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दुनिया मान रही है मोदी सरकार की नीतियों का लोहा, मलेशिया DBT में ‘आधार’ मॉडल अपनाने को उत्सुक

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लोहा आज पूरी दुनिया मानती है। पीएम मोदी ने अपने विजन और नीतियों से भारत की दशा और दिशा बदलने के लिए जो राह दिखाई है, पूरी दुनिया उसका अनुसरण करने को तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने के बाद ही भ्रष्टाचार के प्रति नो टॉलरेंस की नीति अपनाई थी। मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए डीबीटी को आधार से लिंक कर दिया था और इसका परिणाम यह हुआ कि सरकारी योजनाओं की सब्सिडी में लूट-खसोट पूरी तरह से रुक गई। इस कदम से राष्ट्र का 90 हजार करोड़ रुपये भी भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ने से बचा। अब मलेशिया सरकार ने मोदी सरकार की डीबीटी स्कीम की तारीफ करते हुए अपने देश में भी आधार की तरह National Identity Card System विकसित करने की बात कही है। मलेशिया सरकार अपनी सरकारी योजनाओं के अवैध लाभार्थियों को दूर करना चाहती है।

मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री एम कुला सेगरन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई में अपनी क्वालालंपुर यात्रा के दौरान मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से कहा था कि भारत इस प्रणाली को लागू करने में मलेशिया सरकार की मदद कर सकता है क्योंकि भारत में यह प्रणाली लागू हो चुकी है। मलेशियाई मंत्रिमंडल की सहमति के बाद कुला सेगरन के नेतृत्व में पिछले हफ्ते एक प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा था। इस प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय बैंक, वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों के मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे। यह दल भारत में मंत्रियों और अधिकारियों से मिला और उनसे आधार प्रणाली की विशेषताओं के बारे में जानकारी ली।

मोदी सरकार ने बीते चार वर्षों में भ्रष्टाचार और सरकारी धन की लूट-खसोट रोकने के लिए जो कदम उठाए हैं, उसपर एक नजर डाल लेते हैं-

कालाधन रखने वालों की जानकारी एकत्रित
कांग्रेस सरकार में 2004-14 के दौरान, देश में भ्रष्टाचार चरम पर था। 2009 में सर्वोच्च न्यायालय में कालेधन पर एक लोकहित याचिका दायर की गई। याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई गई कि देश में पैदा हो रहे कालेधन को जिसे विदेशी बैंकों में जमा किया जा रहा है, उसकी छानबीन की जाए और उस पर रोक लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। इस याचिका पर, 2011 में सर्वोच्च न्यायालय ने तब की केन्द्र की कांग्रेस सरकार को कालेधन के बारे में पता लगाने के लिए एसआईटी गठित करने का आदेश दिया। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कुछ विशेष लोगों के दबाव में एसआईटी का गठन नहीं किया। 26 मई, 2014 को नई सरकार बनने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने पहली कैबिनेट बैठक मे ही न्यायाधीश एम बी शाह की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन कर दिया। एसआईटी अबतक सरकार और सर्वोच्च न्यायालय को कई रिपोर्ट्स के साथ कालेधन के मालिकों की लिस्ट दे चुकी है। इन जानकारियों के ही आधार पर सरकार ने कालेधन पर नकेल कसने के लिए कई सारे कदम उठाये हैं ।

डीबीटी से बचाए 90 हजार करोड़
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मई 2014 में जब देश की बागडोर संभाली थी, तभी उन्होंने ऐलान कर दिया था कि उनकी सरकार की नीति भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की है। चार वर्षों में मोदी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर अपनी इस पॉलिसी को लेकर टस से मस नहीं हुई है। इस सरकार ने एक-एक कर भ्रष्टाचार के सभी रास्तों को बंद कर दिया है। सरकारी पैसे की लूट अब नहीं हो पाती है। पहले जहां सरकारी मदद और सब्सिडी, पेंशन आदि का पैसा अपात्रों के हाथों में चला जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। डायरेक्ट बैलेंस ट्रांसफर यानि डीबीटी योजना के बाद से केंद्र सरकार द्वारा भेजा गया पैसा सीधे जरूरतमंद के हाथों में पहुंचने लगा है। आधार से जुड़ी इस योजना के जरिए मार्च, 2018 तक केंद्र सरकार को 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है।

