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बुजुर्गों की हमदर्द मोदी सरकार, सेवा नहीं की तो बेटा-बहू के साथ पोता-पोती, नाती-नातिन को भी जाना होगा जेल

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केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार बुजुर्गों की विशेष जरूरतों और उनकी जिंदगी को ज्यादा आसान बनाने को लेकर काफी सजग है। इसका प्रमाण केंद्र सरकार के फैसलों से मिलता है। मोदी सरकार देश के बुजुर्गों को हर तरह से सक्षम बनाने की कोशिश कर रही है।


बेटे-बहू के साथ पोता-पोती और नाती-नातिन की भी होगी जिम्मेदारी

बुजुर्ग माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के साथ गलत व्यवहार की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार अब कानून में बदलाव लाने जा रही है। अब मोदी सरकार माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम 2007 की परिभाषा का विस्तार करने का फैसला किया है।

मोदी सरकार के नए कानून के तहत माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की जिम्मेदारी सिर्फ उनके बच्चों की नहीं बल्कि बेटे-बहू, पोता-पोती और नाती-नातिन की भी होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस अमेंडमेंट को मंजूरी दे दी है, वहीं इस अधिनियम में संशोधन माता-पिता, दादा-दादी और सास-ससुर फिर चाहे वो वरिष्ठ नागरिक हो या ना हो उन सबको शामिल करने के लिए किया गया है। यह बिल अगले सप्ताह संसद में पेश होने की संभावना है।

बड़े-बुजुर्गों को परेशान करने पर जाना होगा जेल 

बड़े-बुजुर्गों को परेशान करने और उनसे पीछा छुड़ाने की कोशिश करने वालों को अब तीन महीने के बजाए छह महीने तक की जेल हो सकती है। इस बिल में रखरखाव की मात्रा वरिष्ठ नागरिकों और माता-पिता, बच्चों और रिशतेदारों की कमाई और मानक के आधार पर तय की जा सकती है।

सौतेले बच्चों से लेकर ‘होम केयर सर्विसेज’ तक के प्रस्ताव

बिल के अंतर्गत मंत्रालय ने गोद लिए बच्चों, सौतेले बच्चों, दामाद, बहू और पोते-पोतियों समेत बच्चों को व्यापक रूप से परिभाषित करने का प्रस्ताव रखा है। विधेयक में ‘होम केयर सर्विसेज’ देने वाली एजेंसियों को पंजिकृत करने का भी प्रस्ताव है।

वहीं बुजुर्गों तक पहुंच बनाने के लिए प्रत्येक पुलिस ऑफिसर को एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करना होगा। इसके साथ ही मां-बाप को साथ ना रखने वाले लोगों के लिए रखरखाव राशि की ऊपरी सीमा 10 हजार रुपए से बढ़ाने का भी प्रस्ताव किया।

मोदी सरकार कदम-कदम पर बुजुर्गों के साथ खड़ी हुई है। एक नजर डालते हैं उन योजनाओं पर जिनसे बजुर्गों के जीवन में बदलाव आ रहा है।

वयोश्री योजना पूरे देश में लागू

मोदी सरकार ने वयोश्री योजना को पूरे देश में लागू करने का फैसला किया, इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले बुजुर्गों को मुफ्त में ऐसे उपकरण दिए जाएंगे, जिनसे उनका जीवन और बेहतर होगा। इनमें गले और घुटने के कॉलर सहित कमर के दर्द को कम करने के लिए बेल्ट जैसे करीब दस और उपकरण शामिल है। ये सभी उपकरण इन बुजुर्गों को स्वावलंबी बनाएंगे और इससे इनमें जिंदगी जीने का एक नया जज़्बा और आत्मविश्वास पैदा होगा।

वयोश्री योजना को अगले पांच सालों में सभी जिलों में पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। अब तक यह योजना देश के सिर्फ 327 जिलों में ही लागू थी। एक रिपोर्ट में मुताबिक वर्ष 2026 तक देश में बुजुर्गो की आबादी बढ़कर करीब 18 करोड़ हो जाएगी। वयोश्री योजना से उन सभी गरीब बुजुर्गों को लाभ होगा, जो उम्र के साथ आती अक्षमताओं की वजह से परेशान रहते हैं। और पैसे की कमी से अपनी आवश्यकता की चीजें भी खरीद नहीं पाते हैं। इस योजना के विस्तार को लेकर सरकार भी उत्साहित है, क्योंकि इसे विस्तार देने में किसी भी तरह की कोई वित्तीय बाधा नहीं है। इस योजना का संचालन बैंकों सहित सभी वित्तीय संस्थानों में जमा उस पैसे से किया जाता है, जिसके कोई दावेदार नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के पास इस तरह के करीब 14 हजार करोड़ रुपए मौजूद है।

