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मोदी सरकार: फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयमेंट का रास्ता साफ, छंटनी से पहले देनी होगी जानकारी

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मोदी कैबिनेट ने लेबर कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशन 2019 को मंजूरी दी है, इससे अब कंपनियां निश्चित समय के लिए पर कर्मचारियों को नौकरी पर रख सकेंगी। वहीं किसी कंपनी में यदि 100 या इससे ज्यादा कर्मचारी हैं, तो कंपनी को छंटनी से पहले सरकार से पूछना पड़ेगा। इस नए कोड में 100 कर्मचारियों की सीमा बरकरार रखने के साथ एक नया प्रोविजन भी जोड़ा है।जिसमें कंपनी नोटिफिकेशन के जरिए 100 कर्मचारियों की सीमा को घटा और बढ़ा सकती है।

समझे फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयमेंट को

फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयमेंट के तहत कर्मचारियों को किसी भी अवधि के लिए काम पर रखा जा सकता है, जो कंपनी की जरूरत पर निर्भर होगा। यदि सीजन या अन्य समय पर अचानक कंपनियों को ऑर्डर मिलने पर कर्मचारियों की जरूरत हो तो वह तीन महीने या छह महीने के लिए कर्मचारियों को काम पर रख सकती है।


शीतकालीन सत्र में पास होने की है उम्मीद

इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। कैबिनेट की मीटिंग के बाद निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि इस बिल का मतलब है कि कर्मचारियों को सिर्फ 6 महीने के लिए भी नौकरी के लिए रखा जा सकता है, हालांकि इस दौरान सभी कर्मचारियों को एक समान अधिकार रहेंगे।” साथ ही मीचिंग में श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि उन्होंने ट्रेड यूनियन के साथ बातचीत में काफी वक्त बिताया और कोड मे दो सदस्यीय ट्राइब्यूनल बनाने का प्रावधान भी है। सरकार ने पिछले साल ही सभी सेक्टर के लिए फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयमेंट की अनुमति दे दी थी। अब संसद से इसे मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।

 

मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की वजह से देश में रोजगार के करोड़ों मौके पैदा हुए हैं। आइए एक नजर डालते हैं रोजगार सृजन पर-

फेस्टिव सीजन में लाखों लोगों को मिला रोजगार

अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मोदी सरकार ने हाल में कई सूत्री राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसमें मुख्य था कॉरपोरेट कर में छूट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉरपोरेट टैक्‍स में इस छूट को ‘ऐतिहासिक कदम’ करार देते हुए कहा था कि इससे ‘मेक इन इंडिया’ में बड़ा उछाल आने के साथ ही निवेश भी आकर्षित होगा। निजी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी एवं रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पीएम मोदी की यह उम्मीद सही साबित हो रही है। इस टैक्स छूट से बाजार में आई बहार के बाद रोजगार क्षेत्र से भी एक राहत भरी खबर आई है। ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनियों की फेस्टिव सीजन की सेल शुरू होने जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इस सेल से पहले ही करीब 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिला है।

हेल्थकेयर सेक्टर में अगले साल तक 4 करोड़ नौकरियां

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि भारत में हेल्थकेयर क्षेत्र में अगले साल तक 4 करोड़ नौकरियां पैदा होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग 2022 तक 3 गुना बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय चिकित्सा उपकरणों का बाजार 2025 तक 50 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल भारत दुनिया के शीर्ष 20 चिकित्सा उपकरणों के बाजार में शामिल है। जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया में चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरणों का बाजार है। साफ है कारोबार और बाजार बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेंगे।

एग्रीटेक सेक्टर्स में मिलेंगे 90 लाख जॉब्स
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 तक एग्रीटेक सेक्टर 90 लाख लोगों को रोजगार देगा। देश में एग्रीटेक सेक्टर काफी तेजी से विकास कर रहा है। इस सेक्टर में 450 स्टार्टअप हैं। दुनिया का हर 9वां एग्रीटेक स्टार्टअप भारत से उभर रहा है। आईटी इंडस्ट्री बॉडी नैस्कॉम की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में एग्रीटेक स्टार्टअप की सालाना ग्रोथ रेट 25% है। एग्रीटेक स्टार्पअप को इस साल की पहली छमाही में मिली फंडिंग पिछले साल की पहली छमाही के मुकाबले 300% ज्यादा है।नैसकॉम के मुताबिक, एग्रीटेक कंपनियों को जून 2019 तक 248 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली जो 2018 में सिर्फ 73 मिलियन डॉलर थी। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत शीर्ष 5 देशों में है। पिछले 5 साल में 5 ग्लोबल एग्रीटेक कंपनियों ने भारत में बिजनेस शुरू किया है। इससे युवाओं के पास रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 तक एग्रीटेक सेक्टर में 90 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

