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प्रधानमंत्री मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ से बनी ‘करंज’ पनडुब्बी बढ़ाएगी नौसेना की ताकत

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय नौसेना की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। मेक इन इंडिया के तहत भारत में निर्मित स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी आईएनएस ‘करंज’ नौसेना के बेड़े में शामिल होने जा रही है। 31 जनवरी, बुधवार को मुंबई मझगांव डॉक पर आईएनएस ‘करंज’ को लॉन्च किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ‘करंज’ एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत तैयार की गई है। लगभग डेढ़ महीने के अंदर स्कॉर्पीन श्रेणी की कलवरी और खांदेरी पंडुब्बियां  के बाद करंज तीसरी पनडुब्बी है जो नौसेना में शामिल हो रही है।

जानिए ‘मेक इन इंडिया’ आईएनएस ‘करंज’ की ताकत

करंज पनडुब्बी कई आधुनिक फीचर्स से लैस है और दुश्मनों को चकमा देकर सटीक निशाना लगा सकती है। इसके साथ ही ‘करंज’ टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है। करंज पनडुब्बी में कई और खूबियां भी हैं। यह पनडुब्बी रडार की पकड़ में नहीं आ सकती। यह जमीन पर हमला करने में सक्षम है, इसमें ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता है, यही वजह है कि करंज पनडुब्बी लंबे समय तक पानी में रह सकती है। युद्ध की स्थिति में करंज पनडुब्बी हर तरह के हालात से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देकर बाहर निकल सकती है। इसमें सतह पर पानी के अंदर से दुश्‍मन पर हमला करने की खासियत भी है। इस पनडुब्‍बी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे किसी भी तरह की जंग में संचालित किया जा सकता है। यह पनडुब्बी हर तरह के वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस को इकट्ठा करने जैसे कामों को भी बखूबी अंजाम दे सकती है। कंरज पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची, 1565 टन वजनी है।

दिसंबर में पीएम मोदी ने लांच की थी आईएनएस ‘कलवरी’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में बनी स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को पिछले महीने 14 दिसंबर को लांच किया था। वेस्टर्न नेवी कमांड में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी की मौजूदगी में इस पनडुब्बी को नौसेना में कमीशंड किया गया था। इस पनडुब्बी ने केवल नौसेना की ताकत को अलग तरीके से परिभाषित किया, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए भी इसे एक मील का पत्थर माना गया। कलवरी पनडुब्बी को फ्रांस की एक कंपनी ने डिजाइन किया था, तो वहीं मेक इन इंडिया के तहत इसे मुंबई के मझगांव डॉकयॉर्ड में तैयार किया गया। आईएनएस कलवरी के बाद इसी महीने 12 जनवरी को स्कॉर्पीन श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खांदेरी को लांच किया गया था। कलवरी और खंडेरी पनडुब्बियां भी आधुनिक फीचर्स से लैस हैं। यह दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगाने में सक्षम हैं, साथ ही टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती हैं।

P-75 प्रोजेक्ट के तहत बन रही हैं पनडुब्बी

आईएनएस कलवरी देश में बनी पहली परमाणु पनडुब्बी है जो भारतीय नौसेना में शामिल की गई थी। P-75 प्रोजेक्ट के तहत मुंबई के मझगांव डॉक लीमिटेड में बनी कलवरी क्लास की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलावरी है। कलवरी क्लास की 6 पनडुब्बी मुंबई के मझगांव डॉक में एक साथ बन रही हैं और मेक इन इंडिया के तहत इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है। कलवरी के बाद खांदेरी और अब प्रोजक्ट की तीसरी पनडुब्बी करंज 31 जनवरी को लॉन्च होगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की रक्षा-सुरक्षा सर्वोपरि है। पिछले एक वर्ष में रक्षा के क्षेत्र में हमारा देश कई ऐसे घटनाक्रमों का गवाह बना जिनसे ना सिर्फ दुनिया में भारत का मान बढ़ा बल्कि देशवासियों में भी सुरक्षा की भावना मजबूत हुई। इस वर्ष देश की रक्षा से जुड़े कई कदम उठाये जाने के साथ ही बड़ी-बड़ी उपलब्धियां भी सामने आईं। । एक नजर डालते हैं इन उपलब्धियों पर।

