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राहुल जी! देखिए किस तरह गांधी परिवार ने हड़पी किसानों की हजारों एकड़ जमीन

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले दिनों काफी टेंशन में थे। राहुल इतने दबाव में थे कि क्या करें और क्या बोलें, इसका कोई विवेकपूर्ण निर्णय नहीं ले पा रहे थे। इस स्थिति में वह गुजरात चुनाव के समय जो भी प्रश्न पूछ रहे थे, वे झूठे ही साबित हो रहे थे।

जमीन हड़पने का झूठा आरोप- राहुल गांधी ने 7 दिसबंर को किसानों की जमीन छीनने का आरोप अपने प्रश्न में ट्विटर पर लगाया।

गांधी परिवार ने किसानों की हजारों एकड़ जमीन हड़पी है– राहुल गांधी ने किसानों की जमीन छीनने का आरोप लगाकर अपनी और अपने परिवार की ही करनी को सामने ला दिया। यूपीए शासनकाल में  उन्होंने खुद, उनकी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी और जीजा राबर्ट वढेरा ने किसानों की हजारों एकड़ जमीनें हड़पी हैं। इन हड़पी गई जमीनों को लेकर मुकदमे और जांच चल रहे हैं। आइये, देखते हैं कि गांधी परिवार ने देश में कहां-कहां और कितनी जमीनें हड़पी हैं, ये वे सबूत हैं जो जनता के संज्ञान में है, इसके अतिरिक्त न जाने कितनी और जमीनें होगीं जो जनता के संज्ञान में नहीं है।

हरियाणा के उल्लवास में 1,400 एकड़ जमीन हड़पी- 2009 में हरियाणा में कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने उल्लवास गांव के पंचायत की 1400 एकड़ जमीन, सार्वजनिक उपयोग के नाम पर लेकर राजीव गांधी चैरिटेबुल ट्रस्ट को दे दी। हुड्डा सरकार द्वारा गांधी परिवार को इस तरह जमीन हड़प कर देने के खिलाफ पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायलय में गांव की पंचायत ने मुकदमा कर रखा है।

उत्तर प्रदेश के अमेठी में 65 एकड़ जमीन हड़पी- उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम ने 1983 में अमेठी के कौहार गांव में सम्राट साइकिल कंपनी को फैक्टरी लगाने के लिए किसानों से 65 एकड़ जमीन लेकर दी थी। इस जमीन पर कंपनी ने कोई फैक्टरी नहीं लगाई और पूरी जमीन राजीव गांधी चैरिटेबुल ट्रस्ट को दे दी। इस तरह से गरीब किसानों की जमीन को अपरोक्ष रुप से गांधी परिवार ने हड़प लिया। 26 अगस्त 2015 को स्थानीय अदालत ने राजीव गांधी ट्रस्ट को पूरी जमीन उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम को लौटाने का भी आदेश दे दिया है।

हरियाणा के अमिपुर गांव में 50 एकड़ जमीन हड़पी- हरियाणा में कांग्रेस की हुड्डा सरकार की मिलीभगत से गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी और दामाद रार्बट वढेरा ने 50 एकड़ जमीन सस्ते कीमतों पर किसानों से खरीद ली और बाद में अपनी कांग्रेसी सरकार से जमीन का लैंड यूज  बदलवाकर डीएलएफ को टाउनशिप बनाने के लिए बेच दिया। इस पूरे कारोबार में परिवार ने सैकडों करोड़ रुपयों का मुनाफा कमाया।

राजस्थान के बिकानेर में 275 बीघा जमीन हड़पी– राबर्ट बढेरा ने किसानों से 275 बीघा जमीन सस्ते दाम में 2010 में खरीदी और बाद में सोलर कंपनियों को बेचकर सैकड़ों करोड़ रुपये कमा लिए। गरीबों के जमीन को इस तरह खरीद कर मुनाफाखोरी करने के कारनामों पर सीबीआई  ने चार एफआईआर दर्ज कर रखी है और जांच कर रही है।

हिमाचल प्रदेश के शिमला में 4 बीघा जमीन हड़पी- हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर के छराबड़ा इलाके में प्रियंका गांधी ने घर बनवाने के लिए 4 बीघा जमीन गैरकानूनी तरीके से 2007 में  खरीद ली है। जिस जमीन की कीमत बाजार में 1 करोड़ प्रति बीघा थी, उसे कांग्रेस की राज्य सरकार ने 47 लाख प्रति बीघा में दिलवाया। प्रदेश से बाहर के व्यक्तियों को जमीन न खरीदने के कानूनी प्रावधानों को भी राज्य सरकार ने बदल दिया। इस जमीन का मामला शिमला उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।

हरियाणा के पंचकुला में जमीन हड़पी- हरियाणा में पंचकुला के सेक्टर 6 के प्लाट संख्या सी-17 की 3,500 स्कावयर मीटर जमीन नेशनल हेराल्ड को समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए 1982 में  कांग्रेसी सरकार ने दी, लेकिन दस सालों तक यहां से कोई समाचार पत्र प्रकाशित नहीं हुआ। इस तरह से यह जमीन सरकार को वापस कर दी जानी चाहिए थी, लेकिन गैरकानूनी तरीके से हुड्डा सरकार ने 2013 में इस जमीन को नेशनल हेराल्ड के नाम पर कर दिया। आज इसकी सीबीआई जांच हो रही है, क्योंकि देश के कई शहरों में नेशनल हेराल्ड के नाम पर राज्य सरकारों द्वारा नेशनल हेराल्ड को बड़े पैमाने पर जमीनें दी गई हैं। एक अनुमान के अनुसार, नेशनल हेराल्ड के पास 2000 करोड़ रुपयों से ऊपर की जमीनों पर कब्जा है, जिसका तथाकथित मालिकाना हक राहुल गांधी और सोनिया गांधी का है।

किसान, जो इस देश के अन्नदाता है, उससे गांधी परिवार ने सत्ता में रहने का लाभ उठाते हुए हजारों एकड़ जमीन पूरे देश में हड़प ली है। जब कांग्रेस पार्टी का मुखिया ही जमीन हड़पने में लगा हुआ हो तो, पार्टी के अन्य बड़े और छोटे नेताओं ने पिछले 70 सालों में कितनी जमीनें किस-किस तरह हड़पी होगीं इसका मात्र अनुमान ही लगाया जा सकता है।

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