Home नरेंद्र मोदी विशेष गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के गुरुओं से मिलिए

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के गुरुओं से मिलिए

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक और कूटनीतिक व्यक्तित्व से तो पूरी दुनिया परिचित है, लेकिन आज हम यहां उनके आध्यात्मिक जुड़ाव से आपका परिचय करा रहे हैं। हम यहां उन चार आध्यात्मिक गुरुओं का जिक्र कर रहे हैं, जिनसे प्रधानमंत्री बहुत अधिक प्रभावित रहे हैं और जीवन के हर अहम पर मोड़ पर जिन्होंने मोदी जी का मार्गदर्शन किया है। शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को शुभकामनाएं भी दी हैं:

स्वामी दयानंद गिरि
ऋषिकेष में दयानंद सरस्वती आश्रम और कोयंबटूर में अर्श विद्या गुरुकुलम के शिक्षक रहे स्वामी दयानंद गिरी का मोदी जी के जीवन पर गहरा प्रभाव रहा है। वेदांत और संस्कृत परंपरा के विद्वान स्वामी दयानंद जब तक जीवित रहे मोदी जी अपने गुरु की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे। प्रधानमंत्री मोदी, स्वामी जी के देहांत तक लगातार उनका मार्गदर्शन प्राप्त करते रहते थे। जब मोदी जी के प्रभाव से संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पास किया तो उनके गुरु ने भी उन्हें बधाई दी थी।

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स्वामी आत्मस्थानंद महाराज
बेलूरमठ स्थित रामकृष्ण मठ और मिशन के प्रमुख स्वामी आत्मस्थानंद महाराज भी प्रधानमंत्री मोदी के आध्यात्मिक गुरु थे। किशोरावस्था में संन्यासी बनने की इच्छा लेकर मोदी जी बेलूरमठ पहुंचे थे। लेकिन, स्वामी आत्मस्थानंद जी ने उनके अनुरोध को यह कहकर खारिज कर दिया था कि उनकी आवश्यकता मठ में नहीं, कहीं और है। प्रधानमंत्री जी जब मई, 2015 में कोलकाता गए थे तब भी उन्होंने अस्पताल जाकर अपने गुरु का आशीर्वाद लिया था और उनके स्वास्थ्य का हाल जाना था, जो तब लंबी बीमारी की वजह से वहां भर्ती थे।

स्वामी महाराज
बोचासणवासी अक्षरपुरुषोत्तम संस्थान (BAPS) के प्रमुख स्वामी महाराज को प्रधानमंत्री मोदी अपना संरक्षक मानते थे। यही कारण है कि जब 2016 में उनके अंतिम दर्शन के लिए गुजरात के सारंगपुर पहुंचे तो बहुत ही भावुक हो उठे। इस अवसर पर मोदी जी ने कहा था, वह उनके साथ अपने पारस्‍परिक संबंधों को कभी नहीं भूल पाएंगे और उनकी कमी हमेशा महसूस करेंगे।

दादा जे पी वासवानी
साधु वासवानी मिशन के प्रमुख एवं आध्यात्मिक गुरु दादा जे पी वासवानी को प्रधानमंत्री मोदी अपना मार्गदर्शक मानते हैं। उनका इसी महीने 99 वर्ष की अवस्था में देहांत हुआ है। प्रधानमंत्री का कहना है कि उनके आशीर्वाद से उन्हें हमेशा साहस मिला है। उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मोदी जी ने लिखा था:

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