यह वो रकम है, जो पहले जरूरतमंदों के हाथों में न पहुंच कर अपात्रों के हाथों में जाता था और भ्रष्टाचार की भेंच चढ़ जाता था। डीबीटी प्रकोष्ठ ने आरटीआई के तहत पिछले चार वर्षों की मांगी गई सूचना में यह जानकारी दी है। केंद्र सरकार एलपीजी, खाद्यान्न, खाद, कई समाजिक पेंशन समेत 400 से अधिक योजनाओं का पैसा डीबीटी के जरिए सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर करता है।

मार्च, 2018 तक केंद्र सरकार को डीबीटी से बचत (करोड़ रुपये में)
एलपीजी सब्सिडी 42,275
खाद्यान्न सब्सिडी 29,708
मनरेगा 16,073
एनएसएपी 438.60
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति 238.27
अन्य मंत्रालयों की योजानाएं 1120.69
कुल बचत 90,012.71

इन योजनाओं को डीबीटी से जोड़ने से करीब पौने चार करोड़ फर्जी और निष्क्रिय एलपीजी कनेक्शन हटा दिए गए। 2.75 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द किए गए, छात्रवृत्ति और सामाजिक पेंशन पाने वाले लाखों फर्जी लोगों को भी हटाने में सफलता मिली। वित्त वर्ष 2017-18 में केंद्र सरकार को डीबीटी से 32,984 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।

कालेधन में लेनदेन खत्म करने के लिए जन धन योजना
बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से लेनदेन होने से, पूरी अर्थव्यवस्था में रुपये का प्रवाह पारदर्शी होता है, लेकिन 2014 तक देश में बहुत ही कम लोगों का बैंकों में खाता होता था, जिसकी वजह से व्यवस्था में पूरा लेनदेन पूरी नगद राशि में ही होता। नगद में लेन देन होने से कालाधन आसानी से पैदा हो रहा था और आर्थिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार चरम पर था, लेकिन कांग्रेस की मनमोहन सरकार के पास इसे नियंत्रित करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री जनधन योजना का शुभारंभ करके, नगद में लेनदेन की स्थिति को बदल दिया। आज पूरे देश में लगभग 32 करोड़ से अधिक वयस्कों के पास बैंक खाता हैं।

कालाधन पैदा करने वाले स्रोतों को बंद करने के लिए कानून बनायाप्रधानमंत्री मोदी ने एसआईटी के गठन के साथ -साथ देश में उन स्रोतों को जहां से कालाधन पैदा हो रहा था और नगद में लेनदेन पर लगाम लगाने के लिए नये कानूनों को संसद से पारित करवाया। इनमें से कुछ प्रमुख कानून इस तरह से हैं-

• स्विस बैंकों में रखे गए काले धन के बारे में सूचना साझा करने के मकसद से भारत और स्विट्जरलैंड के बीच संशोधित दोहरा कर बचाव संधि (डीटीएए) किया। डीटीएए के तहत कई देशों के साथ समझौते किए गए। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के देश, साल 2017 से कालाधन जमा करने वालों के नाम की लिस्ट देने के लिए सहमत हो गए हैं।

• विदेशो में भारतीयों के काले धन पर लगाम लगाने के लिए कालाधन और इम्‍पोजिशन ऑफ टैक्‍स एक्ट, 2015 को संसद में पारित करवाया। इस कालाधन कानून के तहत विदेश से होने वाली आय और संपत्ति के मूल्कयांकन के नियमों को लागू कर दिया। इसमें विदेशी संपत्तियों और आय का खुलासा नहीं करने पर सख्‍त सजा का प्रावधान किया गया। इसके जरिए विदेशी संपत्तियों से होने वाली आय को छुपाने और कर चोरी पर 10 साल की सजा निश्चित कर दी गई। इसके अलावा 300 प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान भी किया।

 काले धन पर लगाम लगाने के लिए आईडीएस इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 1 जून, 2016 से लागू किया। यह स्कीम 30 सितंबर 2016 तक जारी रही। इस योजना के माध्यम से ही देश में लोगों ने हजारों करोड़ रुपये का कालाधन घोषित किया।

• रियल एस्टेट में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में  बदलाव किया गया। इस बदलाव ने रियल एस्टेट में 20 हजार से ज्यादा के नगद लेनदेन पर रोक लगा दी। 20 हजार से अधिक नगद लेनदेन  करने पर 20 फीसदी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया। 1 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति की खरीददारी या बिक्री पर पैन देना अनिवार्य हो चुका है।

