरण अनुकूल होने के साथ-साथ, पनबिजली की अन्य कई महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं, जिनमें शीघ्रतापूर्वक रैम्पिंग, ब्लैक स्टार्ट, प्रतिक्रियात्मक अवशोषण आदि शामिल हैं। इन विशेषताओं के बल पर यह पीकिंग पावर, स्पीनिंग रिजर्व और ग्रिड संतुलन के लिये एक आदर्श है। इसके अलावा, पनबिजली क्षेत्र से रोजगार के अवसर मिलने और पर्यटन क्षेत्र का विकास होने से संपूर्ण क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होता है। साथ ही, इससे जल सुरक्षा, सिंचाई सुविधा और बाढ़ में कमी होने जैसे लाभ भी मिलते है।
अधिकांश पनबिजली परियोजनाएं हिमालय की ऊंचाइयों और पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित हैं, इससे विद्युत क्षेत्र में प्रत्यक्ष रोजगार मिलने से इस क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा। इससे परिवहन, पर्यटन और अन्य छोटे कारोबारी क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इसका एक अन्य लाभ यह भी होगा कि सौर और पवन जैसे ऊर्जा स्रोतों से वर्ष 2022 तक लगभग 160 गीगावॉट क्षमता का एक स्थाई ग्रिड उपलब्ध हो जाएगा।
एक अप्रैल से देश भर में 24 घंटे बिजली का सपना होगा साकार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार बिजली के क्षेत्र में लगातार कोशिश कर रही है। इसका नतीजा है कि मार्च 2019 तक जहां देश के सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा, वहीं देश भर में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का सपना भी साकार हो जाएगा। उपभोक्ताओं को हर वक्त बिजली मुहैया कराने के लिए बिजली मंत्रालय ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है।
बिना कारण बिजली कटौती, तो वितरण कंपनी को देना होगा जुर्माना
केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि एक अप्रैल 2019 से चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध रहेगी। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर यह कोशिश कर रही है। मंगलवार से गुरुग्राम में शुरू होने वाली प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत मंत्रियों की बैठक में इस पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि अगर उस वक्त कोई बिजली वितरण कंपनी बिना किसी कारण बिजली कटौती करती है, तो उसे जुर्माना देना होगा। कोई तकनीकी या प्राकृतिक आपदा इसमें शामिल नहीं है।
मोदी सरकार में जरुरत से अधिक बिजली उत्पादन क्षमता
बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस वक्त बिजली उत्पादन क्षमता हमारी जरुरत से अधिक है। इंटरस्टेट ग्रिड में भी एक लाख से अधिक सर्किट किमी की लाइन जोड़ी गई है। ताकि, एक राज्य से दूसरे राज्य में बिजली को लाना और ले जाना आसान हो।
सफल हुई पीएम मोदी की ‘एक ग्रिड-एक देश’ की योजना
बिजली मंत्री आरके सिंह का कहना है कि हम देश को एक ग्रिड में पिरोने में सफल रहे हैं। हम पूरे देश में कहीं और कहीं से भी बिजली को ला और ले जा सकते हैं। कश्मीर में पैदा होने वाली हाईड्रो पावर को कन्याकुमारी भेज सकते हैं। इस वक्त हम कच्छ में सौर या पवन उर्जा पैदा करे और उसका इस्तेमाल अरुणाचल प्रदेश में कर सकते हैं। क्योंकि, पूरा देश एक ग्रिड से जुड़ चुका है। हमारे पास बिजली को लाने और ले जाने के लिए मजबूत नेटवर्क है। जहां 2014-15 से 2018-19 तक 1,11,433 सीकेएम संचरण ग्रिड का विस्तार हुआ, वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में 11,799 सीकेएम जोड़ा गया।
‘सौभाग्य’ योजना के तहत हर घर होगा रौशन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2017 को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ‘सौभाग्य’ की शुरुआत की। योजना की शुरूआत से लेकर अब तक 2,52,33, 577 घरों को रोशन किया जा चुका है। इस तरह पूरे देश में कुल 21 करोड़ 34 लाख से अधिक घरों में बिजली पहुंच चुकी है। ‘सौभाग्य’ योजना का फायदा उन लोगों को मिल रहा है, जो पैसों की कमी के चलते अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं ले पाए हैं। इसके तहत गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है।
मोदी राज में भारत के हर गांव को मिली अंधेरे से आजादी
28 अप्रैल,2018 की शाम 5.30 बजे जब मणिपुर के लाइसंग गांव में बिजली पहुंची तो इसके साथ ही मोदी सरकार ने इतिहास रच दिया। देश के प्रत्येक गांव तक बिजली पहुंचाने का प्रधानमंत्री मोदी का सपना पूरा हो गया, वो भी तय समय से पहले। इस उपलब्धि का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि, ‘28 अप्रैल 2018 को भारत की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। कल हमने एक वादा पूरा किया, जिससे भारतीयों के जीवन में हमेशा के लिए बदलाव आएगा। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि अब भारत के हर गांव में बिजली सुलभ होगी।’
28th April 2018 will be remembered as a historic day in the development journey of India. Yesterday, we fulfilled a commitment due to which the lives of several Indians will be transformed forever! I am delighted that every single village of India now has access to electricity.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2018
मोदी सरकार को विश्व बैंक से मिली शाबाशी
विश्व बैंक ने देश के बाकी बचे 18 हजार से अधिक गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए मोदी सरकार की तारीफ की। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत सरकार ने विद्युतीकरण के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है और देश की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी तक बिजली पहुंच गई है। विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि 2010 से 2016 के बीच भारत ने प्रतिवर्ष 3 करोड़ लोगों को बिजली उपलब्ध कराई। विश्व बैंक ने यहां तक कहा है कि बिजली के क्षेत्र में मोदी सरकार ने अपने दावों से आगे बढ़कर काम किया है।