Home विशेष पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए समर्पित है मोदी सरकार

पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए समर्पित है मोदी सरकार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिजोरम में 60 मेगावॉट की ट्युरिअल जल विद्युत परियोजना राष्ट्र को समर्पित किया । 1302 करोड़ रुपए की लागत की यह परियोजना मिजोरम में स्थापित सबसे बड़ी परियोजना है। इससे उत्पादित बिजली राज्य को दी जाएगी। इससे राज्य का संपूर्ण विकास और केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी और प्रमुख कार्यक्रम “सभी को सातों दिन चौबीसों घंटे किफायती स्वच्छ ऊर्जा” के लक्ष्य को पूर्ण किया जा सकेगा। परियोजना से अतिरिक्त 60 मेगावाट बिजली प्राप्‍त होने के साथ ही मिजोरम राज्य अब सिक्किम और त्रिपुरा के बाद पूर्वोत्‍तर भारत का तीसरा बिजली सरप्लस वाला राज्य बन जाएगा।

पूर्वोत्तर राज्य के विकास के लिए यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के एक्ट इस्ट पॉलिसी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालांकि यह कोई पहली परियोजना नहीं है। इससे पहले भी पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के लिए मोदी सरकार कई परियोजनाओं को पूरा कर चुकी है या उस पर तेजी से काम हो रहा है। उसकी एक झलक –

पूर्वोत्तर की अर्थक्रांति का आधार भूपेन हजारिका पुल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई, 2017 को असम के ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक लोहित नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया। पीएम ने इस पुल का नाम विश्व प्रसिद्ध लोकगायक भूपेन हजारिका सेतु रखने की घोषणा की थी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह बात निश्चित है कि स्थायी रूप से विकास को गति देनी है तो मूलभूत ढांचा पहली शर्त है। इस पुल की महत्ता को बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह पुल न सिर्फ असम और अरुणाचल को जोड़ने की कड़ी के रूप में काम करेगा बल्कि यह पूरे पूर्वोत्तर की अर्थक्रांति का आधार बनेगा।

भूपेन हजारिका ब्रिज की विशेषता
असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाले 9.15 किलोमीटर लंबे पुल के बन जाने से दोनों प्रदेशों के बीच की यात्रा का समय छह घंटे से कम होकर मात्र एक घंटा रह गया है। इस पुल पर सेना का 60 टन वजनी टैंक भी गुजर सकता है। यह पुल रिएक्टर स्केल पर 8.0 की तीव्रता वाला भूकंप भी झेल सकता है। देश का यह सबसे लंबा पुल है जो 182 खंभों पर टिका है। इस पुल के चालू होने से असम और अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग के लिए संपर्क सुनिश्चित हो गया है। इससे रोजाना लगभग 10 लाख रुपए की पेट्रोल और डीजल की बचत होने लगी है। अभी तक यहां ब्रह्मपुत्र नदी को पार करने के लिए केवल दिन के समय नौका का ही उपयोग किया जाता था और बाढ़ के दौरान यह भी संभव नहीं होता था।

विनाशकारी बाढ़ से मुक्ति के लिए शोध परियोजना
प्रधानमंत्री ने ब्रह्मपुत्र और विनाशकारी बाढ़ में उसकी भूमिका का अध्ययन करने के लिए एक शोध परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने की घोषणा की है। इस परियोजना के लिये एक उच्चाधिकार समिति होगी, जिसमें वैज्ञानिक, शोधकर्ता, इंजीनियर शामिल होंगे। वे नदी के बारे में अध्ययन करेंगे और बाढ़ से निपटने के उपाय सुझाएंगे। यह दीर्घकालिक परियोजना होगी। 

पूर्वोत्तर राज्य को विशेष पैकेज
केंद्र सरकार स्वयं सहायता समूहों, विशेषकर महिला स्वयं सहायता समूहों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। दिसंबर 2015 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक विशेष पैकेज की मंजूरी दी। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के क्रियान्वयन को रफ्तार देना है, जिसके अंतर्गत 2023-24 तक पूर्वोत्तर राज्यों के दो-तिहाई ग्रामीण परिवारों को कवर करने का लक्ष्य है।

