क्या पूर्व जज मार्कण्डेय काटजू सिर मुंडवाने जा रहे हैं? पंजाब चुनाव के समय उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि पंजाब में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिलेगी। अकाली दल को दस से कम, कांग्रेस को 20 से कम और आम आदमी पार्टी को 80 से 90 के बीच सीटें मिलेंगी। उन्होंने ट्वीट पर यह भी लिखा कि अगर यह गलत निकला तो मैं अपना सिर मुंडवा लूंगा।
PUNJAB
BJP = 0
Akali < 10 seats
Congress < 20 Seats
AAP > 80-90+
If this prediction is wrong, I am going to shave my head— Markandey Katju (@katjuPCI) February 3, 2017
काटजू जी बड़े लोग हैं। इनके लिए किसी से किया गया वायदा काफी महत्व रखता है। तो सवाल उठता है कि क्या वो अपना सिर मुंडवाएंगे?
वैसे मार्कण्डेय काटजू इसके पहले भी कई बार बेतुके बोल से सुर्खियों में रह चुके हैं। रविन्द्र नाथ टैगोर को अंग्रेजों और सुभाष चंद्र बोस को जापान का पिट्ठू बताने पर काटजू के खिलाफ संसद में प्रस्ताव पारित हो चुका है। आइए आपको इनके कुछ अनर्गल बयानों को आपको याद दिलाते हैं-
नोटबंदी पीएम की सनक
नोटबंदी पर जस्टिस काटजू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इसे सनकी आदेश बताया और वापस लेने की मांग की। नोटबंदी के कारण देश ही नहीं पाकिस्तान में बैठे हवाला कारोबारी आत्महत्या कर रहे थे, आतंकी नेटवर्क कमजोर हो रहा था, कश्मीर में पत्थरबाजी बंद हो गयी थी- तब काटजू कह रहे थे कि इस कदम से देश में हवाला कारोबार बढ़ जाएगा। इसके साथ ही जब देश में सब्जी से लेकर दूसरी तमाम चीजों के दाम घट रहे थे, तब जस्टिस काटजू आशंका जता रहे थे कि बाजार में महंगाई और मुद्रास्फीति बढ़ जाएगी।
कैशलेस और डिजिटल इंडिया की सोच मूर्खतापूर्ण
जब समूचा देश डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा था। दुनियाभर में इसकी सराहना हो रही थी, तब जस्टिस काटजू के सुर अलग थे। उन्होंने 8 जनवरी 2017 को अपने फेसबुक वॉल पर लिखा- ‘भारत अमेरिका और यूरोप की तरह विकसित नहीं है। इसलिए ये सोचना मूर्खतापूर्ण है कि इसे रातों-रात डिजिटल इकोनॉमी में बदल दिया जाए।’
सर्जिकल स्ट्राइक ‘सोते हुए को थप्पड़’
जस्टिस काटजू ने आईआईटी कानपुर के मेगा फेस्ट में सर्जिकल स्ट्राइक की तुलना सोते हुए इंसान पर तमाचा जड़ने से कर दी। काटजू ने कहा-सर्जिकल स्ट्राखइक कुछ इस तरह का था मानो किसी सोते हुए पर थप्पड़ जड़ दिया गया हो। सुपर पावर चीन पाकिस्तान के साथ है और हथियारों की सप्लाई कर रहा है। युद्ध को निंमंत्रण देना भारत को महंगा पड़ सकता है।
गांधी ब्रिटिश एजेंट, नरेन्द्र मोदी फ्रॉड
जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने महात्मा गांधी को ब्रिटिश एजेंट बताते हुए नरेन्द्र मोदी को फ्रॉड तक करार दिया। ऐसा उन्होंने गुजरातियों पर निशाना साधते हुए कहा। अंग्रेजी में उनकी तुकबंदी का हिन्दी रूपांतरण कुछ इस तरह से है- ‘गुज्जू भाई धंधे में चतुर होते हैं। वे सोचते हैं कि वे कारोबार के सारे फंडे जानते हैं। लेकिन ब्रिटिश एजेंट जिन्ना और गांधी ने उड़ाई थी देश के बंटवारे की आंधी और अब यह फ्रॉड नरेन्द्र मोदी डंडे के साथ आया है।’
भारत-पाक एक हों या फिर कश्मीर पाक को दो
कश्मीर की समस्या का समाधान किसी के पास हो या नहीं हो, लेकिन काटजू साहब के पास है। टू नेशन थ्योरी के खिलाफ हैं काटजू, पर इस सिद्धांत को कश्मीर समस्या के हल के रूप में इस तरह से पेश करते हैं कि या तो भारत और पाकिस्तान एक हो जाएं- कश्मीर की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। अगर, ऐसा नहीं हो सकता, तो चूकि 95 फीसदी कश्मीर की आबादी मुसलमानों की है, इसलिए इसे पाकिस्तान को दे दिया जाए। साफ है जस्टिस काटजू ऐसे सनकी बयान से पाकिस्तान को ही मदद पहुंचा रहे हैं।
कश्मीर देंगे पर बिहार भी लेना होगा
जस्टिस काटजू की सनक लिमिट में नहीं रहती। एक बार उन्होंने कह डाला कि पाकिस्तान के लिए उनके पास कॉम्बो ऑफर है। कश्मीर तो लें ही, बिहार भी उनको लेना होगा। काटजू ने कहा- ‘पाकिस्तानियों, चलो एक बार में ही अपने सारे विवाद खत्म कर लेते हैं। हम आपको कश्मीर देते हैं लेकिन उसकी एक शर्त है कि आपको बिहार भी लेना पड़ेगा। यह एक पैकेज डील है। इसके लिए आपको पूरा पैकेज लेना होगा या फिर आपको कुछ भी नहीं मिलेगा। हम आपको सिर्फ कश्मीर नहीं देंगे।’
जब बिहार में इसकी प्रतिक्रिया हुई, तो जस्टिस काटजू ने कह डाला कि ये तो जुमला था।