Home झूठ का पर्दाफाश LIES AGAINST MODI – 56 ईंच का सीना ध्वस्त

LIES AGAINST MODI – 56 ईंच का सीना ध्वस्त

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लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान नरेंद्र मोदी ने पहली बार 56 ईंच के सीने का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि विकास का गुजरात मॉडल बनाने के लिए 56 ईंच का सीना चाहिए। उसके बाद से विरोधी हर बात के लिए नरेंद्र मोदी से पूछने लगे- कहां है 56 ईंच का सीना? सीमा की रक्षा, नक्सलवाद, आतंकवाद, भ्रष्टाचार, गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी..हर समस्या के लिए  विपक्ष प्रधानमंत्री का सीना मापने इंच-टेप लेकर बैठ गया। सच्चाई क्या रही। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कामकाज से विरोधियों को जवाब दे सके या विपक्ष का दावा सही है कि 56 ईंच का सीना ध्वस्त हो गया है? क्या नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिखाया कि उनके पास 56 ईंच का सीना है? आईए करते हैं पड़ताल-

नोटबंदी से कालाधन-भ्रष्टाचार-आतंकवाद-नक्सलवाद पर हमला
8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने क्रांतिकारी कदम उठाया। 500 और 1000 के नोटों का चलन बंद कर दिया। इस फैसले ने काले कारोबारियों और विघटनकारी ताकतों की कमर तोड़ कर रख दी। भ्रष्टाचार करने वाले सरकार की नज़र में आ गये। आतंकवादी-नक्सलवादी गतिविधियां थम गयीं। ड्रग्स का कारोबार रुक गया।

  • कालाधन पर एसआईटी का गठन किया गया। साइप्रस, मॉरिशस, सिंगापुर जैसे देशों के साथ समझौते किए गये ताकि बैंकों से जुड़ी जानकारी साझा की जा सके।
  • बेनामी ट्रांजेक्शन्स को रोकने के लिए 2016 में कड़े कानून बनाए गए। इसे कालेधन का बड़ा स्रोत माना जाता है। सरकार कठोर जुर्माने के साथ कालेधन की घोषणा करने की योजना भी लेकर आई।
  • मोदी सरकार ने कोल ब्लॉक और स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए एक बहुत ही सफल और पारदर्शी तरीका इस्तेमाल किया। ये भविष्य में भी एक उदाहरण साबित होगा।

लम्बित मामलों पर 56 ईंच का सीना दिखाया
जीएसटी बिल को हरी झंडी- लंबे समय से अटके पड़े जीएसटी बिल जैसे संविधान संशोधन को संसद से पारित करवाया। आधे से ज्यादा राज्य सरकारों को भी अपनी-अपनी विधानसभाओं से पास कराने के लिए प्रेरित कर देश के विकास का रास्ता खोल दिया। सभी राज्यों के साथ बार-बार बैठक कर इस पर हामी भरने के लिए तैयार किया।

OROP लागू किया- रिटायर्ड सैनिकों के हित में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया। चार दशकों से लंबित ‘वन रैंक, वन पेंशन’की मांग को पूरा किया। इसके लिए सरकार ने साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रुपये का इंतजाम किया।

बेनामी संपत्ति कानून- करीब तीन दशकों से पड़े बेनामी संपत्ति कानून को संसद से संशोधन कराकर लागू कराया। कालाधन के खिलाफ सरकार के पास अब  बड़ा हथियार है।

बजट पेश करने की परंपरा बदली- आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब बजट फरवरी के आखिर में पेश न होकर एक फरवरी को पेश किया गया। सरकार के कामकाज को बेहतर करने के हिसाब से समय में यह बदलाव किया गया। भारत में नये  वर्ष की शुरुआत बसंत ऋतु में होती है।

बांग्लादेश से सीमा विवाद खत्म- बांग्लादेश के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को मोदी सरकार ने सुलझा लिया। सीमा विवाद को लेकर ये मोदी सरकार का ऐतिहासिक कार्य था।

