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मोदी सरकार ने दी किसानों को बड़ी राहत, चार प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा लोन

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नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में किसानों को सस्ता कर्ज मुहैया कराने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब किसानों को नौ प्रतिशत ब्याज दर पर मिलने वाला कर्ज सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज दर पर मिलेगा। इसके लिए कर्ज की अधिकतम सीमा तीन लाख रखी गई है। कर्ज के नौ प्रतिशत ब्याज दर में से पांच प्रतिशत का ब्याज सरकार चुकाएगी। कैबिनेट ने चालू वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कर्ज पर ब्याज सब्सिडी के रूप में 20,339 करोड़ रुपये के कुल खर्च को मंजूरी दी है।

अपनी निजी निधि के इस्तेमाल करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक, सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक के वित्तपोषण के लिए नाबार्ड को ब्याज अनुदान दिया जाएगा। ब्याज अनुदान योजना 1 वर्ष के लिए जारी रहेगी। नाबार्ड तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इसे कार्यान्वित किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य देश में कृषि उत्पादकता और उत्पादन पर जोर देने के लिए किफायती दर पर लघुकालिक फसल ऋण के लिए कृषि ऋण उपलब्ध कराना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की भलाई के लिए पिछले तीन साल में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इस साल फल, सब्जियों, मसाले और फूलों की रिकॉर्ड पैदावार होने की संभावना है। इससे पहले देश में अनाजों का भी रिकॉर्ड पैदावार हो चुका है।

बागबानी में बहार
ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल भारत में बागवानी से जुड़े उत्पादों का रिकॉर्ड पैदावार होने जा रहा है। इसमें फल, सब्जियां, फूल और औषधीय एवं सुगंधित उत्पाद भी शामिल हैं। अनुमानों के मुताबिक जून के महीने तक (2016-17) इन चीजों का उत्पादन 29.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो कि साल 2015-16 के मुकाबले 3.2 % अधिक है। इसमें फलों का उत्पादन पिछले साल के मुकाबलने 2.9% अधिक 9.3 करोड़ टन और सब्जियों का 3.5% अधिक यानी 17.5 करोड़ टन होने का अनुमान है।

फूल, सुगंधित एवं औषधीय पौधे और मसालों की बंपर फसल
कृषि मंत्रालय के अनुसार इस साल फूलों का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 2.9% अधिक यानी 22 लाख टन रहने का अनुमान है। वहीं सुगंधित एवं औषधीय पौधों का उत्पादन .8% अधिक या 10.3 लाख टन रहने का अनुमान है। इनके अलावाा इस साल मसालों का उत्पादन में इस साल 71 लाख टन रहने का अनुमान है जो कि पिछले साल की तुलना में 1.3% अधिक है।

आलू,प्याज,टमाटर पर हाहाकार खत्म
सबसे बड़ी बात है कि बीते कुछ वर्षों में आलू, प्याज और टमाटर की कीमतों को लेकर बहुत हो-हल्ला मचाया जाता था। प्याज और टमाटर की कीमतों को कंट्रोल करना तो पहले कई बार असंभव सा हो चुका है। लेकिन मोदी सरकार ने जब से इन आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन से लेकर वितरण तक पर ध्यान दिया है, पूरी तस्वीर ही बदल गई है। क्योंकि अब न तो आलू-टमाटर बेकाबू हो रहे हैं और न ही देश की आम जनता को प्याज के आंसू ही रोना पड़ रहा है। ये सब इसलिए हुआ है कि सरकार की नीतियों और अनुकूल मौसम के चलते इन सबके उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है। जैसे इस साल 2.16 करोड़ टन प्याज के उत्पादन का अनुमान है, जो 2015-16 के मुकाबले 3% अधिक है। उसी तरह आलू का भी 7.2% की बढ़ोत्तरी के साथ 4.34 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान है। यही नहीं टमाटर का भी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 5.1% अधिक यानी 1.97 करोड़ टन रहने का अनुमान है।

पूरे साल कीमतों पर नियंत्रण
ये मोदी सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि पूरे साल सब्जियों की कीमतों पर नियंत्रण रहता है। कई बार मौसम और स्थानीय कारणों से हरी सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हो जाना स्वभाविक है। लेकिन, मोदी सरकार ने पिछले कुछ सालों में आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों पर जिस तरह से नियंत्रण रखा है वो कोई मामूली बात नहीं है। नहीं तो हर साल प्याज और टमाटर की कीमतें इतनी बढ़ जाती थीं कि वो आम जनता की थाली तक पहुंच ही नहीं पाते थे। अब हालात बदल चुके हैं। पूरे साल में इन चीजों के दाम में कोई ज्यादा अंतर नहीं देखा जा रहा है। इसी तरह एक बार दाल की कीमतों में आई उछाल बहुत बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया था। तब जो मोदी सरकार ने एक्शन लेना शुरू किया उसका परिणाम आज भी देखने को मिल रहा है। अधिकतर दाल की कीमतें नियंत्रण में हैं और जमाखोरी की जिन वजहों से कीमतों में कृत्रिम उछाल लाने की कोशिश की गई थी, उन वजहों को दूर कर दिया गया है।

नोटबंदी के बावजूद बंपर पैदावार
पिछले साल 8 नवंबर को जब नोटबंदी की घोषणा हुई थी, रबी फसलों की बुवाई और खरीफ फसलों की कटाई का सीजन था। ये भ्रम फैलाने की कोशिश हुई कि नोटबंदी किसानों को तोड़कर रख देगा। वो बीज, खाद का इंतजाम कैसे करेंगे। लेकिन मोदी सरकार किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो… यह पहले से तय कर रखी थी। सरकार ने बीज और खाद की खरीद पुरानी करेंसी से करने की अनुमति दी थी। साथ टोल और पेट्रोल पंपों पर भी पुराने नोट चल रहे थे। यानी किसानों को न तो बीज खाद खरीदने में कोई परेशानी हुई और न ही बीज और खाद को खेतों तक पहुंचाने में। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसबार धान और गेहूं की रिकॉर्ड उपज हुई है और अनाज का उत्पादन 27 करोड़ टन से अधिक रहने का अनुमान है।