• काले धन पर अंकुश लगाने के लिए बेनामी लेनदेन (प्रतिबंध) संशोधन विधेयक को संसद में पास किया गया। 1 नवंबर 2016 को इस कानून को लागू कर दिया गया। इससे रियल एस्टेट और सोने की  बेनामी खरीदारी पर लगाम लगी। कानून ने  विदेशों में काला धन छिपाने वालों को दस साल  की सजा और नब्बे फीसदी का जुर्माना कर दिया। अब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में संपत्ति की जानकारी छिपाने पर सात साल की सजा दी जाती है।

नोटबंदी से तीन लाख फर्जी कंपनियों का धंधा बंद
08 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने का निर्णय लिया। कालेधन पर, प्रधानमंत्री मोदी का यह सबसे घातक स्ट्राइक था। इसने देश में जाली नोटों के कारोबार को पूरी तरह से बंद कर दिया। कालेधन और जाली नोटों से चलने वाले उग्रवादी और आतंकवादी संगठनों की कमर टूट गई। नोटबंदी ने देश की तीन लाख फर्जी कंपनियों को बेनकाब कर दिया। इन कंपनियों का पता चलते ही सरकार ने इन्हें खत्म कर दिया और कंपनियों के निदेशकों को आजीवन ब्लैकलिस्ट कर दिया। नोटबंदी ने देश में  टैक्स देने वालों की संख्या को दोगुना कर दिया। आज देश में  सात करोड़ लोग टैक्स देते हैं, जबकि अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार के दौरान मात्र तीन करोड़ लोग टैक्स देते थे।

डिजिटल पेमेंट से कालेधन का स्रोत खत्म
प्रधानमंत्री मोदी ने देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए भीम एप लॉन्च किया। इस एप से 89 बैंकों में लेनदेन करने के लिए डिजिटल सुविधा जनता के हाथों में पहुंच गई, बैंकिंग के काम सरल और देश में हर जगह सुलभ हो गए। एप के जरिए लेनदेन देश में तेजी से बढ़ रहा है। 18 मार्च, 2018 तक 4972.69 करोड़ रुपये का लेन देन लोग कर चुके थे। इसी तरह से क्रेडिट, डेबिट कार्ड और चेक के जरिए होने वाले लेनदेन ने आर्थिक व्यवस्था को पारदर्शी बना दिया है, जो 2014 के पहले एकदम से ही नहीं थी।

सरकारी खरीद और नीलामी में ऑनलाइन व्यवस्था ने भ्रष्टाचार खत्म किया
कांग्रेस सरकार ने कोयला, स्पेक्ट्रम, जमीन और अयस्कों की नीलामी में जिस तरह से लाखों करोड़ रुपये का घोटाला किया था, उसकी पुनरावृत्ति को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी को ऑनलाइन कर दिया। व्यवस्था पारदर्शी बन चुकी है। अब सरकार के विभिन्न विभागों में सामानों की खरीदारी के लिए ऑनलाइन मार्केट GeM बना चुका है, जिस पर लाखों करोड़ की खरीददारी होती है और सरकारी कामों में बिचौलियों के राज का अंत हो चुका है।

सरकारी विभागों में कार्य करने का तरीका बदला
2014 तक देश के केन्द्रीय मंत्रालयों के कार्यालय और अधिकारियों में जनता के प्रति संवेदनहीनता चरम पर थी। सरकारी कार्यालयों में अस्वच्छता और अनुशासनहीनता का आलम था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस स्थिति में जबरदस्त परिवर्तन ला दिया है। बायोमेट्रिक प्रणाली ने समय पर कार्यालय पहुंचने का अनुशासन पैदा किया है। काम में अनुशासन को बनाने के लिए  प्रधानमंत्री स्वयं हर महीने PRAGATI – Pro-Active Governance and Timely Implementation की बैठकों के जरिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक तरफ जहां सरकारी कार्यालयों में कामकाज करने का ढंग बदला है वहीं जनता को सरकार से जुड़ने और हर समस्या के समाधान पर सुझाव देने के लिए MyGov का प्लेटफॉर्म भी दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले चार सालों में आर्थिक व्यवस्था और सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार,देश में फैलाए गए कालेधन के जाल को खत्म करके सुशासन की व्यवस्था दी है, जिसे करने में कांग्रेस हमेशा ही असफल रही थी।

