Home समाचार मोदी को हराने ममता बनर्जी ने किया माओवादियों से गठजोड़

मोदी को हराने ममता बनर्जी ने किया माओवादियों से गठजोड़

SHARE

पश्चिम बंगाल में वामपंथी शासन के दौरान सत्ता समर्थित हिंसा तथा माओवाद के खिलाफ लड़कर राज्य की सत्ता पर काबिज हुई ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए अब माओवादियों से ही हाथ मिला लिया है। तृणमूल ने पूर्व माओवादियों की पलटन और कट्टरपंथियों से लड़ चुके लोगों को एकजुट किया है। तृणमूल कांग्रेस ने जो पलटन तैयार की है, उसमें माओवादी समर्थित पुलिस अत्याचार विरोधी जन सामिति (पीसीएपीए) के सदस्य हैं तो कुछ ‘जन जागरण मंच’ जैसे ग्राम प्रतिरोधक गुट के लोग भी शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेताओंका कहना है कि ऐसा बल इस समय की आवश्यकता है क्योंकि भाजपा के खिलाफ लड़ाई राजनीति के साथ ही विचारधारा की भी है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस विरोधियों को दबाने के लिए हिंसा का सहारा ले रही है। उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है। राज्य में अपने खिलाफ राजनीतिक माहौल को देखते हुए ममता अपने दुश्मनों से भी मदद लेने को तैयार हैं।

यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी का जय श्रीराम बोलने से इंकार, बताया गाली

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भाजपा के खिलाफ प्रचार के लिए कम से कम 200 लोगों का दल पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम में है। पार्टी नेता स्वीकार करते हैं कि लोग स्थानीय नेतृत्व से खफा हैं। वह कहते हैं, पश्चिम मिदनापुर में तृणमूल कांग्रेस की सबसे बड़ी दुश्मन है भाजपा और आरएसएस। पिछले कुछ वर्षों से विपक्ष के कमजोर होने से भाजपा ने जिले में घुसपैठ की है और वह आदिवासी लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। ‘जन जागरण मंच’ के संस्थापकों में से एक ने कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं की कुछ गलतियों के कारण भाजपा और आएसएस यहां तक पहुंच गई है, लेकिन हमने उन गलतियों को सुधारा है’।

यह भी पढ़ेंः मुस्लिम परस्ती में पश्चिम बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बना रही हैं ममता ?

ममता को सफाये का डर
लोकसभा चुनाव के पहले पांच चरणों में पश्चिम बंगाल में जो वोटिंग हुई है, उसमें बीजेपी के पक्ष में जबरदस्त लहर देखने को मिली है। ममता के गुंडाराज पर पीएम नरेन्द्र मोदी का राष्ट्रवाद भारी पड़ रहा है। 2014 में राज्य की 42 में से 34 सीटें जीतने वाली तृणमूल कांग्रेस को डर है कि कहीं उसकी सीटें 10 से भी कम न हो जाएं। इसी डर से ममता बनर्जी बीजेपी को रोकने के लिए हरसंभव हथकंडा अपना रही हैं। माओवादियों के साथ गठजोड़ भी इसी का हिस्सा है।

Leave a Reply