Home चार साल बेमिसाल पहली बार घर खरीदने वालों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत

पहली बार घर खरीदने वालों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत

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घर खरीदने की लालसा रखने वाली शहरी जनता को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है। पहली बार घर खरीदने के लिए होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली सब्सिडी स्कीम को सरकार ने मार्च 2020 तक जारी रखने का निर्णय किया है। इस योजना से उन लोगों को फायदा मिलता है जिनकी सालाना आय 6 लाख से 18 लाख रुपये तक होती है। सरकार के इस फैसले से पहली बार घर खरीदने वालों को 2.4 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी, जिसका वे मकान की बुकिंग, कंस्ट्रक्शन या फ्लैट रिपरचेज में इस्तेमाल कर सकेंगे। 

सरकार ने आसान की ब्याज की शर्तें

सरकार ने रियल एस्टेट मार्केट में तेजी लाने और साल 2022 तक सभी को पक्का मकान देने का लक्ष्य पूरा करने के लिए सब्सिडी के दो स्लैब्स बना दिए हैं। दोनों स्लैब्स मौजूदा 15 साल की जगह अब 20 साल की अवधि तक के आवास ऋणों पर लागू होंगे। 31 दिसंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो सब्सिडी स्कीम्स की घोषणा की थी, लेकिन उन पर विस्तार से जानकारी अब दी गई है। नई योजना के तहत घर खरीदार को उनकी आय के आधार पर तय दर से सब्सिडी मिलेगी। अगर आपकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये से कम है तो 6 लाख रुपये तक के लोन के ब्याज पर 6.5 फीसदी की दर से सब्सिडी दी जाएगी। अगर आपने 9 फीसदी की ब्याज दर पर 20 लाख रुपये होम लोन लिया है तो आपको 6 लाख रुपये पर सिर्फ 2.5 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। बाकी 14 लाख रुपये पर 9 फीसदी का ही ब्याज चुकाना होगा।

कितनी मिलेगी सब्सिडी

अगर आपकी कमाई 12 लाख रुपये तक की सालाना है तो सरकार आपको 4 फीसदी की सब्सिडी देगी। 18 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वालों को 12 लाख रुपये तक के होम लोन के ब्याज पर 3 फीसदी की छूट मिलेगी। अगर 9 फीसदी की ब्याज दर पर लोन लिया जाए, तो तीनों कैटिगरीज की सब्सिडी से 20 साल के लोन पर अमूमन 2 लाख 40 हजार का फायदा होगा और लोन रीपेमेंट की मासिक किस्त में 2200 रुपया कम हो जाएगा। अच्छी बात यह है कि यह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होम लोन के ब्याज पर मिल रही यह सब्सिडी इनकम टैक्स में छूट के अलावा है। अगर आप सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा कमाते हैं तो होम लोन पर आपको कुल यानी ब्याज पर सब्सिडी और इनकम टैक्स में छूट को जोड़कर 61,800 रुपये सालाना तक का फायदा हो सकता है।

हुडको और नेशनल हाऊसिंग बोर्ड देगा सब्सिडी

नेशनल हाऊसिंग बैंक- NHB- और हुडको पर सब्सिडी स्कीम्स को लागू करने की जिम्मेदारी है। कम आय वर्ग वालों को सब्सिडी देने की योजना के तहत सरकार ने अब तक पहली बार घर खरीदने वाले 18000 लोगों को कुल 310 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दे चुकी है।        

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने का वादा किया है। एक नजर डालते हैं पिछले कुछ समय में हर परिवार को घर देने की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदमों पर।   

2022 तक सभी के लिए मकान सुनिश्चित करने के लक्ष्य को लेकर 25 जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) शुरू की गई थी। केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 3.10 लाख और सस्ते मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है। नई दिल्‍ली में 27 दिसंबर को केन्‍द्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने पीएमएवाई (शहरी) के तहत शहरों में रहने वाले गरीबों के लिए 3,10,597 और किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मंजूर मकानों की संख्‍या 68,54,126 हो गई है।

बैठक में उत्तर प्रदेश के लिए 1,08,135 घर स्‍वीकृत किए गए हैं, जबकि कर्नाटक के लिए 1,05,502 सस्‍ते मकान स्‍वीकृत किए गए हैं। आंध्र प्रदेश के लिए स्वीकृत मकानों की संख्या 57,433 हैं, जबकि ओडिशा के लिए 21,894 मकान और गुजरात 17,633 मकान स्वीकृत किए गए हैं। इन परियोजनाओं की लागत 14,662 करोड़ रुपये है जिसमें केंद्रीय सहायता 4658 करोड़ रुपये की होगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना को मिली बड़ी कामयाबी