इससे पहले अमेरिका, जर्मनी, इंग्लैंड, फ्रांस, जापान, चीन और इजरायल समेत तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्ष समय-समय पर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते रहे हैं। विदेशी राष्ट्राध्यक्षों की नजर में कैसे हैं प्रधानमंत्री मोदी और उनकी नीतियां, एक नजर डालते हैं।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्य करने की शैली ही ऐसी है कि हर कोई उनकी तारीफ करता है। अब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। राष्ट्रपति मून ने नई दिल्ली से रवाना होने के बाद ट्वीट करके कहा कि, ‘भारत से रवाना हो रहा हूं, मैंने भारत में उसके दयालु और उदार लोगों के बीच चार दिन गुजारे। भारतीय लोगों की आंखों में ईश्वर वास करते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने अपने पूरे जीवन में सद्भावना के महत्व को जाना है, जिस तरह भारत के पूरे इतिहास में है।’

फ्रांसीसी राष्ट्रपति भी हुए प्रधानमंत्री मोदी के मुरीद
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि, ‘वह प्रधानमंत्री मोदी के विजन, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से प्रभावित हैं।’ राष्ट्रपति ने कहा कि, ‘हम इस एजेंडे में भारत के साथ हैं, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय सोलर एलायंस को लेकर।’ इंडिया टुडे पत्रिका के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, ‘मेरे विचार में आजादी और व्यक्तिगत दर्शन के साथ पीएम मोदी बहुत बुद्धिमान व्यक्ति हैं। वह भारत की संप्रभुता के साथ बहुत घनिष्ठ हैं, जैसा मैं अपने देश की संप्रभुता के साथ हूं।’

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने भी की प्रशंसा
इसके पहले फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने प्रशंसा करते हुए कहा था कि, ”मैं प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़निश्चय और कूटनीतिक सूझबूझ का कायल हूं। पीएम नरेंद्र मोदी ने क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस में अहम भूमिका निभाई और दुनिया को नई राह दिखाई।”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ
निक्की हेली से पहले दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई मौकों पर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर चुके हैं। पिछले वर्ष जून में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद यात्रा की थी। इस दौरान दोनों नेताओं में मुलाकात हुई और फिर दोनों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी का अपना सच्चा मित्र बताते हुए कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए दोनों देश साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने अफगानिस्तान में भारत के सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया।

पिछले वर्ष नवंबर में भी अमेरिकी राष्ट्रपपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विदेश दौरे के दौरान कहा कि पीएम मोदी ने लोगों को एक साथ लाने की दिशा में काम किया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने शानदार ग्रोथ हासिल की है, और वो देश की प्रगति के लिए बहुत ही सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत ने खुली अर्थव्यवस्था को आत्मसात किया है तब से इसने शानदार ग्रोथ प्राप्त की है और नए- नए अवसर पैदा किए हैं।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा भी मान चुके हैं पीएम मोदी का लोहा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ पीएम मोदी के मजबूत संबंध जगजाहिर हैं। 2015 में गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। भारत आने से पहले ओबामा ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी, उन्होंने चाय बेचने से लेकर प्रधानमंत्री तक के सफर का जिक्र करते हुए कहा था कि यह भारतीयों की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। श्री ओबामा ने कहा था कि पीएम मोदी का विजन एकदम साफ है और उनकी ऊर्जा प्रभावित करने वाली है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी विकास के रास्ते में रोड़े अटकाने वाले मुद्दों को फौरन हटाने को तैयार हो जाते हैं। पिछले साल दिसंबर में जब पूर्व अमेरिका राष्ट्रपति ओबामा ने भारत का दौर किया था, तभी उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए, उन्हें कड़े फैसले लेने वाला नेता बताया था। बराक ओबामा ने कहा कि मोदी के पास देश के लिए विजन है।

प्रधानमंत्री मोदी महान देशभक्त हैं: नेतन्याहू
हाल ही में भारत के 6 दिवसीय दौरे पर आए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और कार्यशैली के कायल हो गए। नेतन्याहू ने कहा कि पीएम मोदी पूरी तरह से भारत के विकास के लिए समर्पित हैं। उन्होंने पीएम मोदी को महान देशभक्त बताया और कहा कि पीएम मोदी वही करते हैं, जो भारत के लिए अच्छा होता है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी को क्रांतिकारी नेता बताया और कहा कि उनका विजन बहुत स्पष्ट है। प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि पीएम मोदी के इजरायल दौरे से हमारी दोस्ती शुरू हुई थी, हमारी दोस्ती दोनों देशों में शांति लाएगी, मेरी यह यात्रा शांति, समृद्धि और विकास के लिए है, शांति और खुशहाली के लिए यह साझेदारी अहम है।