आतंकियों और घुसपैठियों पर सर्जिकल स्ट्राइक
म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक- 4 जून, 2015 को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने हमला कर सेना के 18 जवानों की जान ली थी। जवाब में एनएसए अजित डोभाल ने मणिपुर में रहकर म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना पर काम शुरू किया। यहां वे इंटेलिजेंस से मिले इन्पुट्स पर नजर रख रहे थे। आर्मी को पता चला था कि उग्रवादी म्यांमार सीमा में छिपे हुए हैं। पैराकमांडो ने म्यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों के दो कैंप तबाह कर दिए। इस ऑपरेशन में करीब 100 उग्रवादी मारे गए। ऑपरेशन में 70 कमांडो शामिल थे। ऑपरेशन 40 मिनट तक चला।

PoK में सर्जिकल स्ट्राइक- भारतीय सेना ने 29-29 सितंबर 2016 की रात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड तबाह कर दिए। स्पेशल फोर्सेज के कमांडो ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देते हुए आतंकियों के 8 कैंप तबाह कर दिए। करीब 4 घंटे चले इस ऑपरेशन में 38 आतंकी मारे गए। इस ऑपरेशन में पैरा स्पेशल फोर्स के 25 कमांडो एमआई-17 हेलिकॉप्टरों में सवार होकर पीओके में तीन किलोमीटर अंदर तक गए।

PoK में दूसरासर्जिकल स्ट्राइक’- सेना ने 23 मई को 30 सेकेंड का वीडियो जारी किया। एक के बाद एक 10 धमाके इसमें दिख रहे हैं। सेना ने कहा कि नौशेरा सेक्टर में पाक आर्मी की चौकियों को भारत ने तबाह किया है। लगातार सीज़ फायर उल्लंघन की घटनाओ का यह भारत की ओर से जवाब है। इस हमले में एंटी टैंक मिसाइल और ऑटोमेटिक ग्रेनेड लॉन्चर का प्रयोग किया है। इसे पाकिस्तान पर भारत की ओर से दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक माना गया।

पाकिस्तान में दिखा 56 ईंच का खौफ
इस्लामाबाद में रद्द करना पड़ा सार्क सम्मेलन- उरी में हमले और जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान को अलग-थलग करने में भारत कामयाब रहा। भारत ने जब सार्क सम्मेलन का बहिष्कार किया, तो बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी भारत का समर्थन करते हुए सम्मेलन में नहीं जाने की बात कही। वहीं, नेपाल ने सम्मेलन की जगह बदलने का प्रस्ताव दिया।

हाफिज सईद को पाकिस्तान ने भी माना अलगाववादी- भारत के लगातार दबाव, सबूत देते रहने और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच आखिरकार पाकिस्तान ने माना कि हाफिज सईद धर्म के नाम पर कथित जेहादी गतिविधियों में लगा हुआ है और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

हथियारों में पिछड़ा पाकिस्तान- अमेरिकी थिंक टैंक स्टिम्सन सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक अत्याधुनिक हथियार प्रणाली तक पाकिस्तान पहुंच बनाने में सक्षम नहीं हो पाएगा। पाकिस्तान के पास चीन की सैन्य प्रणाली  पर निर्भर रहने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा। भारत की हथियार खरीदने की बढ़ती क्षमता और भू राजनीतिक स्थिति के कारण दबाव में आ गया है पाकिस्तान।

कुलभूषण जाधव की फांसी पर अंतरराष्ट्रीय अदालत में लताड़- भारत ने जिस फुर्ती के साथ कुलभूषण जाधव की फांसी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में आवाज़ बुलन्द की, उसका असर हुआ। मजबूत तर्क देते हुए महज एक रुपया फीस लेकर हरीश साल्वे ने इस केस को पाकिस्तान से छीन लिया। यह भारत की बड़ी उपलब्धि रही।