साल 2015 में शुरू होने के बाद से ही प्रधानमंत्री आवास योजना को बड़ी कामयाबी मिली है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत अब तक 68.5 लाख घरों को मंजूरी मिल चुकी है। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को भी 20 नवंबर 2016 को लांच किया गया और 21 मार्च, 2018 तक 34.99 लाख घरों का निर्माण पूरा किया जा चुका था। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत इस वर्ष 2018 के माह दिसंबर खत्म होते-होते एक करोड़ पक्के मकान बन जाएंगे हालांकि योजना के लॉन्चिंग के समय एक करोड़ मकान बनाने की समय सीमा मार्च 2019 रखी गई थी।

सस्ते मकान क्षेत्र में जबरदस्त तेजी

प्रधानमंत्री आवास योजना पीपीपी मोड के आधार पर चल रही है। ऐसा अनुमान है कि इस कारण सस्ते आवासीय क्षेत्र में जबरदस्त तेजी आने वाली है। कई हाउसिंग कंपनियों के अनुसार ग्राहकों का जबरदस्त आकर्षण दिख रहा है। पीएमएवाई के तहत केंद्र सरकार ने मध्यम आयवर्ग के लोगों के लिए दो नई योजनाएं शुरू की। इन योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज में 4 फीसदी और 12 लाख रुपये के आवास ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी छूट दी गई है।

गुणवत्तापूर्ण मकानों के लिए राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम 

इतना ही नहीं, गुणवत्तापूर्ण आवास के निर्माण के लिए प्रशिक्षित राजमिस्त्री की आवश्यकता होती है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम 11 राज्यों में शुरू किए गए हैं। अब तक 25 हजार प्रशिक्षुओं ने इस कार्यक्रम में अपना नामांकन कराया जिसमें से 12,500 प्रशिक्षुओं की ट्रैनिंग पूरी हो गई, उन्हें प्रमाणपत्र भी मिल गया है। मार्च, 2019 तक एक लाख ग्रामीण राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले आवासों का निर्माण संभव होगा। साथ ही देश में कुशल कारिगरों की संख्या बढ़ेगी। प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे।

मकानों के 168 प्रकार के डिजाइन

जो भी मकान बनें, वह गरीब को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए हों, इसको ध्यान में रखते हुए यूएनडीपी-आईआईटी दिल्ली ने आवासों के विभिन्न डिजाइन तैयार किए हैं। 15 राज्यों के लिए स्थानीय जलवायु और स्थानीय निर्माण सामग्री को ध्यान में रखते हुए बने। इसके लिए इस योजना के तहत 168 प्रकार के डिजाइन को सरकार ने मंजूरी दी है। इन डिजाइनों में से कोई भी डिजाइन प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी चुन सकते हैं और मकान बनवा सकते हैं। इन आवास डिजाइनों को केन्द्रीय आवास शोध संस्थान, रुडकी ने भी मंजूरी दी है। इन आवास डिजाइनों में लागत कम आती है तथा ये आपदा प्रतिरोधी भी हैं। पीएमएवाई के तहत बनने वाले प्रत्येक पक्के घर में शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली आपूर्ति, पेयजल आपूर्ति आदि सुविधाओं से ग्रामीण भारत की तस्वीर बहुत तेजी से बदल रही है।

कम समय में बड़ा घर बनाकर दे रही है सरकार

यूपीए सरकार ने अपने अंतिम चार वर्षों में 25.5 लाख ग्रामीण आवास बनाए थे, जबकि एनडीए सरकार ने चार वर्षों में 1 करोड़ से अधिक घरों का निर्माण किया, यानि 325 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज की है। पहले मकान बनाने के लिए 18 महीने का वक्त तया था, जिसे घटा कर 12 महीने कर दिया गया है। पहले गांवों में 20 वर्ग मीटर में घर बनाया जाता था, जिसे एनडीए सरकार ने बढ़ाकर 25 वर्ग मीटर कर दिया है। अब घरों में रसोईघर अलग से बनाया जाता है। पहले आवास बनाने के लिए 70-75 हजार रुपये की सहायता दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है। इतना ही नहीं शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपये अलग से दिए जाते हैं। केंद्र सरकार ने आवास योजना के बिचौलियों को दूर किया है और डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि सीधे लाभार्तियों के खातों में ट्रांसफर की जाती है। घरों के निर्माण की निगगरानी के लिए जियो टैगिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।   

आवास योजना में महिलाओं और कमजोर वर्गों पर फोकस

प्रधानमंत्री आवास योजना का फोकस विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों और महिलाओं पर केंद्रित किया गया है। यह योजना महिला सशक्तीकरण का माध्यम भी है, शहरों में 70 प्रतिशत से अधिक मकान महिलाओं के नाम पर हैं। आवास योजना को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया है, जैसे निर्माण के लिए मनरेगा, शौचालय के लिए स्वच्छ भारत मिशन, बिजली की सुविधा के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना, एलपीजी के लिए उज्ज्वला योजना से जोड़ा गया। 

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