मेघालय में फुटबॉल स्टेडियम
मेघालय में मिशन फुटबॉल का उद्देश्य जमीनी स्तर की प्रतिभाओं को सामने लाना और उन्हें निखारने व बच्चों और युवाओं को पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी के तौर पर सामने लाना है। इसमें केंद्र सरकार का पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय मदद कर रहा है। इस मंत्रालय के सहयोग से मेघालय में 38 करोड़ रुपये की लागत से फुटबॉल स्टेडियम बनाया गया है।

डॉपलर वेदर रडार से पूर्वोत्तर क्षेत्र को विशेष रूप से फायदा
दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश चेरापूंजी में होती है। चेरापूंजी में 27 मई, 2017 को पीएम मोदी ने डॉपलर वेदर रडार को राष्ट्र के नाम समर्पित किया। इस रडार प्रणाली से विशेषकर पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बेहतर मौसम अनुमान जारी करना संभव होगा। इससे खराब मौसम से होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने में मदद मिलेगी, क्योंकि सौंदर्य और रोमांच की इस धरती को भारी बारिश और भूस्खलन के कारण तमाम प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है। 

रेल नेटवर्क पर अब तक 10 हजार करोड़ से अधिक का काम
केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ पर तेजी से काम हो रहा है। पीएम मानते भी हैं कि पूर्वोत्तर क्षेत्र दक्षिण पूर्व एशिया का द्वार है। मोदी सरकार अब तक पूर्वोत्तर में रेल नेटवर्क के विकास पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। इस वित्तीय वर्ष में रेलवे मंत्रालय की योजना 5 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की है।

रेल नेटवर्क से जुड़े पूर्वोत्तर राज्य
नवंबर, 2014 में मेघालय और अरुणाचल प्रदेश भारत के रेल मानचित्र पर आ चुके थे। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला को इसी साल ब्रॉड गेज रेलवे लाइन से जोड़ा गया। अब मणिपुर और मिजोरम जैसे राज्यों को भी ब्रॉड गेज यात्री ट्रेनों से जोड़ने का काम तेजी से हो रहा है।

An Aerial view of the Dhola-Sadiya bridge across River Brahmaputra, inaugurated by the Prime Minister, Shri Narendra Modi, in Assam on May 26, 2017.

पूर्वोत्तर के राजमार्ग के विकास के लिए विशेष निगम
पूर्वोत्तर क्षेत्र में राजमार्गों के विकास के लिए एक विशेष निगम ‘राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम’ की स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य क्षत्र के हर जिले को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ना है। यह निगम ब्रह्मपुत्र नदी पर तीन नए पुलों का निर्माण कर रहा है। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में 34 सड़क परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसमें 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से 1,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो रहा है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र को मिलेगा 19 राष्ट्रीय जलमार्ग
केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में 19 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में विकसित करने की घोषणा की है।

सिक्किम जैविक राज्य घोषित
पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारत की जैविक फूड बास्केट बनने की तमाम संभावनाएं हैं। इससे किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सिक्किम को देश का पहला जैविक राज्य घोषित किया है। दूसरे पूर्वोत्तर राज्य को सिक्किम से सीखने की आवश्यकता है।

ऊर्जा के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए कटिबद्ध
पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्य को 24 घंटे बिजली मिले। इसके लिए नरेन्द्र मोदी की सरकार आगे बढ़कर काम कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र में भारी निवेश कर रही है। पूरे आठ पूर्वोत्तर राज्यों में बिजली के लिए दो बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिन पर 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। 

दूरसंचार के लिए केंद्र की विशेष योजना
पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मोदी सरकार 5,300 करोड़ रुपये की लागत से एक व्यापक दूरसंचार योजना लागू कर रही है। अगरतला बांग्लादेश के कॉक्स बाजार के माध्‍यम से अंतरराष्ट्रीय गेटवे से जुड़ने वाला देश का तीसरा शहर है। इससे जहां दूरसंचार संपर्क में सुधार हुआ है, वहीं क्षेत्र के आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी।

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