अरब कूटनीति से दबाव में पाकिस्तान- भारत ने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात के साथ नजदीकी बढ़ाकर पाकिस्तान को दबाव में ला दिया है। इन्हीं देशों ने पाकिस्तान के साथ मिलकर अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता दी थी। मध्यपूर्व में भारत की मजबूत पकड़ पाकिस्तान-चीन के गठजोड़ को देखते हुए महत्वपूर्ण है।

आर्थिक सुधार में दिखा 56 ईंच
जनधन अकाउन्ट : आजादी के बाद 28.52 करोड़ भारतीयों के लिए पहली बार बैंक में अकाउन्ट खोले गये। गरीबों को समाज की मुख्य धारा में जुड़ने का अहसास हुआ।

आधार कार्ड : तकरीबन 100 फीसदी वयस्क लोगों को आधार कार्ड उपलब्ध कराया गया। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर्स के जरिए सीधे लाभार्थियों के खाते में रकम पहुंचायी गयी। इससे 49,560 करोड़ रुपये की बचत हुई।

मोबाइल : BHIM के जरिए अंगूठा अब बैंक और बटुआ हो गया है। दो करोड़ से ज्यादा लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया है।

कारोबार करना आसान हुआ : विश्व बैंक के Ease of Doing Business (EoDB) रैंकिंग में भारत 2015 में 142वें नंबर पर था, जो अब 2017 में उछलकर 130 पर आ गया है।

अब सीधे रूट से FDI : बिना माध्यम के FDI को सीधे रूट से आना सुनिश्चित कर दिया गया

पर्यावरण से मंजूरी आसान : किसी प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण विभाग से मंजूरी का समय 600 दिन से घटाकर 180 दिन कर दिया गया।

कम हुए दस्तावेज : अनिवार्य दस्तावेजों की संख्या निर्यात के लिए 7 से घटाकर 3 और आयात के लए 10 से घटाकर 3 कर दी गयी

श्रम सुविधा पोर्टल : श्रम कानूनों का पालन एक जगह से मुमकिन हो गया। पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों की जांच दोनों संभव। 16 श्रम कानूनों के लिए एक आवेदन।

Improper Expoprter Code (IEC) आवेदन करना आसान हो गया। अब डिजिटल फोटोग्राफ के साथ केवल दो दस्तावेज अपलोड करने होते हैं।

e-Biz पोर्टल लांच : इसके जरिए कारोबार संबंधी बाधाओं को दूर करने और सेवाओं को नियंत्रित करने की कोशिश की गयी है। कारोबार, ऑपरेशन और बंद करने की स्थिति में भी यह कारगर है।

स्टार्ट अप योजनाओं में छूट : स्टार्ट अप के लिए फंडिंग आसान हुई। जमा कराए जाने वाला धन कुल धन का 35 फीसदी अधिकतम तय कर दिया गया।

रीयल इस्टेट रेगुलेशन : अधूरी योजना पर बिल्डर पर पेनाल्टी तय किया गया। बिल्डर को वादा पूरा करना होगा। किसी प्रोजेक्ट का 70 फीसदी उसी प्रोजेक्ट में खर्च करना होगा। ऐसे कई नियम इसमें हैं।

FDI : निर्माण, रक्षा, बीमा, रेलवे में FDI 100 फीसदी हुई। विदेशी निवेशकों के लिए नियम आसान हुए।

पारदर्शी नीलामी : कोयला की खदानें और स्पेक्ट्रम की सफलतापूर्वक पारदर्शी तरह से नीलामी हुई। सरकार को लाखों करोड़ रुपये का फायदा हुआ।

नियंत्रण मुक्त हुआ डीजल : सब्सिडी कम करते हुए डीजल को नियंत्रण मुक्त करने से राजस्व घाटा कम करने में मदद मिली है।

भूतलक्षी प्रभाव (retrospective) से टैक्स नहीं : पिछली तारीख से टैक्स वसूली बंद कर दी गयी है।

