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बड़ा घर खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, 4 बेडरूम वाले फ्लैट के लिए भी सब्सिडी देगी मोदी सरकार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक हर देशवासी के सिर पर पक्की छत होने का वादा किया है। इस वादे को पूरा करने के लिए मोदी सरकार शिद्दत से जुटी हुई है। मोदी सरकार का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022 तक शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ मकान और ग्रामीण क्षेत्रों में 3 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मोदी सरकार सिर्फ नाम का घर उपलब्ध नहीं करवा रही है, बल्कि एक ऐसा घर देशवासियों को दे रही है, जहां साफ पेयजल, बिजली कनेक्शन, गैस कनेक्शन, शौचालय आदि की व्यवस्था है। इतना ही नहीं मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में दिए जाने वाले आवासों के क्षेत्रफल में भी बढ़ोतरी की है। इसी प्रकार शहरों में भी मोदी सरकार लाभार्थियों को फ्लैट खरीदने में इस योजना के तहत ब्याज में सब्सिडी दे रही है। अब मोदी सरकार ने 3 और 4 बेडरूम वाले मकानों के लिए भी ब्याज में सब्सिडी देने का फैसला किया है।

2,100 वर्ग फीट से बड़े घर के लिए भी मिलेगी सब्सिडी
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने मध्यम आय समूह यानि एमआईजी के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ब्याज सब्सिडी का लाभ लेने के पात्र घरों के लिए कार्पेट एरिया में 33% की वृद्धि कर दी है। मोदी सरकार ने क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के दायरे में मध्यम आय वर्ग की पहली कैटिगरी एमआईजी-1 के घरों का कार्पेट एरिया बढा़कर 160 वर्ग मीटर (1722 वर्ग फीट) और एमआईजी-2 कैटिगरी के घरों का कार्पेट एरिया 200 वर्ग मीटर (2153 वर्ग फीट) कर दिया है। अब तक एमआईजी-1 कैटिगरी के घरों के लिए कार्पेट एरिया 120 वर्ग मीटर और एमआईजी-2 कैटिगरी के घरों के लिए 150 वर्ग मीटर था। यानि अब 18 लाख रुपये सालाना आय वाले लोग, जो तीन या चार बेडरूम वाला 2,100 वर्ग फीट तक का फ्लैट या घर खरीदना चाहते हैं उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2.3 लाख रुपये की ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलेगा। मोदी सरकार की क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के तहत एमआईजी-1 कैटिगरी के खरीदारों को 2.35 लाख रुपये और एमआईजी-2 कैटिगरी के घर खरीदारों को 2.30 लाख रुपये की सब्सिडी का सीधा फायदा मिलता है।

मोदी सरकार ने ‘सबको घर’ के लिए बनाई ठोस कार्ययोजना
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर के प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के साथ एप के माध्यम से बातचीत की थी और उनके अनुभव सुने थे। बातचीत के दौरान लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रमीण और शहरी की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की थी। जाहिर है कि आजादी के इतने वर्षों बाद देश को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है, जिसने गरीबों और वंचितों की परेशानियों और जरूरतों को न सिर्फ समझा है, बल्कि उसके लिए ठोस कदम भी उठाए हैं। आजादी के बाद से देश में पहले भी कई सरकारें आईं, गरीबों का जीवनस्तर सुधारने के वादे किए, लेकिन धरातल पर किया कुछ भी नहीं। मोदी सरकार ने इंसान की सबसे बड़ी जरूरत, जिंदगी के सबसे बड़े सपने यानि अपना घर, को पूरा करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई है और उस पर गंभीरता के साथ अमल भी किया जा रहा है। आज देशभर में प्रधानमंत्री आवास योजना के डेढ़ करोड़ से अधिक लाभार्थियों के चेहरों पर जो उमंग, उत्साह, खुशी नजर आ रही है, वह मोदी सरकार के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है।