किसानों को हो रहा है फायदा
बंपर फसल एक तरह से भारतीय किसानों की खुशहाली की गारंटी देता है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने संकल्प लिया है कि 2022 तक देश के अन्नदाताओं की आय दोगुनी कर दी जाएगी। अभी जो देश में कृषि क्षेत्र के हालात बन रहे हैं, वो उसी दिशा में सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के नतीजे हैं।

मोदी सरकार की नीतियों का असर
मोदी सरकार जब से आई है किसानों की भलाई और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक से बढ़कर एक कदम उठाई है। चाहे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो, चाहे प्रधानमंत्री सिंचाई योजना हो या फिर SOIL HELTH CARD और PER DROP MORE CROP, सबने किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का काम किया है। पीएम मोदी ने सरकार में आते ही नीम कोटेड यूरिया ही बाजार में उतारने का फैसला किया। इससे जहां यूरिया की चोरी रुकने से जनता के पैसे बचने शुरू हो गए। वहीं किसानों की फसलों की पैदावार में भी अच्छा-खासा इजाफा हो गया। 

प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि देश में अब सेकंड ग्रीन रिवॉल्युशन की नहीं, एवरग्रीन रिवॉल्युशन की आवश्यकता है। एवरग्रीन रिवॉल्युशन से मायने ये है कि वो देश के उन भागों और उन फसलों पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं, जिन्हें अबतक नजरअंदाज किया गया है। इसमें ऑर्गेनिक फार्मिंग से किसानों की आय कई गुना बढ़ाने की सोच भी शामिल है। पीएम मोदी की सरकार भारतीय कृषि को उस अवस्था में देखना चाहती है, जहां के नौजवान खेती के नाम से भागें नहीं। बल्कि उसे करियर के तौर पर अपनाने के लिए आगे आएं।

आइए एक नजर डालते हैं गरीबों और किसानों का जीवन बदल देने वाली योजनाओं पर-

  • जन धन योजना-देश के सभी नागरिकों, जिसमें शहर या गांव के गरीब का भी बैंक में खाता हो इसे सुनिश्चिच करना। सभी बैंक खातों पर 5000 रुपये तक की क्रेडिट सुविधा के साथ रुपे क्रेडिट कार्ड
  • जीवन ज्योति योजना- शहर या गांव के गरीब के बैंक खाता धारको के लिए जीवन बीमा
  • जीवन सुरक्षा योजना-गरीबों के लिए दुर्घटना बीमा
  • उज्जवला योजना-शहर या गांव के गरीब परिवारों के मुफ्त एलपीजी सिलेंडर
  • डीबीटी-मनरेगा में काम करने वालों का पैसा सीधे उनके खाते में साथ ही साथ अन्य योजनाओं से मिलने वाली आर्थिक सहायता बैंक खाते में
  • अटल पेंशन योजना-असंगठित क्षेत्र में काम करने वालो के लिए पेंशन की व्यवस्था
  • प्रधानमंत्री आवास योजना-गांव या शहर में रहने वाले गरीबों के लिए मकान की व्यवस्था
  • दीनदयाल अंत्योदय योजना-गांव के गरीबों के लिए आर्थिक सहायता
  • ग्रामीण व शहरी कौशल विकास योजना-गांव और शहरों में रोजगारपरक कौशल विकास
  • फसल बीमा योजना-गांव के किसानों के लिए फसल बीमा
  • सॉयल हेल्थ कार्ड-किसानों की जमीन की उपज शक्ति की स्थिति पता करने के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड
  • यूरिया की नीम कोटिंग- सिर्फ किसानों को ही खेती के लिए यूरिया मिले इसके लिए नीम कोंटिंग, इसकी वजह से यूरिया ना मिलने और काला बाजारी की समस्या पूरी तरह खत्म हो चुकी है। देश में यूरिया प्रचुर मात्रा मे उपलब्ध है।
  • कृषि कौशल विकास-खेती के कामों करने के लिए कुशल कामगारों के लिए कौशल विकास
  • गोगुल मिशन-खेती के अतिरिक्त किसानों को दूध के व्यापार से आमदनी हो इसके लिए काम
  • ई-नाम-किसान अपनी खेती की ऊपज को बाजार में सही कीमत पर बेच सकें इसके लिए ई-कृषि मंडी
  • कृषि एप-किसानों को मौसम में बदलाव से जुड़ी चुनौतियों और कृषि से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए कृषि एप
  • डीडी किसान-किसानों को सही और सटीक जानकारी देने के लिए डीडी किसान चैनल
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य-आनाजों के लिए समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी
  • मुद्रा योजना-मुद्रा योजना के तहत 50 हजार से 10 लाख तक का बैंकों से उधार देने की व्यवस्था से छोटे और मझौले व्यापारियों को व्यापार बढ़ाने में सहयोग
  • प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना-देश में अस्पतालों के नेटवर्क का विस्तार और डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई के लिए कालेजों और सीटों का विस्तार।
  • स्वच्छता मिशन-स्वच्छता मिशन के तहत गांव और शहर के गरीब परिवारों के घरों के लिए शौचालय की व्यवस्था।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-देश के गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ना
  • दीनदयाल उपाध्धाय ग्रामीण विद्युत योजना-इस योजना के तहत सभी गांवो के घरों में बिजली पहुंचना।

देखिए वीडियो-

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