प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को ध्यान में रख कर महात्वाकांक्षी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की है। 25 सितंबर को विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना विधिवत लॉन्च होने वाली है। इससे पहले दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल Lancet ने बड़ी स्तर गरीबों को स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराने वाली इस योजना के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। Lancet मेडिकल जर्नल के प्रधान संपादक रिचर्ड हॉर्टन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसे पहले नेता है, जिन्होंने सबको स्वास्थ्य सुविधा जैसे अहम मसले को अपने राजनीतिक सुधारों में शामिल किया है।
10 करोड़ गरीब परिवारों को मिलेगा लाभ
उल्लेखनीय है कि दुनिया में मोदी केयर के नाम से विख्यात इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों यानि 50 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये का सालाना चिकित्सा बीमा की सुविधा मिलेगी। इसके लिए मोदी सरकार ने देशभर में चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने की भी योजना बनाई है, जिसके तहत 1.5 लाख वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक Lancet मेडिकल जर्नल के लेख में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की गरीबों, वंचितों और आदिवासियों को चिकित्सा सुविधा देने के वादे को पूरा नहीं करने के लिए आलोचना भी की गई है। Lancet के मुताबिक हाल ही में लंदन दौरे के वक्त राहुल गांधी ने भारत में रोजगार संकट की तो बात की थी, लेकिन वहां स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कुछ भी नहीं बोला था।
उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत को लेकर मोदी सरकार बेहद गंभीर है और 25 सितंबर को इसकी लॉन्चिंग को लेकर युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है। डालते हैं तैयारियों और योजना के स्वरूप पर एक नजर-
देश भर में आयुष्मान भारत की लॉन्चिंग के लिए तैयारियां
जनसामान्य के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं पर अमल को लेकर कैसी तेजी होती है, इसकी बानगी आयुष्मान भारत योजना में भी देखने को मिल रही है। स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले के प्राचीर से उन्होंने इस योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान को 25 सितंबर से लॉन्च करने का एलान किया था और इसके तीन हफ्ते के भीतर पायलट रन शुरू हो चुका है।
उत्तर प्रदेश में योजना का पायलट उद्घाटन
इसी महीने 4 सितंबर को उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान का पायलट रन शुरू हो गया। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बलरामपुर अस्पताल में इसका उद्घाटन छह लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड बांटकर किया। इस योजना से अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 1.18 करोड़ परिवारों को यानि लगभग छह करोड़ लोगों को लाभ मिलने वाला है। वहीं देश भर में इस योजना से कुल 10.74 करोड़ परिवारों को लाभ मिलने वाला है। योजना के तहत सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती होकर उन्हें गंभीर से गंभीर बीमारियों में भी 5 लाख लाख रुपये तक की नि:शुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी।
कुल 1350 बीमारियों का इलाज
आयुष्मान भारत योजना के तहत 1350 बीमारियों का इलाज होगा। यह योजना हार्ट अटैक और कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों में राहत दिलाने में बेहद काम आएगी। इलाज के दौरान दवा, मेडिकल जांच (एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई समेत कई जांच) पूरी तरह से नि:शुल्क होगी। पहले चरण में समाज के वंचित, पिछड़े, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। योजना के अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिन्हित परिवारों के अलावा स्वत: सम्मिलित श्रेणियों एवं शहरी क्षेत्र की 11 कामगार श्रेणियों के तहत आने वाले लोग जैसे कचरा उठाने वाले और फेरी वालों को इस योजना का लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत पात्र परिवार के सभी सदस्य योजना के पात्र होंगे। यानि सदस्यों की संख्या, आयु सीमा जैसी कोई भी बाध्यता नहीं होगी।
सही संचालन के लिए आयुष्मान मित्र
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को सही तरीके से संचालित करने के लिए हर अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र नियुक्त करने का निर्णय किया है। ये आयुष्मान मित्र मरीजों को इलाज की सुविधाएं सरकारी और अनुबंधित अस्पतालों में उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार होंगे। वहीं देश भर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को 25 सितंबर को आरंभ करने के लिए मोदी सरकार आखिरी तैयारियों में जुटी हुई है। लॉन्चिंग की तैयारियों पर प्रधानमंत्री की पूरी नजर है और डेडलाइन को मीट करने के लिए सरकार रात-दिन एक कर चुकी है।
बिहार में 10 लोगों को गोल्डेन कार्ड
बिहार में भी दस लोगों को गोल्डेन कार्ड देकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान का पायलट रन शुरू कर दिया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पीएमसीएच में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को यह कार्ड प्रदान किया। बिहार में इस योजना के तहत पहले ही आर्थिक व सामाजिक जनगणना के आधार पर एक करोड़ बीस लाख लोग चयनित किए जा चुके हैं। योजना लागू करने के लिए राज्य के 32 सरकारी अस्पतालों को चयनित कर लिया गया है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों से भी आवेदन मांगा गया है।
हरियाणा के करनाल में नवजात बनी पहली लाभार्थी
गौर करने वाली बात ये भी है कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को योजना को देश भर में लॉन्च करने की तारीख का ऐलान किया था और उसी दिन हरियाणा के करनाल में इस योजना को पहली लाभार्थी मिल गई। वहां के कल्पना चावला सरकारी अस्पताल में 15 अगस्त को पैदा हुई बच्ची इस योजना की पहली लाभार्थी है। आयुष्मान भारत हरियाणा ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक अगर सिस्टम में परिवार का नाम है तो उसके सभी सदस्य लाभार्थी बन जाते हैं और बच्ची का जन्म चूंकि सिजेरियन सेक्शन के माध्यम से हुआ इसलिए वह अपने आप योजना की लाभार्थी बन गई।
Baby Karishma of Karnal, Haryana arrives as the first claim beneficiary of Ayushman Bharat Scheme. Congrats to the proud parents and best wishes to the future of this Daughter of India. Beti Bachao Beti Padhao. @JPNadda @cmohry @anilvijminister @AyushmanNHA @NITIAayog @PMOIndia pic.twitter.com/IEd5e17Fj0
— Ayushman Bharat Haryana (@BharatHaryana) September 1, 2018