जापानी पीएम शिंजो आबे ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे पीएम मोदी के अच्छे दोस्तों में शामिल हैं। पीएम शिंजो आबे भी कई मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर चुके हैं। पिछले वर्ष सितंबर में शिंजो आबे ने जब भारत का दौरा किया था, तब अहमदाबाद में पीएम मोदी ने उनके साथ रोड शो किया था। इस मौके पर दोनों नेताओं ने अहमदाबाद-मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने पीएम मोदी की प्रगतिशील सोच की तारीफ करते हुए है कि अब दोनों देशों का सहयोग सिर्फ द्विपक्षीय नहीं रहा है, बल्कि यह सामरिक और वैश्विक साझेदारी में विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत और जापान स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानव अधिकार और कानून का नियम जैसे बुनियादी मूल्यों को साझा करते हैं। उस वक्त आबे ने अपने भाषण में जय इंडिया, जय जापान का नारा भी दिया।

भारत को तरक्की के रास्ते पर ले जा रहे हैं पीएम मोदी: ऑस्ट्रेलियाई पीएम
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना कर चुके हैं। पिछले वर्ष अप्रैल में जब टर्नबुल भारत के चार दिवसीय दौरे पर आए थे, तब उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत तरक्की और विकास के असाधारण रास्ते पर बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलियाई पीएम मैल्कम टर्नबुल ने कहा कि हमारा भारत के साथ मजबूत रिश्ता है और इसे और मजबूत करना है। हम इतिहास और मूल्यों के द्वारा एक-दूसरे से जुड़े हैं। उन्होंने कहा था कि दोनों देश तरक्की और विकास के रास्ते की यात्रा पर आगे चल रहे हैं। आज पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की उपलब्ध‍ियों की पूरी दुनिया में सराहना हो रही है, ऐसे में हम भारत के साथ रिश्तों को और गहरा करना चाहते हैं।

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने आतंकवाद से लड़ने में मोदी की तारीफ की
पिछले वर्ष मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी की यात्रा की थी। इस मौके पर दोनों देशों के बीच तमाम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया की उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आतंकवाद और जलवायु के मुद्दे पर चर्चा की, और इन अहम मुद्दों पर पीएम मोदी के विचारों से काफी प्रभावित हुईं हैं। दुनिया के सामने आतंकवाद समेत कई चुनौतियां हैं, इनका सामना करने के लिए मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होना होगा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने भी कहा कि भारत और जर्मनी एक-दूसरे के लिए बने हैं। जर्मनी की चांसलर ने पीएम मोदी के सम्मान में निजी भोज भी दिया, ब्रैंडनबर्ग जिले में स्थित 18वीं सदी के पैलेस शलॉस मीजेबर्ग के बाग में भोज से पहले दोनों नेता एक साथ टहले और कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

चीनी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ में पढ़े कसीदे
चीन हमारा पड़ोसी है, और कुछ मुद्दों पर दोनों के बीच विवाद भी है, लेकिन चीन और उसके नेता प्रधानमंत्री मोदी की ताकत से अच्छी तरह वाकिफ हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी कई मौके पर पीएम मोदी की प्रशंसा कर चुके हैं और देश ही नहीं बल्कि वैश्विक मसलों पर उनके विचारों से सहमति जता चुके हैं। पीएम मोदी ने 2014 में जब देश की बागडोर संभाली थी, उसी वर्ष सितंबर में चीनी राष्ट्रपति का भारत दौरा हुआ था। उस दौरे में पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति के स्वागत में अहमदाबाद में साबरमती के तट पर स्वागत के विशेष इंतजाम किए थे। पिछले वर्ष जुलाई में जर्मनी के हैमबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर ब्रिक्स देशों की बैठक में चीनी राष्ट्रपति ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत संकल्प को सराहनीय बताया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख और ब्रिक्स देशों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका की सराहना भी की।

फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री भी हुए मुरीद
हाल ही में फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री डॉ. रामी हमदल्लाह ने कहा कि ”प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक नेता हैं, वे पश्चिम एशिया के नेताओं के बीच अपने अच्छे रसूख के बल पर इजरायल के साथ हमारा विवाद खत्म करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।”