2022 तक 4 करोड़ मकान बनाने का संकल्प
आवास योजना के लाभार्थियों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हर व्यक्ति के मन में इच्छ होती है कि उसका खुद का मकान हो। इसलिए सरकार ने संकल्प लिया है कि जब 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होंगे तब हिंदुस्तान के हर गरीब के पास अपना पक्का घर होगा। सिर्फ घर ही नहीं उसमें बिजली, नल, जल, गैस का चूल्हा और शौचालय भी हो। श्री मोदी ने कहा कि चुनौती बहुत बढ़ी है, इसलिए सरकार ने टुकड़ों में सोचने के बजाए मिशन मोड में काम करने का संकल्प लिया है। सरकार ने 2022 तक ग्रामीण क्षेत्र में 3 करोड़ और शहरी क्षेत्र में 1 करोड़ घर बनाने का संकल्प लिया है।

पीएम मोदी ने कहा, भारत के सपने और आकांक्षाएं इतने भर से ही पूरे नहीं होते हैं, हमने एक मजबूत जमीन तैयार की है और हमारे सामने एक असीम आसमान है। सबके लिए घर, सबके लिए बिजली, सबके लिए बैंक, सबके लिए बीमा, सबके लिए गैस कनेक्शन, ये न्यू इंडिया की संपूर्णता की तस्वीर होगी। आधुनिक सुविधाओं से जुड़े गांव और स्मार्ट सिटीज की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि अपना घर होने से समृद्धि और सुरक्षा बढ़ती है। पहले कहावत थी, “एक जिंदगी बीत जाती है अपना घर बनाने में “,पर हमारी सरकार इस कहावत को भी बदल रही है। अब कहा जाने लगा है, “अब जिंदगी बीतती है अपने ही आशियाने में।”

पिछली सरकार की तुलना में 4 गुना मकानों को मंजूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकार ने गरीबों को घर दिलाने की दिशा में गंभीरता से काम नहीं किया। यूपीए सरकार के 10 वर्षों में जितने मकानों के निर्माण को मंजूरी मिली थी, पिछले 4 वर्षों में केंद्र सरकार ने उससे चार गुना मकानों के निर्माण की मंजूरी दी है। यूपीए सरकार ने 10 वर्षों में शहरों में 13.5 लाख आवास मंजूर किए थे, वहीं एनडीए सरकार ने 4 वर्षों में 47 लाख से अधिक घरों के निर्माण को मंजूरी दी है। इनमें से 7 लाख घर नई तकनीकि से बनाए जा रहे हैं।

कम समय में बड़ा घर बनाकर दे रही है सरकार
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि यूपीए सरकार ने अपने अंतिम चार वर्षों में 25.5 लाख ग्रामीण आवास बनाए थे, जबकि एनडीए सरकार ने चार वर्षों में 1 करोड़ से अधिक घरों का निर्माण किया, यानि 325 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज की है। पहले मकान बनाने के लिए 18 महीने का वक्त तया था, जिसे घटा कर 12 महीने कर दिया गया है। पहले गांवों में 20 वर्ग मीटर में घर बनाया जाता था, जिसे एनडीए सरकार ने बढ़ाकर 25 वर्ग मीटर कर दिया है। अब घरों में रसोईघर अलग से बनाया जाता है। पहले आवास बनाने के लिए 70-75 हजार रुपये की सहायता दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है। इतना ही नहीं शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपये अलग से दिए जाते हैं।

केंद्र सरकार ने आवास योजना के बिचौलियों को दूर किया है और डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि सीधे लाभार्तियों के खातों में ट्रांसफर की जाती है। घरों के निर्माण की निगगरानी के लिए जियो टैगिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

आवास योजना में महिलाओं और कमजोर वर्गों पर फोकस
श्री मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का फोकस विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों और महिलाओं पर केंद्रित किया गया है। यह योजना महिला सशक्तिकरण का माध्यम भी नहीं है, शहरों में 70 प्रतिशत से अधिक मकान महिलाओं के नाम पर हैं। आवास योजना के सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया है, जैसे निर्माण के लिए मनरेगा, शौचालय के लिए स्वच्छ भारत मिशन, बिजली की सुविधा के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना, एलपीजी के लिए उज्ज्वला योजना से जोड़ा गया है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों को ब्याज पर भी 3 से 6 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि अगर कोई इस योजना के तहत घर बनाने के लिए पैसे की मांग करे, तो बेहिचक इसकी शिकायत कलेक्टर या म्युनिस्पिल कमिश्नर से करें।

 

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