आईटी उद्योग में रिकॉर्ड संख्या में कर्मचारियों की भर्ती
मोदी सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के मोर्चे पर गंभीरता से काम किया है। लगभग सभी सेक्टरों में युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरियां मिल रही हैं। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आईटी सेक्टर में रिकॉर्ड संख्या में भर्तियां की गई हैं। अप्रैल से जून की तिमाही में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में रिकॉर्ड 85,000 नई नौकरियां दी गई हैं। पिछले छह साल में यह आईटी इंडस्ट्री द्वारा किसी एक तिमाही में दी गई सबसे ज्यादा नौकरियां हैं। इक्विटी रिसर्च फर्म सीएलएसए की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, अमेरिका में एच-1बी वीजा नियमों में सख्ती की वजह से अब आईटी कंपनियां घरेलू दफ्तरों में भर्ती बढ़ाने को मजबूर हुई हैं। जानकारों का कहना है कि आईटी कंपनियों को आगे मांग काफी मजबूत रहने की उम्मीद है, इसलिए वे भर्ती में तेजी ला रही हैं। ऑनसाइट लोकेशन यानी कंपनी के अपने दफ्तरों और इन-हाउस प्रोजेक्ट में काम करने वाले कर्मचारियों की भर्ती बड़ी संख्या में हुई है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने करीब 12,356 कर्मचारियों की भर्ती की है, जो पिछले पांच साल में किसी एक तिमाही में कंपनी द्वारा की गई सबसे ज्यादा भर्ती है। इसी प्रकार, विप्रो ने पहली तिमाही में 3425, नोएडा स्थित कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने 5935 और इन्फोसिस ने करीब 8000 लोगों को नौकरियां दी हैं।

स्किल डेवलपमेंट के तहत हर साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण 
15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना स्किल डेवलपमेंट मिशन ने युवाओं की किस्मत बदलने का काम किया है। Skill Development के लिए युवाओं को घर से अधिक दूर नहीं जाना पड़े इसके लिए पूरे देश में 13,000 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया। इन केंद्रों से प्रत्येक साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि खुद रोजगार पाने के साथ ही दूसरे को भी रोजगार दे सके। 

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: जॉब सीकर नहीं जॉब क्रिएटर बन रहे हैं युवा
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। इस योजना के तहत वर्ष 2015-16 से अब तक अपना कारोबार शुरू करने के लिए 21 करोड़ से ज्यादा लोगों को बिना गारंटी का ऋण दिया गया है। इस योजना के लाभार्थियों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, यानि महिलाओं की आर्थिक उन्नति में भी यह योजना क्रांतिकारी साबित हुई है। मुद्रा लोन लेने वाले 21 करोड़ लोगों में से 3 करोड़ लोगों ने भी अगर एक व्यक्ति को रोजगार दिया तो सीधे तौर पर छह करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलता है। इस योजना से महिलाओं को ही नहीं, सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों को फायदा मिल रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी की आयुष्मान योजना देगी 10 लाख रोजगार
पीएम नरेन्द्र मोदी की दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना से अब रोजगार भी मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से पांच साल में करीब 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मोदी सरकार अब सरकारी और निजी अस्पतालों में सीधे तौर पर एक लाख आयुष्मान मित्र तैनात करेगी, इन आयुष्मान मित्रों को 15 हजार रुपए महीना का वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही आयुष्मान मित्रों को हर लाभार्थी पर 50 रुपए का इंसेंटिव भी मिलेगा। योजना लागू होने के बाद डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, टेक्नीशियन जैसे अन्य पदों पर भी नौकरियों के अवसर बनेंगे। इस योजना से देशभर के 20 हजार अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है।

एमएसएमई क्षेत्र में एक करोड़ रोजगार के अवसर
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनआरआई कंसल्टिंग एंड साल्यूशंस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है। 

मोदी राज में पर्यटन के क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार देने वाला देश है भारत
केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अल्फोंस कन्नमथानम ने बताया कि भारत विश्व में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार देने वाला देश है। उन्होंने कहा कि भारत पर्यटन के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता है। जिन लोगों को रोजगार मिला है, उनमें ज्यादातर गरीब हैं। अल्फोंस ने कहा कि भारत में करीब 8.21 करोड़ लोगों को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है। विदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने अमेरीका, यूरोप, चीन सहित देशों में कई अभियान चलाए हैं, जिससे भारत विदेशी पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह बनता जा रहा है।

मेक इन इंडिया’ से 2020 तक 10 करोड़ रोजगार 
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ योजना की शुरुआत की थी। यह योजना रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने की ताकत रखती है। ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।

 

 

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