मोदी सरकार ने दी 1.65 लाख असॉल्ट राइफल और कार्बाइन खरीद को मंजूरी

मोदी सरकार ने इसी महीने 13 साल पुरानी भारतीय सेना की न्यू जेनरेशन असॉल्ट राइफल और क्लोज क्वॉर्टर बैटल (सीक्यूबी) कार्बाइन की मांग को पूरा किया है। केंद्र सरकार ने 72,000 असॉल्ट राइफल और 93,895 कार्बाइन के खरीद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह दोनों आधुनिक हथियार चीन और पाकिस्तानी सीमा पर तैनात जवानों को दिए जाएंगे, ताकि वो और बुलंद हौसले के साथ दुश्मन के दांत खट्टे कर सकें। यूपीए सरकार में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब सेना ने इन हथियारों की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना की इस मांग को गंभीरता से लिया, और इसे पूरा करने में आने वाली अड़चनों को दूर करते हुए इन अत्याधुनिक हथियारों की खरीद जल्द करने का निर्देश दिया। 16 जनवरी को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में 3,547 करोड़ लागत से असॉल्ट राइफल और कार्बाइन को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण

विश्‍व की सबसे तेज सुपर-सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस ने नवंबर 2017 में उस समय इतिहास रच दिया, जब पहली बार भारतीय वायुसेना के अग्रणी युद्धक विमान सुखोई-30 एमके-1 से उसकी सफल परीक्षण उड़ान हुई। हवा से सतह पर मार करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल को दुश्मन के इलाके में बने आतंकी शिविरों पर दागा जा सकता है। इसके साथ ही जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल को भी सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

आंतरिक सुरक्षा के लिए कारगर रणनीति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूटनीति ने तब एक बार फिर रंग लाकर दिखाया जब डोकलाम से चीनी सैनिकों को वापस होने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे पहले चीन अलग-अलग तरीके आजमाकर धमकी की भाषा बोलने में लगा था। वहीं जम्‍मू-कश्‍मीर में चुनौतियों के बावजूद सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में है। खुफिया जानकारियों के आधार पर भारत-म्‍यांमार सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए भी अभियान शुरू किये गए। इसके तहत आतंकियों के मंसूबे को पूरी सख्ती के साथ निष्क्रिय कर दिया गया।

अमेरिका, रूस सहित कई देशों के साथ सैन्य अभ्यास

किसी भी स्थिति से तत्परता और सफलता से निपटने के लिए प्रशिक्षण गतिविधियां और सैन्य अभ्यास पर वर्ष भर के दौरान पूरा जोर दिखा। भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में दोनों देशों के बीच ‘युद्ध अभ्‍यास-2017’ का आयोजन किया गया। यह अभ्‍यास 14 से 27 सितंबर  के बीच ज्‍वाइंट बेस लेविस, मैकार्ड, वाशिंगटन में हुआ। 19 से 29 अक्टूबर के बीच व्‍लादीवोसतोक के निकट जापान सागर और 249वां संयुक्‍त सेना रेंज में रूस के साथ अभ्यास किया गया। इंग्लैंड, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, ओमान, मंगोलिया और कजाकिस्तान के साथ भी मिलकर सैन्य अभ्यास किया गया। इन सबके तहत आतंकवाद के खिलाफ और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए अभ्‍यास किये गये।

विदेशी नौसेनाओं के साथ अभ्‍यास

मालाबार युद्धाभ्यास के 21वें संस्‍करण का आयोजन 09 से 17 जुलाई 2017 तक भारत के पूर्वी तट की बंदरगाह पर और उसके निकट किया गया। भारतीय नौसेना,अमेरिकी नौसेना और जापानी समुद्री स्‍व-सुरक्षा बल (JMSDF) ने इस अभ्‍यास में भाग लिया। इस अभ्‍यास का मुख्‍य प्रयोजन भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग एवं आपसी सहयोग बढ़ाना था। कुल मिलाकर 16 जहाजों, दो पनडुब्बियों, 95 विमानों, समुद्री कमांडो (मारकोस) और विशेष दस्‍तों ने इस अभ्‍यास में भागीदारी की। वहीं  पश्चि‍मी जहाजी बेड़े ने अप्रैल 2017 में फ्रांस की नौसेना के साथ तौलोन,फ्रांस के निकट वरुण-17 द्विपक्षीय अभ्‍यास में भाग लिया।