इस योजना के तहत बुजुर्गों को मुफ्त में उपकरण दिए जाते हैं। मौजूदा समय में आठ उपकरण दिए जाते है, जिनकी संख्या बढ़कर अब 18 हो गई हैं। योजना के तहत दिए जाने वाले उपकरणों में वाकिंग स्टिक, एल्बो क्रचेस, ट्राईपॉड्स, क्वैडपोड, श्रवण यंत्र, व्हीलचेयर, कृत्रिम डेंचर्स, स्पेक्टल्स, गले और घुटने के कॉलर, कमर के दर्द को कम करने वाले बेल्ट शामिल है।

रिटायरमेंट होम्स के लिए मानक तय

मार्च 2019 में मोदी सरकार ने “रिटायरमेंट होम” के पुनर्विकास और नियमन के लिए दिशा-निर्देश जारी किया। इसके सतह केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा एक कार्यबल के गठन का फैसला किया गया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह ने बताया कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए बनने वाले रिटायरमेंट होम्स के लिए सरकार ने मानक तय किए हैं। साथ ही दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसके मुताबिक डेवलपर ‘रिटायरमेंट होम’ का निर्माण और प्रबंधन कर सकते हैं या ‘सेवा प्रदाता’ या ‘रिटायरमेंट होम संचालक’ को इनके प्रबंधन के काम में लगा सकते हैं। इसके तहत सेवा प्रदाताओं को उचित राज्य अधिकरण के समक्ष पंजीकरण कराना होगा। साथ ही इसमें कहा गया कि ‘रिटायरमेंट होम्स’ ‘नेशनल बिल्डिंग कोड’ के तहत निर्धारित नियमों, दिशा-निर्देशों एवं सिद्धांतों के अनुरूप होने चाहिए।

सरकार पर बुजुर्गों की देख-रेख की जिम्मेदारी

मंत्रालय अधिकारियों के मुताबिक, 2025 तक अपने देश में बुजुर्गों की संख्या करीब 17.3 करोड़ और 2050 तक करीब 24 करोड़ होगी। इसमें से बड़ी तादात में अकेले रहने वाले बुजुर्ग भी होंगे। ऐसे में उनकी देख-रेख करने की जिम्मेदारी सरकार की है। इसी मकसद से दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं।

प्रधानमंत्री वय वंदन योजना के अंतर्गत निवेश की सीमा बढ़ाकर 15 लाख

मई 2018 में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत निवेश सीमा को 7.5 लाख रुपये से दोगुना कर 15 लाख रुपये कर दिया। साथ ही इसकी सदस्यता की समय सीमा को 4 मई, 2018 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 करने की भी मंजूरी दे दी।

10000 रुपये पेंशन का रास्ता साफ

प्रधानमंत्री वय वंदन योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को हर माह 10,000 रुपये पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया। पीएमवीवीवाई को एलआईसी के जरिए क्रियान्वित किया जा रहा है, ताकि वृद्धावस्था में सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा सके और इसके साथ ही 60 साल एवं उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को अनिश्चित बाजार स्थितियों के चलते उनकी ब्याज आमदनी में किसी भी भावी कमी से उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा सके।

पेंशनभोगी डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र 
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। जीवन के इस पड़ाव में उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर उनकी जरूरतें पूरी करने में और आपातकालीन परिस्थितियों में सहायता करती है। पहले पेंशनभोगियों को सेवानिवृत्ति के बाद बैंक जैसे अधिकृत पेंशन वितरण एजेंसी में व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर अपना जीवन प्रमाण-पत्र जमा कराना पड़ता था। लेकिन नई योजना लागू होने के साथ वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिल गई है। अब पेंशनभोगियों को बैंकों या पेंशन देने वाली संस्था और प्रमाणन अधिकारी के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने की जरूरत नहीं रह गई है और उन्हें अनावश्यक बाधाओं का सामना करने से भी छुटकारा मिल गया है।

वृद्ध व्यक्तियों के लिए समेकित कार्यक्रम
इसके तहत स्वंयसेवी संस्थाओं को वृद्धाश्रम, डे केयर केन्द्र, मोबाइल चिकित्सा केन्द्र की सेवा देने के लिए 90 प्रतिशत तक वित्तीय मदद करता है। इसके पंचायती राज संस्थाओं, स्वंयसेवी संस्थाओं, सेल्फ हेल्प ग्रुप को वृद्धाश्रम के निर्माण में सहायता देता है।

पांच लाख तक कोई कर नही
वित्त मंत्रालय 60 वर्ष से अधिक और 80 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्तियों से तीन लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लेता जबकि 80 वर्ष से ऊपर वालों से पांच लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई कर नही लिया जाता।