नीदरलैंड के प्रधानमंत्री ने की प्रशंसा
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने प्रशंसा करते हुए कहा कि, ”प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ग्लोबल इकोनॉमिक पॉवर बन चुका है, हम भारत के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग के लिए उत्सुक हैं।”

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने की सराहना
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक अच्छे वक्ता और कुशल राजनैतिक व्यक्ति हैं। उनके अफगानिस्तान दौरे के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत हुए हैं। भारत और अफगानिस्तान स्वाभाविक मित्र हैं अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत ने अहम योगदान दिया है।”

भूटान के प्रधानमंत्री ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
भूटान के प्रधानमंत्री श्री श्रिंग टॉग्बे ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि, ”प्रधानमंत्री मोदी बहुत ही स्नेहशील व्यक्ति हैं और उनको काफी ज्ञान है और वे भूटान के हितैषी हैं। वे हमारे नरेशों को बहुत आदर की नज़र से देखते हैं। वे भारत-भूटान संबंधों के विवरणों को अच्छी तरह जानते हैं और इसीलिए उद्देश्य एवं आशा की भावना जागती है।”

निक्की हेली ने की पीएम मोदी की तारीफ
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक और प्रशासनिक सुधार कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन भी इसी तरह के सुधारवादी कदम अमेरिका में उठा रहा है। इस तरह के कदमों से दोनों लोकतांत्रिक देशों को समान मूल्यों के आधार पर मिलकर काम करने में सुविधा होगी। निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका और भारत के संबंधों के विकास के लिए खुले आकाश जैसी संभावनाएं हैं, जिसकी कोई सीमा नहीं होती। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि दोनों देश और ज्यादा सहयोग के साथ कार्य करें। दोनों नेताओं के बीच बेहतर तालमेल भी है। राष्ट्रपति ट्रंप भारत के साथ संबंधों के विकास की व्यापक संभावनाएं देख रहे हैं और भारत के साथ मिलकर ज्यादा कार्य करना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले चार वर्षों में अपनी नीतियों और योजनाओं से सभी को आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से प्रगति कर रहा है। अर्थव्यवस्था, रोजगार, महिला सम्मान, किसान कल्याण, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों में भारत आज मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।

जाहिर है यह सब प्रधानमंत्री मोदी के विजन से संभव हो रहा है। यही वजह है कि आज पीएम मोदी का हर कोई कायल है। विरोधी भी उनके प्रशंसक बन जाते हैं।
डालते हैं एक नजर-

सोनू निगम ने बताया 2019 में पीएम पद का सबसे पसंदीदा उम्मीदवार
प्रख्यात पार्श्व गायक सोनू निगम ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। सोनू निगम ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि 2019 में मोदी जी प्रधानमंत्री पद के सबसे पसंदीदा उम्मीदवार होंगे।सोनू निगम ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सामने एक उदाहरण पेश किया है। कल ही मैं कहीं एक वीडियो देख रहा था, जहां अमेरिका में एक बड़ा अर्थशास्त्री कह रहा था कि दुनिया को सबसे बड़ा खतरा इंडिया से है।…चीन से नहीं, जापान से नहीं, इंडिया से है, क्योंकि इंडिया की ग्रोथ बहुत तेज हो रही है। सोनू निगम ने कहा एक तरह से हमारे इंडिया की नाक दुनिया में ऊंची हुई है, मैं यही चाहता हूं कि आहिस्ता से ऐसा हो।’

लाल बहादुर शास्त्री के बेटे ने पीएम मोदी की तारीफ
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिल्कुल मेरे पिता की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा रहे हैं। सुनील शास्त्री ने कहा कि वे देश के भीतर व्यापक विकास योजनाओं से सबका साथ सबका विकास कर रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लाल बहादुर शास्त्री के बेटे ने यह भी कहा कि आज की भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी का कोई विकल्प नहीं है और 2019 में बीजेपी रिकॉर्ड सीटों के साथ सत्ता में लौटेगी।

सुनील शास्त्री ने इसके पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी मेरे पिता की तरह बहुत मेहनत करते हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुल कर तारीफ की है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘भाजपा के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी की तुलना में जनता के बीच भाषण देने में पीएम मोदी दो कदम आगे हैं। पीएम मोदी ज्यादा शार्प हैं’ श्री देवगौड़ा ने यह भी कहा कि आज मैं संसद में सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बदौलत हूं। पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने श्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री राज्‍यों के मुद्दों को समझते हैं। प्रधानमंत्री जब भी किसी राज्‍य में जाते हैं, वहां के मुद्दों को समझते हुए उनके बारे में अपनी राय रखते हैं।