औद्योगिक लाइसेंस की एक्सपायरी डेट का विस्तार : एक्सपायरी डेट दो साल से बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया, जिसे और आगे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है।

कोयला खदानों पर सरकारी नियंत्रण खत्म : कोयला खदानों को पूरी तरह से निजी/विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया।

दुनिया में 56 ईंच की छाती से छलांग ही छलांग

  • WEF’s ग्लोबल कंपटीटिवनेस इंडेक्स में 16 स्थान बढ़कर भारत 39वें रैंक पर पहुंच गया। किसी भी देश के मुकाबले यह सबसे ऊंची छलांग रही।
  • WEF’s Global Travel & Tourism Competitiveness List में 12 वें स्थान की छलांग लगाकर भारत 40वें स्थान पर पहुंच गया।
  • ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2016 में 15 स्थान की छलांग लगाते हुए 66वां स्थान हासिल किया।
  • WEF’s Global Gender Gap Index में 21 स्थान की छलांग लगाते हुए भारत ने 87वां स्थान बनाया।
  • 35वें World Bank’s Logistics Performance Index 2016 में 19 स्थान की छलांग लगायी।
  • ट्रांसपैरेन्सी इंटरनेशनल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2016 की रैंकिंग मेंसुधार।
  • FDI कॉन्फिडेन्स इंडेक्स में भारत 8वें स्थान पर पहुंच गया।

अर्थव्यवस्था के गोल्डन इंडीकेटर में भारत का गोल्डेन परफॉर्मन्स

  • अर्थव्यवस्था के 6 गोल्डन इंडीकेटर हैं। सभी में भारत ने अच्छा किया है।
  • उच्च जीडीपी विकास दर (7 फीसदी से ज्यादा)
  • अब तक की सबसे ऊंची FDI
  • नियंत्रण में राजस्व घाटा
  • CAD 2014 में 4 फीसदी से घटकर लगभग शून्य पर आ गया।
  • इन्फ्लेशन करीब 4 फीसदी जबकि यह 2014 में 11 फीसदी थी।
  • रुपये की विनिमय दर नियंत्रण में
  • मेक इन इंडिया विश्व स्तर पर माना हुआ ब्रांड
  • भारत दुनिया का सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य

गरीबों के लिए दिखलाया 56 ईंच का सीना
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना- 2 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस चूल्हा और कनेक्शन दिया गया है। गरीब माताओं के आंसू पोंछने का काम मोदी सरकार ने किया।

सबको पक्का घर- मोदी सरकार का सपना, सबको मिले घर अपना। 2022 तक सबको घर देना मोदी सरकार का लक्ष्य है जिस पर तेजी से काम चल रहा है।

स्वस्थ बच्चे देश का भविष्य- मिशन इंद्रधनुष के तहत 2.6 करोड़ से अधिक बच्चों का टीकाकरण कराया गया। इस वजह से बच्चों को होने वाली बीमारियों में भारी गिरावट आय़ी।

सड़कों का जाल-  प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2016-17 में 48,000 किमी सड़क निर्माण हुआ और हर रोज 133 किमी सड़क का निर्माण किया जा रहा है।  मोदी सरकार के कार्यकाल में अब तक 1,20,000 किमी सड़क का निर्माण हुआ है।

गांव-गांव में रोशनी- देश के 99 फीसदी गांवों में बिजली पहुंच चुकी है, अंधेरा छंट चुका है। तीन साल में 12 हजार से ज्यादा गांवों में मोदी सरकार ने बिजली पहुंचायी है।

हवाई चप्पल वाले हवा में उड़ेगे- पीएम मोदी की UDAN योजना से आज आम नागरिक भी हवाई सफर कर रहा है, ऐसा पहले किसी सरकार ने नहीं किया। लगातार छोटे-मझोले शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ रही है। जल्द ही वह समय आएगा जब हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सकेंगे।

