Home नरेंद्र मोदी विशेष मैन ऑफ एक्शन हैं मोदी- 2019 में नहीं कर पाएगा कोई मुकाबला

मैन ऑफ एक्शन हैं मोदी- 2019 में नहीं कर पाएगा कोई मुकाबला

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अगला आम चुनाव अभी भले ही दो साल दूर हो, लेकिन अमेरिकी विशेषज्ञों की नजर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 का चुनाव जीतने के सबसे प्रबल दावेदार के रूप में उभर कर सामने आए हैं। अमेरिकी विशेषज्ञों ने ये निष्कर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड विजय के बाद निकाला है। अमेरिकी विशेषज्ञ मानते हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुई बीजेपी की लोकप्रियता और विजय यात्रा में कोई कमी नहीं आयी है, बल्कि प्रधानमंत्री और बीजेपी की लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ रही है।

जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर एडम ज़ीगफेल्ड का मानना है कि हाल ही में खत्म हुए विधानसभा चुनावों से सिद्ध होता है कि बीजेपी और मोदी की लोकप्रियता और आम लोगों में स्वीकार्यता में 2014 के मुकाबले कोई बदलाव नहीं आया है। उनका कहना है कि जिस बड़े अंतर से बीजेपी के उम्मीदवार समाजवादी पार्टी और बीएसपी के मुकाबले जीते हैं उससे पार्टी के खिसकते जनाधार की अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया है।

अमेरिकन एंटरप्राइज़ इंस्टीट्यूट में रेज़ीडेंट फेलो सदानंद धूमे के मुताबिक इन चुनावों के बाद प्रधानमंत्री मोदी निश्चित रूप से 2019 के लिए सबसे फेवरिट यानी लोकप्रिय विजेता के रूप में स्थापित हुए हैं। उनका कहना है कि 2019 के लिए ‘मोदी फ्रंट रनर’ हैं।

एक और विशेषज्ञ की सोच थोड़ी अलग है। जॉर्जटाउन स्थित वाल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विसेस यानी विदेश सेवा स्कूल में प्रोफेसर इरफान नूरुद्दीन का मानना है कि 2019 में शायद बीजेपी को गठबंधन की सरकार बनानी पड़े। लेकिन अपने निष्कर्ष में प्रोफेसर इरफान ये भी लिखते हैं कि भारतीय जनता पार्टी एक अनुशासित पार्टी के रूप में राज्य-दर-राज्य सफल अभियान चला रही है जबकि विपक्षी दल ऐसा करने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं।

विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश का दौरा करने वाले प्रोफेसर सदानंद धूमे ने कहा है कि चुनाव के दौरान नोटबंदी चर्चा का विषय रहा, लेकिन इसने बीजेपी को लोकप्रियता को और बढ़ाया। उनका कहना है कि भले ही नोटबंदी से लोगों को दिक्कतें हुईं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अपने इस कदम से लोगों के दिल और दिमाग पर काबिज होने में कामयाब रहे। प्रोफेसर धूमे के मुताबिक नोटबंदी को लेकर आम धारणा ये रही कि मोदी पूरी ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार और अमीरों के कुकृत्यों पर प्रहार कर रहे हैं।

एक अन्य प्रोफेसर काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशन में सीनियर फेलो एलिसा आएर्स का मानना है कि भारत अब अपने आर्थिक सुधारों की गति में शायद कुछ कमी करेगा।

साउथ एशिया प्रोग्राम, कार्नेजी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के विशेषज्ञ मिलन वैष्णव के मुताबिक इन चुनावों ने साबित कर दिया है कि लोग प्रधानमंत्री मोदी को ‘मैन ऑफ एक्शन’ मानते हैं। भारतीय राजनीति के विशेषज्ञ और हाल ही में किताब लिखने वाले प्रोफेसर वैष्णव का मानना है कि तमाम समीकरणों और उलट-पलट को धता बताकर लोगों ने मोदी में विश्वास जताया है।

 

-तसलीम खान

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