मुझसे बहुत बड़े नेता हैं पीएम मोदी-देवगौड़ा
”मैं 85 वर्ष का हूं और दोबारा प्रधानमंत्री बनने की मेरी महत्वाकांक्षा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझसे बहुत बड़े नेता हैं।” The Economic Times में छपे इस इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा  पहले भी ये स्वीकार कर चुके हैं कि पीएम मोदी से बड़ा नेता आज देश में नहीं है। दरअसल वर्तमान भारतीय राजनीति में पीएम मोदी वो चेहरा हैं जिनके आस-पास कोई अन्य नेता खड़ा हो पाने की हैसियत नहीं रखता है। सवा सौ करोड़ देशवासियों की आशा और आकांक्षा के प्रतीक बने पीएम मोदी महिलाओं, युवाओं के मन-मस्तिष्क पर तो छा ही चुके हैं, साथ ही देश के बाल मन पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ चुके हैं।

पीएम मोदी के मुरीद हैं शशि थरूर
राहुल गांधी के करीबी कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की है। पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर अपने एक इंटरव्यू में सर्जिकल स्ट्राइक और डोकलाम विवाद जैसे विषयों पर पीएम मोदी की विदेश नीति की सराहाना की। थरूर ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विदेश नीति में गतिशीलता लाई है। विदेश नीति के प्रबन्ध में बहुत ऊर्जा और गतिशीलता है। वह अथक यात्रा करते हैं और यह सब अच्छा है। वह जहां भी जाते हैं, बहुत ऊर्जावान प्रभाव बनाते हैं। यह सकारात्मक पक्ष है।’ डोकलाम विवाद का जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह भारत की बड़ी जीत है कि चीन को 200 मीटर दूर जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सितंबर 2016 में आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक भी निष्प्रभावी आतंकवाद के लिए एक बड़ी जीत है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थरूर इसके पहले भी पीएम की तारीफ कर चुके हैं। चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान को भारत की कूटनीतिक जीत करार देते हुए शशि थरूर ने पीएम मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि विदेश मंत्रालय के राजनयिकों और प्रधानमंत्री कार्यालय का कुशल नेतृत्व सभी को इसका श्रेय जाता है।

शशि थरूर ने इसके पहले 26 अक्टूबर, 2016 को एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी की जमकर प्रशंसा की थी।

2024 तक हराना मुश्किल-प्रकाश अंबेडकर
दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि साफ-सुथरी है और कांग्रेस 2024 तक बीजेपी को सत्ता से हटा नहीं सकती। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस श्री मोदी की छवि का मुकाबला नहीं कर सकती। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि एक नेता के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की साफ-सुथरी छवि अब तक कायम है। प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में कांग्रेस के दागदार अतीत की बातें करते हैं जिसका मुकाबला नहीं किया जा सकता। कांग्रेस 2024 तक बीजेपी को नहीं हरा सकती।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने की तारीफ
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। विजयन ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर केरल के ओखी तूफान प्रभावित इलाकों में दौरा करने के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 20 दिसंबर को तूफान प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने राहत कार्यों का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप के लिए 325 करोड़ रुपये की वित्तिय मदद की घोषणा की। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तूफान से बर्बाद हुए 1400 घरों को फिर से बनाया जाएगा। विजयन ने संकट के समय तत्काल राहत के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया।

केरल के मुख्यमंत्री विजयन इसके पहले भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर चुके हैं। विजयन ने कुछ दिन पहले अक्टूबर में कोझीकोड में एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि राज्य के विकास के लिए फंड की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन विकास के मुद्दे पर दोनों एकमत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की मदद से जल्द ही राज्य की सड़कें दुरुस्त होंगी।

उमर अबदुल्ला ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
डोकलाम विवाद में भारत की सफल कूटनीति को नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सराहा। उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी और उनकी टीम को बधाई देते हुए लिखा कि ये इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने बिना किसी गरज और धमक के चीन पर अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी।