स्टेंट सस्ती कर हृदय रोगियों की जान बचायी- देश में ह्रदय रोग के मरीजों की सहायता के लिए मोदी सरकार ने स्टेंट की कीमतों में 85% तक की कटौती करवाई जिससे गरीबों को राहत मिली।

जीवन रक्षक दवाओं को सस्ता किया- गरीबों के लिए आवश्यक दवाओं की 489 राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में डाला गया है।

गरीबों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई- मोदी सरकार द्वारा आज जन औषधि केंद्रों पर गरीबों के लिए सस्ती दरों पर गुणवत्ता वाली दवाइयां उपलब्ध हैं।

दिव्यांगों के लिए आरक्षण 2 से बढ़कर 4 फीसदी- मोदी सरकार ने सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के लिए आरक्षण 4% तक बढ़ा दिया, जो कि एक सराहनीय कदम है। मई 2014 से पूरे देश में आयोजित हुए 4,700 विशेष सहायता कैंपों से अब तक 6 लाख से अधिक दिव्यांगों को लाभ मिला। दिव्यांगों को लाभ देने के लिए उनकी 7 से बढ़ाकर 21 श्रेणियां करके सरकारी सहायता दी जा रही है।

खेती और किसानों के लिए वरदान बना 56 ईंच का सीना
एक राष्ट्र,एक कृषि बाजार- eNAM के जरिए एक ऐसा ई-प्लेटफॉर्म बनाया गया जहां किसान और व्यापारी फसल की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं। eNAM के तहत 36.43 लाख किसान और 84,631 व्यापारी पंजीकृत हुए। पिछले साल लेन-देन की राशि 14,202 करोड़ रुपये और कुल उत्पादन 54.24 लाख टन रहा है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि- 2016-17 की खरीफ फसल की दालों में अरहर के समर्थन मूल्य को 4,625 रुपये से बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया, उड़द के मूल्य को 4, 625 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग के लिए 4,850 रुपये से बढ़ाकर 5,250 रुपये तक कर दिया गया है।

गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान– मोदी सरकार ने 4305 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देकर 32 लाख किसानों को फायदा पहुंचाया। इस तरह से 2014-15 के 99.33 प्रतिशत और 2015-16 के 98.21 प्रतिशत किसानों को अपना बकाया वापस मिल चुका है।

धान की खरीद में लेवी प्रणाली का खत्म- धान की खरीद में लेवी प्रणाली खत्म कर मोदी सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी। अपनी उपज अब वे सीधे सरकारी केन्द्रों पर बेच सकते हैं। कोई बिचौलिया नहीं, जो उन्हें परेशान करे।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना- अब 50 फीसदी के बजाए महज 33 फीसदी फसल नष्ट होने पर ही फसल का बीमा मिलता है। कम प्रीमियम पर अधिकतम बीमा देने वाली प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की खासियत है कि इस योजना में सभी खाद्य फसलें, तिलहन, वार्षिक व्यावसायिक या साग सब्जी का बीमा होता है। पकी फसल नष्ट होने पर भी बीमा का लाभ मिलता है। इसने किसानों का डर खत्म कर दिया है।

खाद की किल्लत दूर हो गयी- मोदी सरकार ने आते ही नीम कोटिंग यूरिया का प्रयोग शुरू किया। उसके बाद से खाद का उपयोग सिर्फ और सिर्फ खेती में होना सुनिश्चित हो गया। ऐसा होती ही खाद की कालाबाजारी रुक गयी। अब किसानों को समय पर पर्याप्त मात्रा में यूरिया मिलता है। खाद की कमी नहीं रहती।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत देश में 28.5 लाख हेक्टेयर खेत में पानी पहुंचाया गया है। 2016-17 में Per Drop More Crop की सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत 15.86 लाख हेक्टेयर खेतों को सिंचाई के अंतर्गत लाया गया।