स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़कर हुआ 50 हजार रुपए
2019 के अंतरिम बजट में तमाम पेशनभोगियों को 10 हजार रुपए का फायदा स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में दिया गया। इसे 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया। वहीं आयकर की धारा 80 सी के तहत अगर डेढ़ लाख रुपए तक निवेश कर लिया जाए तो सात लाख रुपये तक निवेश कर मुक्त हो जाएगा।

बचत योजनाओं पर अधिक ब्याज
वरिष्ठ नागरिकों को बचत योजनाओं में अधिक ब्याज मिलता है। वरिष्ठ नागरिकों को पोस्ट आफिस की बचत योजनाओं में 8.6 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है।

एनपीएस से जुड़ने की आयु 65 तक हुई
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पेंशन योजना से जुड़ने की आयु-सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है। अब पेंशन खाता से जुड़ना भी 65 वर्ष की आयु तक सुलभ हो गया है, जिसे 70 साल की आयु तक जारी रखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त ऐसे खाताधारक, जो 60 वर्ष से अधिक की आयु में जाकर राष्ट्रीय पेंशन योजना से जुड़ पा रहे हैं, उन्हें भी पेंशन कोष तथा निवेश के वही विकल्प उपलब्ध होंगे, जो इस योजना से 60 वर्ष की आयु से पहले जुड़ चुके लोगों को प्राप्त हैं।

जमाराशि पर नियत ब्याज
बुजुर्गों के बैंक जमा पर ब्याज को स्थिर कर दिया गया है। बुजुर्गों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 दिसबंर, 2016 को अपने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि 7.5 लाख रुपए तक की राशि पर 10 साल तक के लिए सालाना 8 प्रतिशत का ब्याज दर सुरक्षित किया जाएगा। पीएम ने कहा कि बैंकों में पैसे ज्यादा आने लगते हैं तो वो जमा राशि पर ब्याज दर घटा देते हैं। उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बुजुर्गों पर इसका कोई असर नहीं पड़े।

बुर्जुगों के लिए स्मार्ट कार्ड 
मोदी सरकार ने 2017-18 के बजट पिटारे से बुर्जुगों के लिए स्मार्ट कार्ड निकला। आधार आधारित स्मार्ट कार्ड में उनका स्वास्थ्य संबंधी सारा ब्योरा रहता है।

अन्त्योदय कार्यक्रम
अन्त्योदय कार्यक्रम के अन्तर्गत गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों को वरिष्ठ नागरिकों सहित उपभोक्ता और खाद्य मंत्रालय 35 किलो अनाज प्रति परिवार देता है, जिसमें चावल 3 रुपये प्रति किलो और गेहूँ 2 प्रति किलो दिया जाता है।

ट्रेन में लोअर बर्थ का कोटा बढ़ाया
मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेनों में लोअर बर्थ का कोटा 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। ये बढ़ोत्तरी सभी श्रेणी के डिब्बों और ट्रेनों में किया गया है, जिससे बुजुर्गों को सफर करने में किसी तरह की परेशानी न हो। यानी अब स्लीपर में कम से कम 6 और थर्ड एवं सेकंड एसी में कम से कम 3 बर्थ वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित रखे जाते हैं। यही नहीं राजधानी और दुरंतो जैसी ट्रेनों में थर्ड एसी में कम से कम 4 बर्थ वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित रखे जाते हैं।

स्टेंट प्राइस कंट्रोल
मोदी सरकार ने स्टेंट की कीमतों पर लगाम लगाकर एक तरह से लाखों हृदय रोग से पीड़ित मरीजों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों को नया जीवन-दान दे दिया है। मोदी सरकार का ये कदम कितना ऐतिहासिक है इस बात का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस फैसले से हर साल देश के नागरिकों के 4500 करोड़ रुपये से ज्यादा बचेंगे। उदाहरण के तौर पर जो स्टेंट पहले 1.21 लाख रुपये में मिलता था, वही स्टेंट अब 30,000 रुपये भी कम कीमत में उपलब्ध है यानी, 85 प्रतिशत की बचत। उसी तरह से 45,000 रुपये से ज्यादा कीमत वाले स्टेंट को मोदी सरकार ने स्टेंट बेचने वाली कंपनियों को लगभग 7 हजार रुपये में बेचने को मजबूर कर दिया है।

घुटना प्रत्यारोपण के खर्च में कमी की
मोदी सरकार ने घुटना प्रत्यारोपण के खर्च में 70 प्रतिशत तक कमी कर दी है। पहले जहां घुटना प्रत्यारोपण में 3 से 4 लाख रुपये खर्च होते थे, वहीं अब इसमें 70 से 80 हजार रुपये ही खर्च होते हैं। जाहिर है कि मोदी सरकार के इस फैसले से देश के बुजुर्गों को बहुत लाभ हो रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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