मोदी विरोध में विपक्षी एकता Myth है !
इससे पहले भी उमर अब्दुल्ला पीएम मोदी की प्रशंसा कर चुके हैं। यूपी चुनाव के बाद उमर अब्दुल्ला ने साफ कहा था कि विपक्षी एकता के ख्वाब देखने वाले 2019 का सपना देखना छोड़ दें और 2024 की तैयारी करें। इसके बाद उन्होंने सात अगस्त को भी एक ट्वीट किया जिसमें मोदी के विरुद्ध विपक्षी एकता को Myth करार दिया। हालांकि उनकी बात विरोधी दलों को रास नहीं आई थी। लेकिन उमर अब्दुल्ला अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं, सो पीएम मोदी की तारीफ भी उन्होंने खुलकर की।

नीतीश कुमार को भाता है पीएम मोदी का साथ
सितंबर 2013 में बिहार की सियासत ने नई करवट ली थी। ये वही समय था जब बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा की थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने उनके नाम पर असहमति जताते हुए एनडीए से अपना नाता ही तोड़ लिया था, लेकिन चार साल बाद नीतीश कुमार की एनडीए में ‘घर वापसी’ हो गई है। इस प्रकरण में सबसे खास यह रहा कि जिन पीएम मोदी के कारण नीतीश कुमार का एनडीए से नाता टूटा था, उन्हीं के कारण फिर से वह नाता वापस स्थापित हो गया है। 31 जुलाई को एक सवाल के जवाब में नीतीश ने खुलकर कहा कि 2019 में भी पीएम मोदी ही प्रधानमंत्री होंगे, उनकी जगह कोई और उस कुर्सी पर काबिज नहीं होगा। नीतीश के अनुसार पीएम मोदी के व्यक्तित्व का कोई मुकाबला करे ऐसी क्षमता आज किसी के पास नहीं है।

पीएम मोदी के दम खम से डरे वामपंथी !
वामपंथियों को बीजेपी और पीएम मोदी का धुर विरोधी माना जाता है। लेकिन बीते 3 अगस्त को वामपंथी नेता प्रकाश करात ने माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के संपादकीय में पीएम मोदी की कार्यशैली और नेतृत्व क्षमता की तारीफ की। उन्होंने लिखा, “मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस वर्षों के अपने कुशासन और भ्रष्टाचार की वजह से बदनाम हो चुकी है, इसलिए वामपंथी और लोकतांत्रिक ताकतें देश की सबसे पुरानी पार्टी से गठबंधन करके भाजपा को रोकने की उपलब्धि नहीं हासिल कर सकती है।” उन्होंने कांग्रेस के साथ अन्य क्षेत्रीय दलों को भी कमजोर बताते हुए लिखा है कि अलग-अलग चरित्र वाली धर्मनिरपेक्ष पार्टियां गठबंधन बनाकर भी भाजपा के रथ को नहीं रोक सकती।

रामविलास पासवान हैं पीएम मोदी के प्रशंसक
27 फरवरी, 2014 को भी एक ऐसी ही सियासी हलचल हुई थी। रामविलास पासवान ने कांग्रेस और आरजेडी का साथ छोड़ एनडीए में शामिल होने का निर्णय लिया था। रामविलास पासवान एनडीए में आने से पहले नरेंद्र मोदी के विरोध की राजनीति करते रहे थे, लेकिन वर्तमान में पीएम मोदी का अगर सरकार में सबसे बड़े समर्थकों में से नाम चुनने को कहा जाए तो उनमें से रामविलास पासवान भी एक होंगे। दरअसल पीएम मोदी के व्यक्तित्व की विशेषता है कि उनके धुर विरोधियों को भी वे अपना बना लेते हैं।

रामदास अठावले को अच्छे लगते हैं पीएम मोदी
रामदास अठावले की आरपीआई जब 2012 में एनडीए का हिस्सा बनी थी तब प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम की चर्चा तक नहीं थी, लेकिन ऐसा माना जाता था कि रामदास अठावले गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के विरोधी थे। जब नरेंद्र मोदी का नाम पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर आया तो वे उतने उत्साहित भी नहीं थे। लेकिन तीन साल से पीएम मोदी के साथ वे लगातार कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। आज संसद में कोई बहस होती है तो अपने मसखरे अंदाज से पीएम मोदी के समर्थन में सबसे अधिक खड़े रहते हैं। विरोधियों द्वारा पीएम मोदी के हर वार का प्रतिकार करते हैं। साफ है कि पीएम मोदी अपनी सकारात्मक सोच की बदौलत अपने धुर विरोधियों को भी अपना मुरीद बना लेते हैं।

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