सॉइल हेल्थ कार्ड- मोदी सरकार ने फसलों के अनुसार सॉइल  हेल्थ कार्ड योजना शुरुआत की है। इसकी मदद से किसानों को पता चल जाता है कि उन्हें किस फसल के लिए कितना और किस क्वालिटी का खाद उपयोग करना है। अभी तक 6.5 करोड़ किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिये जा चुके हैं।

कृषि मौसम विज्ञान सेवा की शुरुआत- मौसम के बारे में किसानों को एसएमएस से मिलने वाली सूचना से किसानों को पूरी मदद मिलती है। 2014 में 70 लाख किसानों एसएमएस कर सूचनाएं दी गयीं, वहीं आज 2 करोड़ 10 लाख किसानों तक सूचनाएं पहुंच रहीं हैं।

किसानों के लिए शुरू हुआ किसान चैनल 26 मई 2015 को शुरू किया गया 24 घंटे का किसान चैनल कृषि तकनीक का प्रसार, पानी के संरक्षण और जैविक खेती जैसे विषयों की जानकारी देता है। इसमें किसानों को उत्पादन, वितरण, जोखिम, बचने के तरीके, खाद, बीज, वैज्ञानिक कृषि  के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है।

जैविक खेती पर जोर- 2015 से 2018 तक 10000 समूहों के अन्तर्गत 5 लाख एकड़ क्षेत्र को जैविक खेती के दायरे में लाया गया है। अब तक राज्य सरकारें 7186 समूहों के माध्यम से 3.59 लाख एकड़ भूमि को जौविक खेती के दायरे में ला चुकी हैं। देश के उत्तर पूर्वी राज्यों की भौगोलिक दशा को देखते हुए जैविक खेती पर विशेष बल दिया जा रहा है, जिसके लिए 2015 से 2018 तक 400 करोड़ की परियोजना चल रही है।

ब्लू रिवोल्यूशन से बढ़ा मत्स्य उत्पादन- देश में ब्लू रिवोल्यूशन के जरिए किसानों को आय के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए मोदी सरकार ने पांच साल में 3000 करोड़ रुपये की योजना दी है। 15000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र विकसित किया गया है। 2012-14 में मत्स्य उत्पादन जहां 186.12 लाख टन था वहीं 2014-16 में 209.59 लाख टन हो गया।

ऋण सुविधा बढ़ी : खेती के लिए ऋण लेने की सुविधा बढ़ायी गयी है। अब 10 लाख करोड़ ऋण किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यूपी जैसे राज्यों ने किसानों के लिए बड़े पैमाने पर ऋण माफ कर दिया है।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन- देशज पशुधन के जेनेटिक स्टाक संवर्धन और दूध उत्पादन बढ़ाने में यह योजना कारगर साबित हो रही है। इस योजना में 14 गोकुल गांव स्थापित किये गये हैं। 41 बुल मदर फार्म का आधुनिकीकरण किया गया है। देश में दूध उत्पादन 155 मिलियन टन के पास पहुंच चुका है। देश में प्रति व्यक्ति 2013-14 में जहां 307 ग्राम दूध उपलब्ध था, वहीं 2015-16 में बढ़कर यह 340 ग्राम हो गया।

फसल का रिकॉर्ड उत्पादन : इस साल बंपर फसल हुई है। रिकार्ड 271.98 मिलियन टन अनाज के उत्पादन का अनुमान है।
– चावल का 108.86 मिलियन टन और गेहूं का 96.64 मिलियन टन रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है।

– मोटे अनाजों का भी उत्पादन रिकार्ड 44.34 मिलियन टन है तो  22.14 मिलियन टन दाल का उत्पादन हुआ है।