वायु सेना में देसी तेजस का पहला स्क्वैड्रन शामिल

प्रधानमंत्री के द्वारा लॉन्च किये गए मेक इन इंडिया अभियान के तहत देश में बने हल्के लडाकू विमान, तेजस के पहले स्क्वैड्रन को वायुसेना में शामिल कर लिया गया। तेजस ने गणतंत्र दिवस, एयरो इंडिया और वायु सेना दिवस में भाग लिया। एसयू-30 एमकेआई विमानों का निर्माण एचएएल में किया जा रहा है। इस एयरक्राफ्ट से ही सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रम्होस’  और  ‘अस्त्र’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया जा चुका है। मिग-29 विमानों का आधुनिकीकरण नासिक के बेस रिपेयर डिपो में किया जा रहा है।

INSV तरिणी से महिला नाविकों की विश्व यात्रा

एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण गतिविधि के तहत भारतीय नौसेना की छह महिला नाविक अधिकारी भारत में निर्मि‍त 56 फीट लंबे तैरते जहाज, INSV तरिणी पर सागर परिक्रमा पर निकली हैं। तरिणी को 10 सितंबर, 2017 को रवाना किया गया था। उम्मीद है कि विश्व यात्रा करते हुए उसकी वापसी गोवा में अप्रैल, 2018 तक होगी। इस अभियान को ‘नाविका सागर परिक्रमा’ कहा गया और यह महिला शक्ति को मान्‍यता देने वाली राष्‍ट्रीय नीति के तहत आती है। 

अफगान महिला अधिकारियों का प्रशिक्षण

भारतीय सेना द्वारा विदेशी महिला अधिकारियों को दिये जाने वाले सैन्‍य प्रशिक्षण के तहत अफगान फौज और वायुसेना की महिला अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान महिलाओं को शारीरिक प्रशिक्षण,  हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया तथा संपर्क कौशल सिखाया गया। इसका आयोजन ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) चेन्‍नई में 4 से 24 दिसंबर, 2017 तक किया गया।

आपदा राहत में सेना ने निभाई बड़ी भूमिका

जुलाई में राजस्थान और गुजरात की बाढ़ हो या फिर अगस्त की बिहार और उत्तर प्रदेश की बाढ़, सेना राहत और बचाव के कार्य में भी मुस्तैदी से जुटी रही। सेना ने गुजरात के बैसवाड़ा स्थित आंबेडकर कन्‍या छात्रावास से फंसे हुए 500 से अधिक स्‍कूली लड़कियों और शिक्षकों को सफलतापूर्वक निकाला था।  बिहार के मधुबनी, सीतामढ़ी, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर जिलों के भीषण बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सेना 75 से अधिक गांवों तक पहुंचने में सफल हुई और उसमें लगभग 1000 व्‍यक्तियों को बाहर निकाला।

खेल जगत में भी सैनिकों ने बढ़ाया देश का सम्मान

इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन (ISSF)  विश्‍व कप-2017 में 10 मीटर एयर पिस्‍टल प्रतिस्‍पर्धा में सूबेदार जीतू राय व हीना सिद्धू के मिश्रित दल ने स्‍वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वि‍त किया। वहीं यूरोप में होने वाली यह सबसे कठिन साइकिल दौड़ रेस अराउंड ऑस्ट्रिया (RAA) को पूरा करने वाले प्रथम भारतीय के रूप में लेफ्टिनेंट कर्नल भरत कुमार ने देश और भारतीय सेना का गौरव बढ़ाया। सेना के एथलीटों ने जुलाई में भुवनेश्वर में हुई 22वीं एशियाई एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप  में चार स्‍वर्ण, दो रजत और दो कांस्‍य पदक जीते।

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