– तिलहनों का भी उत्पादन रिकार्ड 33.60 मिलियन टन हुआ है।

दूध, फल, चावल, मछली, अंडा उत्पादन में देश ने की तरक्की

  • दूध उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर वन है, 2015-16 में 155 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ।
  • फल और सब्जियों के उत्पादन में नंबर 2 पर है भारत। यहां 254 मिलियन टन फल और सब्जियों का उत्पादन होता है।
  • चावल उत्पादन में भी भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
  • मत्स्य उत्पादन में भी भारत का स्थान विश्व में दूसरा है।
  • अंडों के उत्पादन में तीसरे और मांस के उत्पादन में भारत पांचवें स्थान पर है।

2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य
मोदी सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी की जाए। इस संकल्प के साथ कई आधारभूत योजनाओं को जमीन पर उतारा गया है जो खेती-किसानी में सहायक सिद्ध हो रहा है।

अंतरिक्ष में भी दिखा 56 ईंच का जलवा
अंतरिक्ष में इंसान भेजने की क्षमता हासिल की- अंतरिक्ष में भारत ने वो क्षमता हासिल कर ली है जिसके बाद कोई देश अंतरिक्ष में इंसान भेजने में सक्षम हो जाता है। भारत ने सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क 3-डी1 के जरिए सबसे वजनदार संचार उपग्रह जीसेट-19 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इसके साथ ही प्रधाानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना पूरा हो गया है। अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास ही यह क्षमता है। 

मंगलयान पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह तक पहुंचने में कामयाब रहने वाला भारत पहला देश है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गर्व से दुनिया को बताया कि अहमदाबाद में ऑटो रिक्शा से एक किलोमीटर जाने पर 10 रुपए का खर्च आता है, लेकिन हमारे मंगलयान द्वारा तय की गई यात्रा पर तो महज सात रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च आया। मंगल अभियान का खर्च हॉलीवुड की चर्चित साइंस फिक्शन फिल्म की लागत से भी कम था।

एक साथ 104 सैटेलाइट छोड़कर रचा इतिहास भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान, इसरो ने इसी साल एक साथ 104 उपग्रह लांच करके एक नया इतिहास रच दिया। इस अभियान में भेजे गए 104 उपग्रहों में से तीन भारत के थे। विदेशी उपग्रहों में 96 अमेरिका के तथा इजरायल, कजाखिस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक थे। 

दक्षिण एशिया के लिए ISRO बना वरदान- इसरो ने साउथ एशिया सैटेलाइट GSAT-9 को लॉन्च कर साउथ एशियाई देशों को उपहार दिया है। अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव और श्रीलंका को इसका लाभ मिलेगा, जो इस मिशन का हिस्सा है। ये उपग्रह प्राकृतिक संसाधनों का खाका बनाने, टेली मेडिसिन, शिक्षा क्षेत्र, आईटी और लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाने के क्षेत्र में पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक वरदान साबित होगा। इसके माध्यम से भूकंप, चक्रवात, बाढ़, सुनामी जैसी आपदाओं के समय संवाद कायम करने में मदद मिल सकेगी।

विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता की खोज- NASA और ISRO मिलकर हरियाणा के फतेहाबाद जिले के कुणाल गांव में सबसे प्राचीन सभ्यता का अध्ययन कर रहे हैं। सरस्वती नदी के पुनरुद्धार के लिए जो उत्खनन का कार्य चल रहा है उससे अति विकसित हड़प्पा से भी पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले हैं। बताया जा रहा है कि वो सभ्यता 6 हजार साल से भी अधिक पुरानी हो सकती है। बताया जा रहा है कि वहां हुई अबतक की खुदाई में आभूषण, मनके, हड्डियों के मोती मिले हैं।

इंसान की जान बचाने के लिए है 56 ईंच का सीना
विदेश में फंसे 80 हजार से ज्यादा लोगों की जान भारत सरकार ने बचायी है। इनमें देशी-विदेशी दोनों शामिल हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मोदी सरकार के तीन साल होने पर ये बात दुनिया बतायी कि यह सब बिना एक रुपया खर्च किए हुए हुआ।

  • 2014 में मोदी सरकार ने यूक्रेन से 1,100, लीबिया से 3,750 और इराक से 7,200 लोगों को संकट के समय सुरक्षित निकाला गया।
  • 2015 में सरकार द्वारा यमन से 6,710 (4,748 भारतीय) और 2016 में दक्षिण सूडान से 153 भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया।

देश के भीतर भी नागरिकों की मदद में आयी मोदी सरकार
कश्मीर को बाढ़ में मदद- बाढ़ग्रस्त कश्मीर में सेना ने जी-जान एक कर लोगों की जान बचायी। इस बात की परवाह नहीं की कि यही लोग उन पर पत्थर मारा करते थे जिनकी वो जान बचा रहे हैं

चेन्न्ई में बाढ़- तमिलनाडु में आयी विपदा के समय चेन्नई में भी सेना ने बहादुरी से काम किया। दिन-रात जुटकर लोगों की सेवा की

सूखी पीड़ित महाराष्ट्र को पिलाया पानी-  मोदी सरकार ने रेलवे मार्ग के माध्यम से महाराष्ट्र में सूखा प्रभावित क्षेत्र में 6 करोड़ लीटर से अधिक पानी पहुंचाया। ऐसा पहली बार किसी सरकार द्वारा किया गया।

मोदी सरकार में महिलाओं का सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना– इस योजना से करोड़ लोगों को लाभ मिला है, जिनमें 79 प्रतिशत महिलाएं हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना– बच्चियों को ध्यान में रखकर शुरू की गयी इस योजना में 1 करोड़ खाते खोले गए और कुल 11,000 करोड़ रुपये जमा किये गए।

बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना-महिलाओं के उत्थान के लिए शुरू किया गया बेटी बचाओ, बेची पढ़ाओ कार्यक्रम देशभर में आंदोलन बन गया। इसका असर ये हुआ कि हरियाणा जैसे राज्य में भी लिंगानुपात सुधर गया।

मातृत्व अवकाश 26 हफ्ते का- महिलाओं को मोदी सरकार का ये बड़ा तोहफा है। पहले जहां मातृत्व अवकाश 12 हफ्ते का हुआ करता था, अब यह बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया गया है।

श्रम सुधार में दिखा 56 ईंच का सीना
न्यूनतम वेतन बढ़ा : कृषि व गैर कृषि मजदूरों के न्यूनतम वेतन में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 

बोनस का दायरा बढ़ा : 10 हजार की सीलिंग टूटी। अब 21000 रुपये प्रतिमाह की सीलिंग।

पीएफ निकालना आसान हुआ :  2015-16 में दिए गये 5826.89   करोड़ रुपये ऑनलाइन सीधे अकाउंट में ट्रांसफर हुए।

करोड़ों लोगों को मिले UAN : 8.11 करोड़ लोगों को UAN मिल चुका है। 2.82 करोड़ लोग मोबाइल से जुड़ चुके हैं।

नाराज पड़ोसियों को मनाया, दुनिया से बनाए बेहतर संबंध 

  • 17 साल में पहली बार भारतीय पीएम का नेपाल दौरा हुआ।
  • 28 साल में भारतीय पीएम की पहली स्वैच्छिक द्विपक्षीय श्रीलंका यात्रा।
  • 32 साल में पहली बार भारतीय पीएम की यूएई में द्विपक्षी यात्रा।
  • 42 साल में पहली बार भारतीय पीएम की कनाडा यात्रा
  • गणतंत्र दिवस पर पहले अमेरिकी राष्ट्रपति मुख्य अतिथि बनकर आए।
  • गणतंत्र दिवस पर पहली बार यूएई नेतृत्व मुख्य अतिथि बनकर आए।
  • अरब मंत्रिस्तरीय बैठक अरब स्टेट के साथ भारत की पहली बैठक
  • IAFS-III में पहली बार सभी अफ्रीकी देशों केसाथ सामूहिक व्यस्तता

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